Paris 2024 ओलंपिक्स में मिशेल जेनेके: महिला 100 मीटर बाधा दौड़ कार्यक्रम

Paris 2024 ओलंपिक्स में मिशेल जेनेके: महिला 100 मीटर बाधा दौड़ कार्यक्रम
Anindita Verma अग॰ 6 10 टिप्पणि

मिशेल जेनेके: एक अनुभवी हर्डलर

ऑस्ट्रेलिया की मिशेल जेनेके का नाम एथलेटिक्स की दुनिया में बहुत ही अच्छे तरीके से पहचाना जाता है। वे तीन बार नेशनल चैंपियन बन चुकी हैं और Paris 2024 ओलंपिक्स के लिए उन्होंने कोटा भी सुरक्षित कर लिया है। जेनेके का एथलेटिक्स करियर प्रेरणादायक है, जिसमें उन्होंने 2016, 2023, और 2024 में 100 मीटर बाधा दौड़ के नेशनल टाइटल जीते हैं। उनका साल 2022 और 2023 बहुत ही उत्पादक रहा है, जिसमें उन्होंने अपने करियर के सबसे तेज समय दर्ज किए हैं।

‘डांसिंग हर्डलर’ का सफर

मिशेल को ‘डांसिंग हर्डलर’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उनका रेस से पहले का वार्म-अप डांस रूटीन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। यह डांस न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और उत्साह को भी दर्शाता है। खेल प्रेमियों और दर्शकों ने उनके इस स्टाइलिश तरीके को खूब सराहा और पसंद किया।

ओलंपिक्स की तैयारी

मिशेल जेनेके ने Australian National Championships में 100 मीटर बाधा दौड़ को 12.88 सेकंड में पूरा कर अपना स्थान Paris 2024 ओलंपिक्स के लिए सुनिश्चित किया। यह उनकी प्रभावशाली दृढ़ता और अनुशासन का प्रमाण है। वे 2016 में Rio ओलंपिक्स में पदार्पण कर चुकी हैं और अब 2024 में दूसरी बार ओलंपिक्स में हिस्सा लेंगी। यह उनके करियर के लिए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में प्रदर्शन

जेनेके का प्रदर्शन अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भी बेहतरीन रहा है। उन्होंने तीन बार Commonwealth Games में शीर्ष छह में स्थान प्राप्त किया और आठ बार की वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में से सात बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय 12.66 सेकंड है, जो उन्होंने 2022 World Athletics Championships, ओरेगन में प्राप्त किया। वे सैली पियर्सन के बाद दूसरी सबसे तेज ऑस्ट्रेलियाई महिला हर्डलर हैं।

Competition Schedule

Paris 2024 ओलंपिक्स में महिला 100 मीटर बाधा दौड़ का कार्यक्रम इस प्रकार है:

  • प्रारंभिक राउंड: 3 अगस्त 2024
  • सेमीफाइनल: 5 अगस्त 2024
  • फाइनल: 7 अगस्त 2024

मिशेल जेनेके की तैयारी और उनकी अद्वितीय दृष्टिकोण से उन्हें आशा है कि वे Paris 2024 ओलंपिक्स में अपने देश को गर्व महसूस कराएंगी। उनका करियर एक उदाहरण है कि कैसे मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास से सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनके प्रशंसक और समर्थक उन्हें देखने के लिए उत्सुक हैं और उनकी नई उपलब्धियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

10 टिप्पणि
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    Nikhil Shrivastava अगस्त 6, 2024 AT 18:36

    ये देखो, मिशेल जेनेके का डांसवॉर्म‑अप देख के पूरी ऑडियंस झूम उठी है। उनको देख के लगता है जैसे ट्रैक पर घोस्ट फायर कर रहे हों। उनके स्टाइल और रिद्म ने हर्डलिंग को बिल्कुल नई परिभाषा दी है।

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    Aman Kulhara अगस्त 6, 2024 AT 20:00

    सच में, मिशेल की 12.88 सेकंड वाली परफ़ॉर्मेंस, राष्ट्रीय मानकों को पुनः परिभाषित करती है; यह न केवल व्यक्तिगत उत्कृष्टता है, बल्कि यह ऑस्ट्रेलिया की एथलेटिक तैयारी का प्रतीक भी है; उनके अनुभव से यह स्पष्ट है कि उन्होंने तकनीकी प्रशिक्षण, मानसिक दृढ़ता, तथा पोषण विज्ञान को बेहतरीन रूप से संयोजित किया है; इस प्रकार की तैयारी, पेरिस 2024 जैसी बड़ी प्रतियोगिता में सफलता की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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    ankur Singh अगस्त 6, 2024 AT 21:23

    मुझे नहीं लगता कि मिशेल को इतना सराहा जाना चाहिए; हर साल नई प्रतिभा आते हैं, और वह सिर्फ आधी मेहनत से ही ओलंपिक को क्वालिफाई कर ली। उनका “डांसिंग हर्डलर” टैग बस ट्रेंड फॉलो करने जैसा है, असली मेहनत तो रेस के दौरान ही आती है, न कि प्री‑रूटीन में।

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    Aditya Kulshrestha अगस्त 6, 2024 AT 22:46

    अरे भाई, तुम्हें तो पता ही होगा कि हर्डलर का डांस सिर्फ शो नहीं, यह रिद्म, बाउंड्री, और फोकस को सिम्प्लिफाई करता है :) मिशेल ने इस तकनीक को ग्राउंडब्रेकिंग बना दिया है, इसलिए उसका टाइम लगातार नीचे गिर रहा है।

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    Sumit Raj Patni अगस्त 7, 2024 AT 00:10

    मिस्टर साइलेंट टाइप, अब जब आप मिशेल को “अंदाज़” कर रहे हो, तो याद रखो कि वह सिर्फ डांस नहीं, बल्कि पूरी एथलेटिक सर्जनात्मकता का इन्द्रधनुष है! उसकी गति, उसकी “हर्डलिंग पैंथर” जैसी अजेयता, हमारे लिए एक बिनमिसाल प्रेरणा है।

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    Shalini Bharwaj अगस्त 7, 2024 AT 01:33

    मैं कहूँगी, मिशेल का दृढ़ता तो शब्दों में नहीं बयां हो सकता, पर उसके प्रशिक्षण का असर साफ़ दिखता है। ऐसे एथलीट को समर्थन देना हमारा कर्तव्य है। आगे भी इस तरह उन्नति करती रहे, यही आशा है।

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    Chhaya Pal अगस्त 7, 2024 AT 02:56

    मिशेल जेनेके का सफर, जैसा कि हमें इस लेख में पढ़ने को मिला, कई पहलुओं से प्रेरणादायक है।
    पहला, वह तीन बार नेशनल चैंपियन बन चुकी हैं, जो दृढ़ता और निरंतरता का प्रमाण है।
    दूसरा, उनके डांसिंग वार्म‑अप ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि मानसिक फोकस को भी बढ़ाया।
    तीसरा, उनके द्वारा 12.66 सेकंड का पर्सनल बेस्ट सेट कर पारी 2022 में विश्व स्तर पर गहरा प्रभाव डाला।
    चौथा, वह ऑस्ट्रेलिया की दूसरी तेज़ महिला हर्डलर हैं, जिससे उनकी स्थिति और भी उल्लेखनीय बनती है।
    पाँचवां, वह 2016 रियो ओलंपिक में भी भाग ले चुकी हैं, जिससे उनका अंतरराष्ट्रीय अनुभव स्पष्ट होता है।
    छठा, उनका प्रशिक्षण शेड्यूल, जिसमें औसत 6‑7 घंटे की नियमित अभ्यास शामिल है, शुरुआती एथलीटों के लिये एक मॉडल है।
    सातवां, उन्होंने Commonwealth Games में लगातार शीर्ष छह में स्थान प्राप्त किया, जो निरंतर प्रदर्शन की गवाही देता है।
    आठवां, विश्व चैंपियनशिप्स में उन्होंने सात में से छह बार सेमीफाइनल तक पहुंच बनाई, जो उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा में उनकी स्थिरता को दर्शाता है।
    नौवां, उनके कोचिंग स्टाफ की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता; उन्होंने सही तकनीक, बाधा रणनीति, और रेस प्लानिंग में मदद की।
    दसवां, उनके सामाजिक मीडिया पर डांस रूटीन ने युवा एथलीटों को प्रेरित किया, जिससे खेल में भागीदारी का नया आयाम मिला।
    ग्यारहवां, वह हमेशा अपने प्रतिस्पर्धियों को सम्मान देती हैं, लेकिन साथ ही खुद के लिए उच्च मानक स्थापित करती हैं।
    बारहवां, उनका स्टाइल, मज़बूती, और सकारात्मक ऊर्जा, भारतीय दर्शकों को भी गहरी प्रेरणा देती है।
    तेरहवां, उनके अगले लक्ष्य, पेरिस 2024 ओलंपिक में फाइनल तक पहुँचना, उनका फोकस और दृढ़ता को और भी उजागर करेगा।
    चौदहवां, इस पूरे सफर में उनका मानसिक स्थित्व, जो कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से जुड़ा है, हमें सिखाता है कि सफलता केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक भी होती है।
    पंद्रहवां, अंत में, मिशेल का उदाहरण यह दर्शाता है कि निरंतर प्रयास, सही मार्गदर्शन, और आत्मविश्वास के साथ, कोई भी बड़ी मंच पर चमक सकता है।

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    Naveen Joshi अगस्त 7, 2024 AT 04:20

    मिशेल की तैयारी सच में शानदार है।

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    Gaurav Bhujade अगस्त 7, 2024 AT 05:43

    मैं यह जोड़ना चाहूँगा कि मिशेल की कोचिंग टीम ने जिन तकनीकी सुधारों पर काम किया, उनमें बाधाओं के बीच कदमों की दूरी को 2% तक घटाना शामिल था; ऐसा छोटा सुधार भी लम्बी दूरी पर मौलिक अंतर पैदा करता है। यह बात उन नवोदित एथलीटों के लिये महत्वपूर्ण है जो अपनी तकनीक को परिष्कृत करना चाहते हैं।

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    Chandrajyoti Singh अगस्त 7, 2024 AT 07:06

    यदि हम मिशेल के यात्रा को दार्शनिक दृष्टिकोण से देखेँ, तो यह स्पष्ट है कि व्यक्तिगत उत्कर्ष और सामाजिक प्रेरणा दोहरे रास्ते पर चलते हैं; उनका संघर्ष न केवल स्वयं के लिए, बल्कि व्यापक समुदाय के लिए एक प्रकाशस्तंभ बन जाता है। इस प्रकार, प्रत्येक एथलीट का प्रदर्शन एक नैतिक दायित्व भी बन जाता है, जहाँ सफलता को साझा मानवीय मूल्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

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