सिद्धिक ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद AMMA महासचिव पद से दिया इस्तीफा

सिद्धिक ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद AMMA महासचिव पद से दिया इस्तीफा
मान्या झा अग॰ 25 0 टिप्पणि

सिद्धिक ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद AMMA महासचिव पद से दिया इस्तीफा

मशहूर मलयालम अभिनेता सिद्धिक ने मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (AMMA) के महासचिव पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की है। यह निर्णय उन्होंने अभिनेत्री रेवती सम्पथ द्वारा उन पर लगाए गए गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद लिया है। इन आरोपों ने मलयालम फिल्म उद्योग में तहलका मचा दिया है।

क्या है मामला?

रेवती सम्पथ ने आरोप लगाया है कि सिद्धिक ने 2016 में उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क किया और एक गैर-मौजूद फिल्म के ऑडिशन के बहाने उन्हें तिरुवनंतपुरम बुलाया। रेवती का कहना है कि सिद्धिक ने होटल के एक कमरे में उनका यौन शोषण किया, उन्हें शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया और कमरे में बंद कर दिया। हालांकि, रेवती किसी तरह बच निकलने में सफल रहीं।

इस घटना ने रेवती पर गहरा मानसिक प्रभाव डाला और उन्हें अपने सपनों को त्यागने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कुछ दोस्तों के साथ भी ऐसा अनुभव हुआ है।

सिद्धिक का इस्तीफा

सिद्धिक ने अपने इस्तीफे को AMMA के अध्यक्ष मोहनलाल को सौंप दिया। इस्तीफे में उन्होंने उल्लेख किया कि ऐसे गंभीर आरोपों के बीच उनके लिए इस पद पर बने रहना अनुचित है। सिद्धिक ने यह भी कहा कि वह कानूनी सलाह लेने के बाद इन आरोपों पर विस्तृत प्रतिक्रिया देंगे।

AMMA के कई सदस्यों ने सिद्धिक के इस्तीफे का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इन गंभीर आरोपों के मद्देनजर इस्तीफा देना आवश्यक था।

मलयालम फिल्म उद्योग में बवंडर

यह मामला मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के मुद्दों को उजागर करने वाला एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। हाल ही में जारी हुआ हेमा कमेटी रिपोर्ट ने भी फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के कई मामलों का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के बाद उद्योग में मंथन जारी है और सुधार की दिशा में कदम उठाने की मांग बढ़ रही है।

हेमा कमेटी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि फिल्म उद्योग में काम करने वाली महिलाओं के साथ किस तरह का दुर्व्यवहार होता है और उन्हें कैसे संरक्षित किया जा सकता है। इस रिपोर्ट को लेकर भी फिल्म उद्योग में बहस छिड़ी हुई है।

महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल

रेवती सम्पथ का मामला और हेमा कमेटी रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि मलयालम फिल्म उद्योग को महिलाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यह समय है कि उद्योग के सभी लोग मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालने की दिशा में काम करें।

महिलाओं को संरक्षित और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना न केवल उद्योग की प्रतिष्ठा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में महिलाओं के अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

उद्योग की भविष्य की दिशा

मलयालम फिल्म उद्योग को अब अपनी संस्कृति और काम करने के तरीके में बदलाव करने की आवश्यकता है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए नियम और नीतियां लागू की जानी चाहिए। महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस मामले ने फिल्म उद्योग के सभी प्रमुख व्यक्तियों को अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया है। यह समय है कि हम सभी मिलकर एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल बनाने की दिशा में प्रयास करें।

अपनी बात

रेवती सम्पथ का साहसिक कदम और सिद्धिक का इस्तीफा इस बात का प्रमाण है कि सही और न्यायपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इस घटना ने हमें यह सिखाया है कि किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाने से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है।

यह महत्वपूर्ण है कि हम हर ऐसे मुद्दे को गंभीरता से लें और अपने समाज को सुरक्षित और समान अवसर प्रदान करने वाली जगह बनाएं। हमें अपने समाज के हर व्यक्ति को न्याय और सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

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