Sensex के ताज़ा अपडेट और विश्लेषण

When working with Sensex, भारत की प्रमुख शेयर‑बाजार सूचकांक, जो BSE के 30 बड़े कंपनियों के शेयरों के औसत मूल्य को दर्शाता है. Also known as बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज इंडेक्स, it acts as a quick health‑check for the Indian economy. इस लेख में हम देखेंगे कि कैसे स्टॉक मार्केट, ऑपरेशन, ट्रेडिंग वॉल्यूम और नियामक बदलावों का एक बड़ा मंच के‑किए गए बदलाव सीधे Sensex को प्रभावित करते हैं। साथ ही, नवीनतम IPO, नई कंपनियों के सार्वजनिक रूप से शेयर जारी करने की प्रक्रिया की कीमतें और निवेशक भावना भी सूचकांक में उतार‑चढ़ाव का कारण बनती हैं।

कमोडिटी बाज़ार के समाचार भी संपूर्ण तस्वीर बदलते हैं। उदाहरण के लिए, सोना, एक सुरक्षित निवेश विकल्प जो महंगाई और भू‑राजनीतिक तनाव पर प्रतिक्रिया देता है की कीमतों में जब तेज़ी आती है, तो निवेशक शेयरों से हट कर सुनहरी में भागते हैं, जिससे Sense – और अंततः Sensex – कमी देखता है। इसी तरह, बिटकॉइन, डिजिटल मुद्रा जो वैश्विक वित्तीय प्रवाह को बदल रही है की बड़ी उछाल या गिरावट भी भारतीय निवेशकों की जोखिम‑भृता को प्रभावित करती है, और अन्ततः सूचकांक के रुझानों को झकझोर देती है। इन चार मुख्य इकाइयों – Sensex, स्टॉक मार्केट, IPO, सोना और बिटकॉइन – के बीच आपसी प्रभाव हमारे अगले सेक्शन में गहराई से समझाया गया है।

क्या देखें आगे?

नीचे आप पाएँगे विभिन्न लेखों की एक क्यूरेटेड लिस्ट, जिसमें सोने‑चांदी की कीमतें, हालिया IPO डेटा, क्रिकेट और अन्य घटनाओं का स्टॉक मार्केट पर प्रभाव, तथा बिटकॉइन की कीमतों का विश्लेषण शामिल है। ये सब आपके लिए हैं ताकि आप Sensex की हर बारीकी को समझ सकें और बेहतर निवेश निर्णय ले सकें।

Sensex 19 सितंबर को गिरा 387 अंक, 82,700 की रेंज टूटती

Sensex 19 सितंबर को गिरा 387 अंक, 82,700 की रेंज टूटती

Anindita Verma सित॰ 27 0 टिप्पणि

19 सेप्टेम्बर को भारतीय शेयर बाजार में अचानक गिरावट आई, जहाँ Sensex 387 अंक नीचे गया और 82,700 के नीचे पहुँच गया। यह गिरावट तीन‑दिन की जीत के बाद आई, जबकि निवेशकों ने अमेरिकी फेड दर कट और दो‑तरफा व्यापार वार्ता की आशा से उछाल महसूस किया था। एडीनी समूह के शेयर 13 % तक उछले, क्योंकि सेबी ने हिन्डेनबर्ग केस में उन्हें साफ‑सुथरा कर दिया। वेदांता को भी एपी सरकार ने मैंगनीज ब्लॉक के प्रमुख बोलीदाता के रूप में चुना। वैश्विक संकेतों में मिश्रित प्रवृत्ति और लाभ‑उठाव ने बाजार की दिशा को प्रभावित किया।

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