पाकिस्तान बनाम अफगानिस्तान: शारजाह में 39 रनों की ठोस जीत, रऊफ के मेडन ओवर ने मैच पलट दिया

पाकिस्तान बनाम अफगानिस्तान: शारजाह में 39 रनों की ठोस जीत, रऊफ के मेडन ओवर ने मैच पलट दिया
Anindita Verma अग॰ 31 0 टिप्पणि

मैच का हाल: शारजाह में एक मेडन ओवर, और खेल बदल गया

एक मेडन ओवर ने पूरा मुकाबला उलट दिया—टी20 में यह दुर्लभ है, और शारजाह में तो और भी। टी20 ट्राई-सीरीज़ के उद्घाटन मैच में पाकिस्तान बनाम अफगानिस्तान भिड़े, और पाकिस्तान ने 39 रनों से जीत दर्ज की। अफगानिस्तान 93/2 तक पहुंच गया था, पीछा आसान दिख रहा था, लेकिन 12वें ओवर में हरीस रऊफ ने दो विकेट लेकर बिना रन दिए ओवर निकाला और पेंडुलम पूरी तरह पलट गया।

टॉस जीतकर पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी चुनी और 20 ओवर में 182/7 का मजबूत स्कोर खड़ा किया। कप्तान सलमान अली आगा ने 36 गेंदों पर नाबाद 53 की सुविचारित पारी खेली—3 चौके, 3 छक्के, स्ट्राइक रोटेशन के साथ बाउंड्री ढूंढने का सही संतुलन। बीच-बीच में विकेट गिरते रहे, पर आगा विकेट पर जमे रहे और पारी को एंकर किया। आखिरी ओवरों में फहीम अशरफ ने 5 गेंद में 14 रन जोड़कर स्कोर को धकेला, हालांकि अंतिम गेंद पर रन-आउट हो गए।

अफगानिस्तान की गेंदबाजी में फरीद अहमद मलिक ने 2 विकेट निकाले, पर चार ओवर में 47 रन लुटे—डेथ ओवर्स में लाइन-लेंथ चूकी और पाकिस्तान ने वहीं फायदा उठाया। बाकी गेंदबाजों को भी वह लगातार दबाव नहीं बना जो टी20 में स्कोर रोकने के लिए जरूरी होता है।

लक्ष्य का पीछा करते हुए अफगानिस्तान ने शुरुआत ठोस रखी। 10 ओवर के बाद बोर्ड पर रन और विकेट दोनों हाथ में थे। पाकिस्तान के लिए यही खतरे की घंटी थी—और तभी हरीस रऊफ आए। 12वें ओवर में उन्होंने सेदीकुल्लाह अतल और करीम जनत को तेजी से पवेलियन भेजा और ओवर मेडन रखा। अगला ओवर (13वां) सुहैब/सुफियान मक़ीम ने केवल एक रन में एक विकेट लेकर पूरा दबाव पाकिस्तान की ओर मोड़ दिया।

यह सिर्फ स्कोरबोर्ड का दबाव नहीं था, मानसिक दबाव भी था। 93/2 से स्कोर देखते-देखते 97/7 हो गया—टीम का मध्यक्रम टूट गया। पाकिस्तान ने सर्कल में फील्डर बुलाए, लंबी बाउंड्री की तरफ गेंद फेंकी, और स्लोअर-हार्ड लेंथ का मिश्रण रखा। अफगान बल्लेबाज गलत शॉट चुनते गए और मौका पकड़ा गया।

अंत में राशिद खान ने उम्मीद जगा दी। उन्होंने आते ही गेंद सीधी स्टैंड्स में भेजी, शॉट्स साफ और ताकतवर—रिपोर्ट्स के मुताबिक उनका स्ट्राइक रेट करीब 243.75 रहा। कुछ छक्कों ने मैच को फिर से रोचक बनाया, पर नुकसान बहुत हो चुका था। जरूरत रन-रेट आसमान छूने लगी थी और साथ खेलता कोई बल्लेबाज क्रीज पर ठहर नहीं पाया। 19.5 ओवर में पूरी टीम 143 पर सिमट गई।

टर्निंग पॉइंट, रणनीति और बड़े सबक

टर्निंग पॉइंट, रणनीति और बड़े सबक

इस मैच का टर्निंग पॉइंट एकदम साफ है—हरीस रऊफ का 12वां ओवर। टी20 में मेडन अपने आप में घटना है, और जब उसी ओवर में डबल स्ट्राइक हो तो प्रभाव दोगुना हो जाता है। रऊफ ने गति में विविधता दिखाई, हार्ड लेंथ रखी, और बल्लेबाजों को फँसाया। उनके लिए यह सिर्फ विकेट्स वाला स्पेल नहीं था, यह वह स्पेल था जिसने विरोधी ड्रेसिंग रूम का आत्मविश्वास निकाल लिया।

कप्तान सलमान अली आगा की बल्लेबाजी जितनी परिपक्व दिखी, कप्तानी भी उतनी ही शांत रही। उन्होंने रऊफ को ठीक उसी समय बुलाया जब पार्टनरशिप जम चुकी थी। फील्ड सेटिंग में लॉन्ग-ऑन/लॉन्ग-ऑफ को गहराई पर रखकर जोखिम भरे हिट्स को आमंत्रित किया, और फिर गेंदबाजों को स्लोअर-हिटर लाइन पर टिकाए रखा। यह छोटी-छोटी चालें टी20 में मैच जिताती हैं।

अफगानिस्तान के लिए मुद्दा सिर्फ शॉट सेलेक्शन नहीं था, टेम्पो मैनेजमेंट भी था। 6 से 12 ओवर के बीच सिंगल-डबल निकालना, जोखिम कम करते हुए पारी आगे बढ़ाना—यहीं चूक हुई। जैसे ही दो विकेट गिरे, अगला बल्लेबाज भी उसी मोड में खेला जैसे मैच 16वां ओवर हो, जबकि स्थिति एक नए सेट-अप की मांग कर रही थी।

पिच की बात करें तो शारजाह की सतह पर गेंद बैट पर ठीक लग रही थी, लेकिन बीच के ओवरों में थोड़ी स्लो होने लगी। ऐसे में क्रॉस-सीम और बैक-ऑफ-लेंथ गेंदें ज्यादा असरदार रहीं। पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों ने इसे भांप लिया, जबकि अफगानिस्तान के गेंदबाज डेथ में यॉर्कर और लो-फुलटॉस के बीच नियंत्रण नहीं रख पाए।

स्कोरकार्ड ने यह भी दिखाया कि एंकर रोल कितना जरूरी है। सलमान अली आगा आखिर तक क्रीज पर रहे, इसलिए पाकिस्तान 150 से ऊपर धकेल पाया। इसके उलट, अफगानिस्तान के लिए 93/2 पर कोई एक बल्लेबाज 15-20 गेंद और खेल जाता तो मैच पूरी तरह अलग कहानी लिखता। राशिद की आतिशी पारी के बावजूद, मंच पहले ही ढह चुका था।

मैच से निकलते प्रमुख आंकड़े और चेहरे:

  • पाकिस्तान: 182/7 (20 ओवर) — सलमान अली आगा 53* (36), फहीम अशरफ 14 (5)
  • अफगानिस्तान: 143 ऑलआउट (19.5 ओवर)
  • हरीस रऊफ: मिड-ओवर्स में 4 विकेट, 12वां ओवर मेडन और डबल स्ट्राइक
  • फरीद अहमद मलिक: 4-ओवर में 2 विकेट, पर 47 रन—डेथ ओवर्स में महंगे
  • राशिद खान: हाई-इम्पैक्ट कैमियो, करीब 244 का स्ट्राइक रेट—लेकिन सपोर्ट नहीं मिला

यह जीत पाकिस्तान के लिए सिर्फ पॉइंट्स नहीं, मोमेंटम भी लेकर आई। नेट रन रेट को फायदा हुआ, और ड्रेसिंग रूम में भरोसा बना कि मैच बीच में फिसल भी जाए तो वापसी संभव है। अफगानिस्तान के लिए सीख सीधी है—मध्य ओवरों की साझेदारी और डेथ ओवर की गेंदबाजी पर तुरंत काम करना होगा।

टूर्नामेंट अभी लंबा है, और दोनों टीमों के पास अपनी-अपनी गलतियां सुधारने का समय है। पाकिस्तान की प्लानिंग—शांत शुरुआत, बीच में जोखिम का संतुलन, और डेथ में तेज धक्का—काम आई। अफगानिस्तान को चाहिए कि सेट बल्लेबाज आख़िर तक टिके रहें और गेंदबाजी में डेथ के लिए साफ़ रोल तय हों। अगला मुकाबला इसी लय और आत्मविश्वास को परखेगा।

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