डोनाल्ड ट्रंप को गोली लगी? फैक्ट चेक के बाद सच्चाई का उजागर

डोनाल्ड ट्रंप को गोली लगी? फैक्ट चेक के बाद सच्चाई का उजागर
मान्या झा जुल॰ 15 0 टिप्पणि

रैली के दौरान गोलीबारी का दावा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के जीवन में एक बार फिर से एक ऐसा विवाद आया है जिसने लोगों का ध्यान खींचा। बताया जा रहा है कि बटलर, पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप को गोली मार दी गई थी। ट्रंप ने खुद कहा कि गोली उनके दाहिने कान को छू कर निकल गई। लेकिन क्या वाकई ऐसा हुआ था?

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर और दावा

घटना के तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो गई जिसमें यह दावा किया गया कि ट्रंप को सीने में गोली मारी गई थी और वह इसलिए बच गए क्योंकि उन्होंने बुलेटप्रूफ जैकेट पहन रखा था। इस तस्वीर ने लोगों के बीच सनसनी फैला दी और सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं।

फैक्ट चेकिंग ने खोल दी पोल

भारत की प्रमुख फैक्ट चेकिंग एजेंसी इंडिया टुडे ने इस तस्वीर की पुष्टि करते हुए खुलासा किया कि यह दावा बिल्कुल गलत है। जब इस वायरल तस्वीर की गहराई से जांच की गई तो यह पता चला कि तस्वीर में दिखाया गया ‘होल’ वास्तव में ट्रंप के सुरक्षाकर्मी के कोट का मोड़ है। तस्वीर का वेरिफिकेशन रिवर्स इमेज सर्च के जरिए किया गया था, जिसके बाद इसे एसोसिएटेड प्रेस की वेबसाइट पर पाया गया। यह फोटो फोटोजर्नलिस्ट इवान वुची द्वारा ली गई थी और इसे एबीसी न्यूज ने भी साझा किया था।

घटना के असली तथ्यों का पता चला

इस घटना में एक और दिलचस्प मोड़ तब आया जब सामने आया कि रैली में आए एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और संदिग्ध, 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रूक्स को सीक्रेट सर्विस ने पकड़ लिया था और बाद में उसकी भी मौत हो गई थी।

सच्चाई का निचोड़

डोनाल्ड ट्रंप को सीने में गोली नहीं मारी गई थी। यह दावा पूरी तरह गलत था। जो छेद तस्वीर में दिखाया गया वह सिर्फ कोट का मोड़ था। एक बार फिर हमें याद रखना चाहिए कि सोशल मीडिया पर फैलाई गई हर जानकारी सच नहीं होती और हमें सही तथ्यों की जांच-पड़ताल करना आवश्यक है।

मीडिया में ट्रंप के विवादों का सिलसिला

मीडिया में ट्रंप के विवादों का सिलसिला

डोनाल्ड ट्रंप के बारे में विवाद और अफवाहें कोई नई बात नहीं हैं। उनकी पूरी राजनीतिक यात्रा विवादों और अज्ञात तथ्यों से भरी रही है। चाहे वह उनकी चुनावी रणनीति हो या उनके व्यक्तिगत फैसले, इन सबसे वह हमेशा चर्चाओं में बने रहते हैं।

सोशल मीडिया पर अफवाहों का प्रभाव

इन दिनों सोशल मीडिया का प्रभाव बहुत अधिक हो गया है। हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुविधा होने के कारण अफवाहें बड़ी तेजी से फैल जाती हैं। ऐसे में यह बहुत जरूरी होता है कि किसी भी जानकारी को आगे साझा करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच की जाए।

फैक्ट चेकिंग का महत्व

फैक्ट चेकिंग एजेंसियां हमें सच्चाई से वाकिफ कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे हमारी मदद करती हैं कि हम फर्जी खबरों और अफवाहों से बच सकें और सही जानकारी प्राप्त कर सकें। इंडिया टुडे फैक्ट चेक जैसी एजेंसियां न सिर्फ खबरों की प्रमाणिकता की जांच करती हैं, बल्कि बड़ी जानकारी और जागरूकता भी फैलाती हैं।

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