BRS नेता के कविता को तिहाड़ जेल से दिल्ली के DDU अस्पताल में भर्ती किया गया

BRS नेता के कविता को तिहाड़ जेल से दिल्ली के DDU अस्पताल में भर्ती किया गया
Anindita Verma जुल॰ 17 13 टिप्पणि

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के कविता को मंगलवार शाम दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल में स्वास्थ्य समस्याओं के कारण तिहाड़ जेल से तेजी से लाया गया। कविता वर्तमान में दिल्ली की नई शराब नीति से जुड़े मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं, जिसमें उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी उन्हें इसी मामले में गिरफ्तार किया था।

कविता का आरोप और पिता का बयान

बीआरएस नेता पर आरोप है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) को नई शराब नीति के निर्माण में ₹100 करोड़ की रिश्वत दी। इस मामले में उनके पिता और पूर्व तेलंगाना मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने उनकी संलिप्तता को नकारते हुए इसे 'मोदी द्वारा रची गई साजिश' कहा है।

जेल में पूछताछ और अदालत में मामला

जेल में पूछताछ और अदालत में मामला

कविता से जेल में सीबीआई ने भी पूछताछ की है, जिसमें उन्होंने सह-अभियुक्त बुची बाबू के फोन से बरामद व्हाट्सएप चैट और पार्टी को दिए गए ₹100 करोड़ के कथित राशि पर सवाल किए। कविता ने दिल्ली की एक अदालत में 'डिफॉल्ट' जमानत के लिए अर्जी दी है, जिसमें उन्होंने यह दावा किया कि उनके खिलाफ चार्जशीट अधूरी है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को तय की है।

अन्य प्रमुख आरोपियों की स्थिति

इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी तिहाड़ जेल में बंद हैं। यह मामला दिल्ली की नई शराब नीति और इससे जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है, जिसकी जांच ईडी और सीबीआई कर रही हैं।

कविता वर्तमान में दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं और उनके स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कविता की राजनीतिक पृष्ठभूमि और परिवार की स्थिति

कविता की राजनीतिक पृष्ठभूमि और परिवार की स्थिति

के कविता, बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी हैं, जिन्होंने तेलंगाना की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कविता के जेल में रहने के कारण, उनके परिवार और समर्थकों में चिंता की स्थिति बनी हुई है।

केस का प्रभाव और राजनीतिक ध्रुवीकरण

यह मामला दिल्ली और तेलंगाना, दोनों में ही राजनीतिक ध्रुवीकरण का कारण बन रहा है। मोदी सरकार के खिलाफ बीआरएस और AAP का विरोध बढ़ता जा रहा है, और कविता की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है।

यह प्रकरण राजनीति और कानूनी जटिलताओं के एक जटिल जाल में फंसा हुआ है, जिसकी आगे की कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार है।

13 टिप्पणि
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    Nikhil Shrivastava जुलाई 17, 2024 AT 21:43

    अरे यार, कविता की तबियत बिगड़ रही है, दीन दयाल अस्पताल में भर्ती करवा दी गई है, तो अब इसी दवाई‑सेवा पे भरोसा करना पड़ेगा। उम्मीद है डॉक्टर लोग जल्दी कुछ असर दिखाएंगे, वरना फिर से जेल‑जेल में फँसी जाएँगी।

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    Aman Kulhara जुलाई 24, 2024 AT 06:36

    तिहाड़ जेल से तेज़ी से लाया गया कवि, दिल्ली के DDU अस्पताल में स्वास्थ्य कारणों से भर्ती किया गया। यह कदम प्रशासन को उनके स्वास्थ्य की गंभीरता दिखाता है; साथ ही यह संकेत देता है कि न्यायिक प्रक्रिया में मानवीय पहलू को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा रहा।

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    ankur Singh जुलाई 30, 2024 AT 16:33

    ये सब एक बड़ा राजनीतिक तमाशा है, जहाँ सत्ता वाले अपनी लहरें चलाते हैं और आम जनता को चुपचाप सहन करना पड़ता है। सरकारी एजेंसियों की तेजी से कार्रवाई सच में भरोसेमंद लगती है, लेकिन पीछे छिपी साजिश का सवाल अभी भी बना रहता है।

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    Aditya Kulshrestha अगस्त 6, 2024 AT 04:06

    देखो, तथ्य यही है कि नई शराब नीति में धोखा‑धड़ी के कई लेन‑देन हुए हैं। जाँच में मिली व्हाट्सएप चैट से पता चलता है कि 100 करोड़ रुपए का लेन‑देन रोक नहीं सका। 🤔 इस सबको कागज पर लाना ज़रूरी है, नहीं तो फिर से वही खेल दोहराएंगे।

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    Sumit Raj Patni अगस्त 12, 2024 AT 15:40

    भाई, राजनीति में इस तरह के भ्रष्टाचार का बड़ा दुष्प्रभाव है, जनता का भरोसा तोड़ देता है। अगर कूटनीति की जगह सच्चाई और इन्कार नहीं होगी, तो ये केस कई और राजनैतिक पहाड़ों को गिरा देगा।

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    Shalini Bharwaj अगस्त 19, 2024 AT 03:13

    कविता की हालत देख कर दिल बेचैन हो जाता है। इधर सरकार का बड़ा शो है, इधर रोगी की यही पीड़ा है। हमें इस स्थिति को समझ कर जल्दी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि उसकी स्वास्थ्य के साथ साथ न्याय भी मिले।

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    Chhaya Pal अगस्त 25, 2024 AT 14:46

    नई शराब नीति का मसला अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है, और इस पर कई पक्षों की धारणाएँ अलग‑अलग हैं।
    जिला‑जनता यह उम्मीद कर रही है कि इस केस से भ्रष्टाचार की जड़ें उखाड़ फेंकी जाएँगी।
    वहीं अन्य राजनीतिक दल इस मुद्दे को अपनी छवि बचाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
    कविता का स्वास्थ्य गंभीर है, इसलिए उसकी चिकित्सा देखभाल को प्राथमिकता देना चाहिए।
    सरकार को यह ध्यान में रखना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति की शारीरिक स्थितियों को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
    इसी बीच, विभिन्न एजेंसियों की जाँच में कई जुड़ी हुई कनेक्शन सामने आए हैं।
    ईडी और सीबीआई की साझेदारी से ही इस मामले में स्पष्टता आनी चाहिए।
    यदि न्यायालय में उचित प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, तो जनता का भरोसा कमज़ोर हो जाएगा।
    और यह भरोसा, जब टूटता है, तो लोकतंत्र की नींव को हिला देता है।
    आगे चलकर, यदि इस केस को सही तरीके से संभाला गया, तो यह अन्य मामलों के लिए मिसाल बन सकता है।
    विपरीत रूप में, यदि इसे राजनीतिक मंच बनकर दर्शाया गया, तो यह फिर से एक बड़ी असफलता सिद्ध होगी।
    कविता के पिता ने इस चीज़ को एक साजिश कहा है, और ऐसा ही कई लोग मानते हैं।
    पर तथ्य यह है कि कोर्ट में सबूतों को उचित रूप से पेश किया जाना चाहिए।
    चाहे वह रियायत हो या सजा, सब कुछ न्याय के पैमाने पर तय होना चाहिए।
    अंत में, यह केस सभी के लिए एक सीख बनना चाहिए कि सत्ता और भ्रष्टाचार का तालमेल कभी नहीं चलना चाहिए।

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    Naveen Joshi सितंबर 1, 2024 AT 02:20

    समित जी सही कह रहे हैं, भ्रष्टाचार का दुष्प्रभाव बहुत गहरा है, और जनता की निराशा बढ़ती जा रही है।

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    Gaurav Bhujade सितंबर 7, 2024 AT 13:53

    नवीन जी ने बिल्कुल ठीक ही कहा, हमें इस मुद्दे पर मिलकर आवाज़ उठानी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आए।

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    Chandrajyoti Singh सितंबर 14, 2024 AT 01:26

    कानूनी प्रक्रिया में यह स्पष्ट है कि सभी आरोपियों को समान अधिकार दिए जाने चाहिए, और उन्हें उचित डिफेंस का अवसर मिलना अनिवार्य है। न्यायिक सुनवाई के दौरान सभी साक्ष्य को ध्यान से परीक्षण किया जाएगा, जिससे निष्पक्ष फैसला सुनिश्चित किया जा सके।

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    Riya Patil सितंबर 20, 2024 AT 13:00

    कविता की शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।

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    naveen krishna सितंबर 27, 2024 AT 00:33

    चंद्र जी ने सही बिंदु उठाया, न्याय हमेशा पारदर्शी होना चाहिए 😊

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    Deepak Mittal अक्तूबर 2, 2024 AT 21:43

    यह सब एक बेबाक योजना का हिस्सा है, जहाँ सत्ता के लोग अपनी इच्छाओं को लागू करने के लिये सभी साधन अपनाते हैं; वैसा ही मामला इस केस में भी देखी जा रही है।

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