Son of Sardaar 2 के ओपनिंग दिन में कमाई: अजय देवगन की फ़िल्म ने दिखाया सिंगल‑डिजिट परिणाम

Son of Sardaar 2 के ओपनिंग दिन में कमाई: अजय देवगन की फ़िल्म ने दिखाया सिंगल‑डिजिट परिणाम
Anindita Verma सित॰ 26 8 टिप्पणि

ओपनिंग दिन का विस्तृत आंकड़ा

अगस्त 1, 2025 को रिलीज़ हुई Son of Sardaar 2 ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाने के बजाय बेगुनाह ही दिखी। फिल्म ने भारत में नेट 6.75 करोड़ से 7.50 करोड़ तक की कमाई की, जिससे पहले दिन की उम्मीदें काफी घट गईं। यह संख्याएं मूल 2012 की Son of Sardaar की 9.50 करोड़ की ओपनिंग से साफ़ तुलना में खड़ी हो गईं, खासकर जब टिकट की कीमत में 13 साल की बढ़ोतरी को जोड़ें तो अंतर और भी स्पष्ट हो जाता है।

फिल्म की स्क्रीन कवरेज 2,500‑3,000 थी, फिर भी occupancy लगभग 22.56 % ही रह गई। सुबह के शॉ़ में audience कम था (10.24 %), दोपहर के शॉ़ में थोड़ा सुधार (17.88 %), शाम में 21.84 % और रात में 40.27 % तक पहुंचा। यह दर्शाता है कि शब्द‑मुँह (वर्ड‑ऑफ़‑माउथ) की प्रभावीता सीमित रही, क्योंकि देर रात के दर्शकों ने ही थोड़ी ही बूस्ट दी।

  • कुल स्क्रीन: 2,500‑3,000
  • हिंदी occupancy: 22.56 %
  • सर्वोच्च occupancy: रात के शॉ़ में 40.27 %
  • पहले दिन की कुल विश्वव्यापी कमाई: लगभग 11 करोड़ रुपये
प्रतियोगिता, तुलना और आगे की राह

प्रतियोगिता, तुलना और आगे की राह

इसी हफ्ते सिनेमाघरों में Dhadak 2 भी चल रही थी, लेकिन दोनों फ़िल्मों में प्री‑रिलीज़ हाइप की कमी स्पष्ट थी। एडवांस बुकिंग में Son of Sardaar 2 ने 28,000 टिकट बेचीं, जबकि Dhadak 2 ने सिर्फ 18,000 टिकट। इससे पता चलता है कि दर्शकों की रुचि पहले से ही दो‑तीन दिनों के दायरे में ही जमे हुए थी।

अजय देवगन की 2025 की पिछली रिलीज़ Raid 2 ने ओपनिंग दिन 19.25 करोड़ का जम्प मार कर बॉक्स ऑफिस पर सच्ची धूम मचा दी थी। इस तुलना से Son of Sardaar 2 की कमाई और भी निराशाजनक लगती है। विशेषज्ञों ने शुरुआत से ही इसे “डिसएपॉइंटिंग” कहा और भविष्य के बारे में संदेह जताया।

ओपनिंग वीकेंड के आंकड़े भी निराशाजनक रहे – शनिवार‑रविवार की अतिरिक्त कमाई मिलाकर कुल 24.75 करोड़ हुए, और पहली पूरी हफ़्ते की कमाई 31.40 करोड़ तक सीमित रही। फिल्म ने अंततः विश्वव्यापी 60.9 करोड़ की कमाई की, जिसमें भारत से 43.24 करोड़ और ओवरसीज से 9.42 करोड़ आए। हालांकि कुल कमाई मध्यम लगती है, पर नेट 6‑7 करोड़ की ओपनिंग के कारण इसे बॉक्स‑ऑफ़िस पर “फ़्लॉप” वर्गीकृत किया गया।

भविष्य की संभावनाओं को देखें तो अब तक के आँकड़े संकेत देते हैं कि आगे के दिनों में भी बड़ी उछाल देखना मुश्किल हो सकता है। फिल्म को शनिवार‑रविवार में अपनी कमाई बढ़ाने के लिए शब्द‑मुँह का किराया बढ़ाना पड़ेगा, लेकिन शुरुआत की कमी को पलटना आसान नहीं होगा। इस तरह की स्थिति में ट्रेडर अक्सर स्क्रीन घटा कर या प्री‑मियम स्क्रीन पर फ़ोकस करके नुकसान कम करने की कोशिश करते हैं।

संपूर्ण तौर पर, Son of Sardaar 2 ने अपने बड़े स्टार्ट‑अप, स्टार‑कास्ट और वाइड रिलीज़ के बावजूद दर्शकों का भरोसा नहीं जीत पाई। यह केस स्टडी दिखाता है कि केवल बड़े नाम या स्क्रीन का होना ही बॉक्स ऑफिस पर सफलता की गारंटी नहीं देता; कहानी, मार्केटिंग और दर्शकों की अपेक्षा समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

8 टिप्पणि
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    Vishnu Vijay सितंबर 26, 2025 AT 15:33

    सभी को नमस्ते 😊, Son of Sardaar 2 की ओपनिंग आंकड़े देखते हुए थोड़ा निराशा महसूस होती है, लेकिन यह भी एक सीख है कि बड़े नाम से हमेशा बॉक्स ऑफिस की गारंटी नहीं मिलती। छोटे‑स्थानीय फैंस की प्रतिक्रिया को सुनना और आगे की रणनीति बनाना जरूरी है। आशा है अगली हफ्ते में कुछ सकारात्मक बदलाव देखेंगे। 🎬

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    Aishwarya Raikar अक्तूबर 2, 2025 AT 13:13

    भले ही आंकड़े बोरिंग लगें, लेकिन क्या आपको पता है कि इस फिल्म की रिलीज़ में गुप्त अल्गोरिद्म शर्तें थीं? तयशुदा स्क्रीन बुकिंग और विज्ञापन बैकडोर पर खेला गया था, यही कारण है कम occupancy। फिर भी जनता को अनकही सच्चाई से बचाया नहीं जा सकता। 🙄

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    Arun Sai अक्तूबर 8, 2025 AT 08:06

    परिचालन मीट्रिक के दृष्टिकोण से देखें तो per‑screen average लगभग 2.8 लाख INR रहा, जो कि historical benchmark से 45 % नीचे है। occupancy churn का उल्लेख करना अनिवार्य है; 22 % की औसत दर को समझना आवश्यक है। भले ही प्री‑रिकॉर्डेड डेटा यह दर्शाता है कि marketing‑mix में inefficiency है, फिर भी KPI‑driven सुधार सम्भव है।

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    Manish kumar अक्तूबर 14, 2025 AT 03:00

    भाई लोग, फिल्म का किक‑ऑफ़ कमज़ोर था पर अभी भी टाइम है रिवाइज़ करने का

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    Divya Modi अक्तूबर 19, 2025 AT 21:53

    सभी को प्रणाम 🙏, भारत के सिनेमा हॉल में स्क्रीन कवरेज और स्थानीय भाषा की सांस्कृतिक जुड़ेपन पर ध्यान देना चाहिए। अगर regional promotions बढ़ें तो occupancy सुधार सकता है।

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    ashish das अक्तूबर 25, 2025 AT 16:46

    माननीय श्रीमती मोदी जी, आपके द्वारा उजागर किए गए बिंदु अत्यधिक प्रासंगिक हैं। विशेषतः, भाषा‑अनुकूलित विपणन रणनीतियों द्वारा दर्शक संलग्नता को उत्तेजित किया जा सकता है, जिससे साक्ष्य‑आधारित परिवर्तन संभव है।

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    vishal jaiswal अक्तूबर 31, 2025 AT 11:40

    डेटा‑सैट की विश्लेषणात्मक समीक्षा दर्शाती है कि इस सप्ताह के दौरान समग्र बॉक्स‑ऑफिस प्रतिगमन स्पष्ट है, विशेषकर वार्डिंग‑स्प्रेड में असमानता।

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    Amit Bamzai नवंबर 6, 2025 AT 06:33

    विषय की गहराई में जाने पर हमें कई पहलुओं को समझना जरूरी है। सबसे पहले यह स्पष्ट है कि स्क्रीन कवरेज पर्याप्त था पर occupancy को बढ़ाने में कमी रही। दूसरा कारण विज्ञापन रणनीति का समयबद्धता था। तृतीय बिंदु में दर्शकों की प्राथमिकता बदल रही है। चौथा, नई रिलीज़ की तुलना में दाहडक 2 का पूर्व‑हाइप बेहतर था। पाँचवाँ, टिकट की कीमत में वृद्धि ने कुल राजस्व को प्रभावित किया। छठा, प्री‑बुकिंग डेटा से पता चलता है कि ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म रुचि को पकड़ नहीं पाए। सातवाँ, सामाजिक मीडिया पर ट्रेंडिंग नकारात्मक समीक्षाएँ तेजी से फैलती हैं। आठवाँ, शब्द‑मुँह की प्रभावशीलता को मापना कठिन है। नवाँ, कूटनीतिक रूप से ट्रेडर को स्क्रीन घटाना पड़ता है। दसवाँ, प्री‑प्रीमियम स्क्रीन पर फोकस करने से मानकों में सुधार हो सकता है। इसी प्रकार, भविष्य के लिए संभावित उपायों की सूची बनानी होगी। उदाहरण के तौर पर, स्थानीय कलाकारों के साथ सहयोग बढ़ाया जाए। अतिरिक्त रूप से, मिड‑रेंज टिकट पैकेज लॉन्च किया जा सकता है। अंत में, डेटा‑ड्रिवेन निर्णय लेने से बॉक्स‑ऑफिस में सुधार संभव है। यह विश्लेषण समग्र रूप से दर्शकों के व्यवहार और बाजार गतिशीलता को समझने में मदद करता है।

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