शेयरधारक: आपके अधिकार, जिम्मेदारियाँ और तेज़ जानकारी

अगर आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं तो आपको सिर्फ लाभ मिलने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए। शेयरधारक के रूप में जानना ज़रूरी है कि आपके कौन-कौन से अधिकार हैं, किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ सकती है और कब किस तरह का फैसला करना चाहिए। नीचे सीधे और काम की बातें बताई जा रही हैं ताकि आप अपने निवेश को बेहतर ढंग से संभाल सकें।

शेयरधारक के जरूरी अधिकार

आपको वोट करने का अधिकार मिलता है — आम सभा (AGM) या विशेष सभा में। यह वोट कंपनी के बड़े फैसलों पर असर डाल सकता है, जैसे निदेशक नियुक्त करना, ऑडिट रिपोर्ट मंज़ूर करना या बोनस/डिविडेंड नीति।

दूसरा महत्त्वपूर्ण अधिकार है जानकारी पाने का — वार्षिक रिपोर्ट, तिमाही वित्तीय रिपोर्ट और ऑडिट रिपोर्ट आपके लिए खुली होनी चाहिए। अगर कंपनी सूचना छुपाती है तो SEBI या कंपनी रजिस्ट्रार के पास शिकायत दर्ज कर सकती हैं।

डिविडेंड और कंपनी के लाभ में हिस्सेदारी भी आपका अधिकार है। साथ ही कॉर्पोरेट एक्शन (बोनस, स्प्लिट, राइट्स) में आपको सूचित किया जाना चाहिए।

रोज़मर्रा के निर्णय और क्या करें

पहला कदम: अपना DEMAT और PAN KYC अपडेट रखें। अगर ये सही नहीं होंगे तो डिविडेंड या ट्रांज़ैक्शन में दिक्कत आएगी।

AGM में भाग लें या प्रॉक्सी भेजें — अक्सर छोटे निवेशक प्रॉक्सी देकर भी अपना वोट करवा सकते हैं। प्रॉक्सी कैसे भरना है, यह कंपनी या रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर मिल जाता है।

फाइनेंशियल रिपोर्ट पढ़ना सीखें: रेवेन्यू, नेट प्रॉफिट, नकद प्रवाह (cash flow) और कर्ज का स्तर देखें। बढ़ता कर्ज और घटती नकद पोजीशन लाल झंडा हो सकते हैं।

टैक्स की बात करें तो डिविडेंड पर और शेयर बेचने पर capital gains पर नियम अलग होते हैं — शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन के टैक्स को समझें या कर सलाहकार से बात करें।

किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर कदम उठाइए: कंपनी के अचानक बड़े प्रमोटर ट्रांज़ैक्शन, लगातार रिज़ल्ट मिसहैप या रेगुलेटरी नोटिस दिखे तो SEBI SCORES पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं या किसी सूरमा निवेशक समूह से सलाह लें।

बेचना है तो रणनीति बनाइए — टैक्स, लॉकर-इन पीरियड और बाजार की लिक्विडिटी देख कर ही शेयर बेचें। कभी-कभी लॉंग-टर्म होल्डिंग बेहतर रिटर्न दे सकती है।

अपडेट कैसे रखें? हमारी साइट "मॉडम अनलॉक समाचार" पर कॉर्पोरेट, रजिस्ट्री, वित्त और बाजार से जुड़ी ताज़ा खबरें मिलती हैं। कंपनी की प्रेस विज्ञप्ति, quarterly results और regulatory updates की नोटिफिकेशन ऑन रखें।

अंत में, छोटे कदम बड़े फर्क डालते हैं: डॉक्युमेंट्स व्यवस्थित रहें, KYC समय पर अपडेट करें, AGM नोटिस ध्यान से पढ़ें और रिपोर्ट्स को साधारण तरीके से समझना सीखें। अगर कोई बात समझ न आए तो शेयर ट्रेडर, चार्टर्ड एकाउंटेंट या लॉ-एक्सपर्ट से बात कर लें।

अगर आप चाहते हैं तो हम आपको वेबसाइट पर शेयरधारक से जुड़ी ताज़ा खबरें और आसान गाइड्स लाते रहेंगे — ताकि आप सूचित फैसले ले सकें और अपने निवेश को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकें।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का बोनस शेयर इश्यू: 35 लाख शेयरधारकों के लिए क्या मायने रखता है मुफ्त शेयर

रिलायंस इंडस्ट्रीज का बोनस शेयर इश्यू: 35 लाख शेयरधारकों के लिए क्या मायने रखता है मुफ्त शेयर

Anindita Verma अग॰ 30 0 टिप्पणि

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बोनस शेयर इश्यू की घोषणा की है, जो इसके 35 लाख शेयरधारकों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला है। यह कंपनी अब तक का सबसे अधिक वार्षिक लाभ FY24 में ₹79,020 करोड़ दर्ज किया है। कंपनी का मूल्यांकन ₹20.6 लाख करोड़ का है। पिता, अंबानी ने बताया कि रिलायंस का उद्देश्य भारत में धन सृजन और हर भारतीय के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

और अधिक विस्तृत जानकारी