Sensex 19 सितंबर को गिरा 387 अंक, 82,700 की रेंज टूटती

Sensex 19 सितंबर को गिरा 387 अंक, 82,700 की रेंज टूटती
Anindita Verma सित॰ 27 0 टिप्पणि

बाजार की व्यापक गिरावट का कारण

शुक्रवार, 19 सितंबर को भारतीय इक्विटी मार्केट में खुलते‑ही बेचैन माहौल छा गया। बैंसेस के Sensex ने 387 अंकों का गिरावट दिखा, जिससे सूचकांक 82,700 की रेखा को नीचे धकेल दिया। साथ ही, निफ़्टी 50 ने भी हल्की दबाव झेली। इस प्रतिकूल बदलाव के बाद, 11 में से 10 ट्रेडिंग सत्रों में शेयर बाजार ने बढ़त बनायी रखी थी, जो अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा दर कट की उम्मीद और नई दिल्ली‑वॉशिंगटन व्यापार वार्ता की प्रगति से प्रेरित थी।

विश्लेषकों का मानना है कि इस गिरावट का मुख्य कारण दो पहलू हैं: पहला, पिछले कुछ सत्रों में हुए तेज़ी से बढ़ते लाभ को लेकर निवेशकों ने लाभ‑उठाव (profit‑taking) किया; दूसरा, वैश्विक संकेतों में मिश्रित प्रवृत्ति ने भारत के बाजार को हिला दिया। एशियाई शेयर बाज़ार में शुरुआती ट्रेड में अधिकांश देशों ने हल्की ऊपर की दिशा दिखाई, जबकि शंघाई, सियोल, सिंगापुर और ताइवान के मुख्य ब्रोकरों में गिरावट दर्ज हुई।

कॉर्पोरेट खबरें: एडीनी और वेदांता के शेयरों में उछाल

कॉर्पोरेट खबरें: एडीनी और वेदांता के शेयरों में उछाल

एडीनी ग्रुप के शेयरों ने इस दिन को यादगार बना दिया। सुरक्षा और विनियमन बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी शॉर्ट‑सेलर हिन्डेनबर्ग रिसर्च की ओर से दायर स्टॉक मैनिपुलेशन केस में गौतम एडीनी और उनके समूह को साफ़ किया, जिससे एडीनी के सभी शेयरों में 13.3 % तक की छलांग लग गई। इस साफ‑सफ़ाई ने एडीनी‑इंडिया, एडीनी पोर्ट, एडीनी एटर्निटी आदि में निवेशकों का भरोसा फिर से जगाया।

वहीं, वेदांता लिमिटेड को भी सकारात्मक खबर मिली। आंध्र प्रदेश सरकार ने कंपनी को पुणाम मैंगनीज ब्लॉक (152 हेक्टेयर) के G4 अन्वेषण स्तर पर प्राथमिक बोलीदाता के रूप में चुना। इस घोषणा ने वेदांता के शेयरों को समर्थन दिया और धातु उद्योग में उसकी स्थिति को सुदृढ़ किया।

कमोडिटी मार्केट में भी हल्की गिरावट देखी गई। गोल्ड का स्पॉट प्राइस 1.11 % गिरकर ₹3,647.48 प्रति औंस हो गया, जबकि ब्रेंट क्रूड 0.07 % की कमी के साथ $67.39 प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था। ये कीमतें वैश्विक जोखिम भूख में हल्की कमी को दर्शाती हैं, जिससे इक्विटी मार्केट में भी दबाव बढ़ा।

सेक्टर रोटेशन की बात करें तो कुछ क्षेत्रों ने मदद की, जबकि कई ने कुल गिरावट में योगदान दिया। टेक्नोलॉजी और उपभोक्ता वस्तु सेक्टर में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई, परन्तु वित्तीय, धातु और रियल एस्टेट सेक्टर में गिरावट ने समग्र इंडेक्स को नीचे धकेल दिया।

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