मुहूर्त – आज के प्रमुख समय और त्यौहार
जब हम मुहूर्त, वर्तमान दिन में वैदिक पंचांग के हिसाब से तय किए गए वह समय होते हैं, जिनमें कोई कार्य या पूजा करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है. भीतर्य नाम शुभ समय से भी इसे जाना जाता है, इसलिए कई लोग इसे रोज़मर्रा के फैसलों में इस्तेमाल करते हैं।
मुहूर्त का आधार ज्योतिष विज्ञान, ग्रहीय स्थितियों, नक्षत्र और योगों के विश्लेषण पर निर्भर करता है है; बिना इन गणनाओं के सही समय नहीं मिल पाता। यही कारण है कि ज्योतिषी अक्सर पंचांग खोलकर ग्रहों के भाव देखते हैं। इस संबंध को हम इस तरह बयां कर सकते हैं: **मुहूर्त** आवश्यक है ज्योतिष विज्ञान के लिए, क्योंकि इससे ही गुणी योग बनते हैं।
दूसरी ओर, हिंदू कैलेंडर, सौर, चंद्र और नक्षत्रीय चक्रों को मिलाकर बनाया गया एक व्यापक समय-सारणी है मुहूर्त की गणना को सटीक बनाता है। जब कैलेंडर में दीपावली, करवा चौथ या धनतेरस जैसे धर्मिक त्यौहार आते हैं, तो उन दिनों के विशेष समय (मुहूर्त) को कैलेंडर के माध्यम से निर्धारित किया जाता है। इस प्रकार धर्मिक त्यौहार, जैसे करवा चौथ, दिवाली, धूप के त्योहार आदि, मुहूर्त के बिना अधूरे लगते हैं क्योंकि उनका शुभ आरंभ वही होता है जो पंचांग ने सुझाया हो।
पंचांग और मुहूर्त का सीधा कनेक्शन
पंचांग, यानी पाँच भाग वाला कैलेंडर, वह स्रोत है जहाँ से सभी योजनों का आधार मिलता है। इसके मुख्य घटक – तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण – मिलकर मुहूर्त के नियम बनाते हैं. उदाहरण के तौर पर, करवा चौथ के लिए सुबह का “अभिषेक मुहूर्त” यानी सूर्योदय से चंद्रमा तक का समय, पंचांग में निर्धारित तिथि‑वार‑नक्षत्र‑योग‑करण के मिलाप से निकलता है। यही कारण है कि हमारी साइट पर “करवा चौथ 2025 मुहूर्त” की जानकारी बड़ी लोकप्रियता पा रही है।
आज के मुख्य समाचारों में देखेंगे तो कई बार आर्थिक या व्यापारिक निर्णय भी मुहूर्त के आधार पर लिये जाते हैं। जैसे चांदी की कीमत में गिरावट के बाद निवेशकों ने “बाजार खुलने का शुभ समय” देख कर ट्रेडिंग शुरू की, या IPO लॉन्च की तिथि पर “सुरुचिपूर्ण मुहूर्त” चुनने से शुरुआती निवेशकों का भरोसा बढ़ा। इस तरह मुहूर्त केवल धार्मिक नहीं, बल्कि वित्तीय और व्यावसायिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अब आप जान गए हैं कि मुहूर्त, ज्योतिष विज्ञान, हिंदू कैलेंडर, धर्मिक त्यौहार और पंचांग कैसे आपस में जुड़े हुए हैं। नीचे दी गई सूची में आप इस टैग से जुड़ी ताज़ा खबरों, विश्लेषणों और टिप्स को पढ़ेंगे – चाहे वह आध्यात्मिक व्रत का समय हो या बाजार के चार्ट का सही मोमेंट। इस ज्ञान को प्रयोग में लाएँ और अपने दैनिक फैसलों को अधिक भरोसेमंद बनाएँ।
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22 अक्टूबर 2025 को गोवर्धन पूजा का मुख्य मुहूर्त 3:29‑5:44 PM IST रहेगा, छप्पन भोग और पर्यावरणीय संदेश सहित, राष्ट्रीय तौर पर बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।
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