अंबानी परिवार ने गंगा किनारे अपने दिवंगत पालतू कुत्ते 'हैप्पी' के लिए भव्य पूजा का आयोजन किया

अंबानी परिवार ने गंगा किनारे अपने दिवंगत पालतू कुत्ते 'हैप्पी' के लिए भव्य पूजा का आयोजन किया
Anindita Verma जून 15 8 टिप्पणि

ऋषिकेश में गंगा तट पर खास पूजा, परिवार में भावुक माहौल

भारत के सबसे चर्चित उद्योगपति परिवारों में शामिल अंबानी परिवार का अपनापन सिर्फ लोगों तक ही सीमित नहीं है, वे अपने पालतू जानवरों के साथ भी उतना ही गहरा रिश्ता रखते हैं। इसकी झलक हाल ही में देखने को मिली जब परिवार ने अपने प्यारे गोल्डन रिट्रीवर डॉग 'हैप्पी' के निधन के बाद ऋषिकेश की गंगा किनारे पूजा का आयोजन किया। यह कोई आम धार्मिक रस्म नहीं थी, बल्कि अंबानी परिवार की भावनाओं और अपने पालतू के प्रति सम्मान का अनोखा उदाहरण थी।

30 अप्रैल 2025 को 'हैप्पी' की मृत्यु के बाद पूरा परिवार उसकी याद में एकत्र हुआ। इस मौके पर आकाश अंबानी, उनकी पत्नी श्लोका मेहता, अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट मौजूद थे। श्लोका, जिन्हें परिवार की बड़ी बहू कहा जाता है, भावुक नजर आईं। दूसरी ओर, राधिका मर्चेंट की उपस्थिति भी काफी खास रही; वे छोटी बहू हैं और पूजा के हर चरण में सक्रिय रूप से हिस्सेदार बनी रहीं।

  • पूजा में भजन, गंगा आरती और वैदिक मंत्रोच्चार हुआ।
  • हवन कुंड में विधिवत आहुति दी गई।
  • हर सदस्य ने हैप्पी की याद में दीप प्रज्ज्वलित किया।
  • पूजा स्थल को पारंपरिक फूलों की माला और रंगोली से सजाया गया था।

अस्तित्व के हर छोटे-बड़े पहलू को महत्त्व देने वाली अंबानी की सोच यहां भी साफ दिखी। आमतौर पर लोग पालतू जानवर के गुजरने पर उसकी याद भर रखते हैं, मगर अंबानी परिवार ने पूरी धार्मिक रीति-रिवाज के साथ उसकी आत्मा की शांति के लिए देखा-सुना पूजा किया। गंगा नदी का तट वैसे भी हिन्दू परंपरा में सबसे पवित्र स्थानों में गिना जाता है, वहां हैप्पी की अंतिम स्मृति का आयोजन न सिर्फ परिवार की आस्था, बल्कि उनके संवेदनशील और जिम्मेदार स्वभाव को भी दर्शाता है।

परिवार के लिए 'हैप्पी' सिर्फ एक पालतू नहीं, सदस्य जैसा था

अंबानी फैमिली के कई समारोहों और फोटोज में 'हैप्पी' हमेशा शामिल रहा—कभी बच्चों के साथ खेलते, तो कभी त्योहारों में रंग-बिरंगे कपड़ों में नजर आता रहा। परिवार के समारोहों में उसका होना जितना आम था, उतना ही अनूठा था उसका सभी के साथ गहरा बॉन्ड। श्लोका मेहता, जो खुद भी एनिमल लवर मानी जाती हैं, इस मौके पर खुद को रोक नहीं पाईं और बार-बार उनकी आंखें नम हो गईं। वहीं राधिका मर्चेंट की पूजा में एक्टिव भागीदारी ने दिखा दिया कि कैसे नई पीढ़ी भी इस भावना को आगे बढ़ा रही है।

नई पीढ़ी के करोड़पति परिवार भले ही लग्जरी लाइफ जीते हैं, लेकिन जब बात अपने पालतू की आती है तो वे भी साधारण इंसानों जैसे जज़्बात दिखाते हैं। इस पूरी पूजा के दौरान पंडितों ने पारंपरिक वेद मंत्रों के साथ-साथ हैप्पी की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थनाएं कीं। वहां मौजूद स्थानीय लोगों के लिए भी यह नजारा चौंकाने वाला था; क्योंकि अंबानी परिवार जैसे बड़े नाम के लोग अपने कुत्ते के लिए इतने भावुक होकर पूजा कर सकते हैं, यह बात आम अनुभव से अलग थी।

परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि 'हैप्पी' के जाने के बाद घर में एक खालीपन सा आ गया है। बच्चे भी अक्सर उसे याद करके भावुक हो जाते हैं। कई लोग ये सोचते हैं कि पालतू जानवर केवल टाइमपास या शोपीस होते हैं, लेकिन जिनका असली रिश्ता अपने पैट से होता है, वे जानते हैं कि दर्द क्या होता है। शायद इसीलिए परिवार ने हैप्पी की याद में इतनी खास धार्मिक क्रिया की, जिसने इंसान और जानवर के रिश्ते की गहराई को सबके सामने रखा।

8 टिप्पणि
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    Mihir Choudhary जून 16, 2025 AT 21:53

    वाह! हैप्पी के लिए ऐसी पूजा देखना दिल को छू जाता है 😊

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    Tusar Nath Mohapatra जून 21, 2025 AT 13:00

    हँसते-हँसते लगता है अब एंबानी लोग भी पालतू के लिए पूजा में लगे हुए हैं, क्या थ्योरी है?

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    Ramalingam Sadasivam Pillai जून 26, 2025 AT 04:06

    जिंदगी में छोटे‑छोटे सुखों की कदर तभी होती है जब हम उन्हें खोने का डर महसूस करते हैं। हैप्पी जैसा दोस्त हमें बन्धुत्व का सच्चा अर्थ सिखाता है। पालतू अपने मालिक को बिना शर्त प्यार देते हैं, यही कारण है कि परिवार इसे झूठा नहीं मान सकता। गंगा किनारे पूजा इस बात की गवाही है कि मानवता का दिल अभी भी नरमी रखता है। यह घटना हमें बताती है कि धन से नहीं, बल्कि संवेदनशीलता से ही अद्वितीय संबंध बनते हैं।

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    Ujala Sharma जून 30, 2025 AT 19:13

    हैप्पी की याद में रिवाज़ी अतिरेक, देखो तो सही।

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    Amit Samant जुलाई 5, 2025 AT 10:20

    परिवार का यह भावनात्मक कदम सभी के लिए प्रेरणा है। ऐसा दिखाना कि हम अपने छोटे‑से‑साथी की याद को सम्मान देते हैं, सामाजिक सहानुभूति को बढ़ाता है। इस तरह की पूजा भावना को जागरूक करती है और हमें याद दिलाती है कि दिल से जुड़ाव कितना महत्वपूर्ण है।

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    Jubin Kizhakkayil Kumaran जुलाई 10, 2025 AT 01:26

    यह सब एक PR स्टंट से कम नहीं है हमें बड़ा नाम चाहिए अपना इमेज बॉल्ट करने के लिए यह सब किया गया है गंगा किनारे बस दिखावा है कि हम भी इंसान की तरह भावुक हैं लेकिन वास्तव में हम सिर्फ अपने ब्रांड को चमकाना चाहते हैं यह बात साफ़ है कि पैसे की ताकत से भावनाओं को भी मॉड्यूल किया जाता है यह देखते हुए हमें सोचना चाहिए कि कितना सच्चा है यह जश्न वैदिक मंत्रों से नहीं बल्कि कैमरे की लेंस से चल रहा है जनता को दिखाने के लिए ही यह सब किया गया है वह भी बड़े उधोगपतियों के धर्म के ढर्रे पर यह एक बहुत बड़ी रणनीति है लोगों की संवेदनशीलता को छेड़ने का यह खुद को सामाजिक रूप से उन्नत दिखाने का एक तरीका है इस तरह की कार्रवाई में असली इरादा क्या है यह सवाल उठता है कि वास्तव में हैप्पी को कितना प्यार किया गया था या सिर्फ एक बड़े नाम की इमेज बनानी थी इस सब के पीछे एक बड़े योजना है जो हम भलीभांति समझते हैं और उस पर सवाल उठाना चाहिए

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    tej pratap singh जुलाई 14, 2025 AT 16:33

    यह सब सरकारी एजेंडा का हिस्सा है, बड़े उद्योग परिवार गंगा पर इस तरह की पूजा करवा कर अपने प्रोजेक्ट को छुपाते हैं।

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    Chandra Deep जुलाई 19, 2025 AT 07:40

    आपकी बात समझ में आती है लेकिन हमें भी इस सकारात्मक पहल को सराहना चाहिए।

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