भारत के लोकसभा चुनाव का चौथा चरण 13 मई, 2024 को शुरू हुआ। इस चरण में 9 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की कुल 96 सीटों पर मतदान हो रहा है। यह विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक अभ्यास का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिसकी शुरुआत पहले तीन चरणों के साथ 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और 7 मई को हुई थी। परिणामों की घोषणा 4 जून को होने वाली है।
चौथे चरण में 9 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की कुल 96 सीटों पर मतदान किया जा रहा है, जो चुनावी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस चुनाव ने वैश्विक स्तर पर काफी ध्यान आकर्षित किया है, जो भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता और देश के भविष्य को आकार देने में नागरिकों की भागीदारी के महत्व को उजागर करता है।
चौथे चरण में शामिल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में निम्नलिखित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं:
- बिहार
- झारखंड
- मध्य प्रदेश
- महाराष्ट्र
- ओडिशा
- राजस्थान
- उत्तर प्रदेश
- पश्चिम बंगाल
- जम्मू और कश्मीर
- चंडीगढ़ (केंद्र शासित प्रदेश)
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में कुल 96 सीटों पर मतदान हो रहा है। प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न संख्या में निर्वाचन क्षेत्र हैं। सबसे अधिक सीटें उत्तर प्रदेश (13) और महाराष्ट्र (17) में हैं, जबकि चंडीगढ़ में सिर्फ एक सीट है।
प्रमुख उम्मीदवार और मुद्दे
चौथे चरण में कई प्रमुख राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता चुनाव मैदान में हैं। इनमें कई वर्तमान सांसद और मंत्री शामिल हैं। हर राज्य में स्थानीय मुद्दे चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
कुछ प्रमुख मुद्दे जो चुनाव में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं:
- आर्थिक विकास: आर्थिक विकास और रोजगार सृजन मतदाताओं के लिए प्रमुख चिंता का विषय है।
- कृषि संकट: किसानों की समस्याएं और कृषि क्षेत्र में सुधार भी चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- भ्रष्टाचार: भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ कार्रवाई मतदाताओं द्वारा बारीकी से देखी जा रही है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: आतंकवाद और सीमा सुरक्षा के मुद्दे भी चुनाव में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
विभिन्न राजनीतिक दल इन मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट कर रहे हैं और मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने घोषणापत्र और प्रचार अभियान में इन्हें प्रमुखता दे रहे हैं।
चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए कदम
भारतीय चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें शामिल हैं:
- सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की तैनाती
- संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय
- मतदान से पहले और बाद में आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन
- मतदान प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग और वेब कास्टिंग
- मतदाताओं में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान
चुनाव आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों, जिनमें पीने का पानी, छायादार स्थान और विकलांग मतदाताओं के लिए रैंप शामिल हैं।
निष्कर्ष
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का सफलतापूर्वक समापन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह चरण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मतदाताओं की भागीदारी को दर्शाता है और देश के भविष्य को आकार देने में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है। चुनाव प्रक्रिया के शेष चरणों के साथ-साथ मतगणना और परिणामों की घोषणा से जुड़ी प्रतीक्षा जारी है। 4 जून को घोषित होने वाले परिणाम देश के भविष्य की दिशा तय करेंगे।
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