करवा चौथ – प्यार और समर्पण का भारतीय त्यौहार

जब करवा चौथ, एक ऐसा हिन्दू त्यौहार है जिसमें विवाहित महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु के लिये सूर्य उगने से पहले से लेकर चाँद निकलने तक निर्जल उपवास करती हैं. Also known as पती की आयु विनिर्माण उपवास, it blends नारी शक्ति, भावनात्मक बंधन और पारिवारिक परंपराओं को एक सिंगल रिवाज में जोड़ता है।

इस उपवास के प्रमुख भाग में उपवास, निर्जल वर्जित भोजन व पानी से दूर रहना, सुबह ताड़ी का पानी पीकर और शाम को चाँद देख कर तोड़ना शामिल है। साथ ही चंद्र देखना, अवकाश में चाँद की पहली रोशनी को देख कर अपना व्रत तोड़ना एक आध्यात्मिक कदम है, जो वैदिक कैलेंडर के शुक्ल पक्ष के कृष्ण पक्ष में निर्धारित होता है। इस दिन की तैयारियों में सजावट, घर की रंगीन रोशनियां, हाथों में कंगन‑कुल्ही और दुल्हन‑जैसे लिबास भी अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे माहौल में उत्सव का रंग भर जाता है।

करवा चौथ के मुख्य पहलू और आधुनिक दृष्टिकोण

करवा चौथ का मूल उद्देश्य पति‑पत्नी के बंधन को मजबूत बनाना और महिलाओं की आस्था को दर्शाना है। यह त्यौहार सामाजिक जुड़ाव को भी बढ़ाता है; बहन‑भाई, मामा‑भतीजे और रिश्तेदारों के बीच मिठाई‑सँभाल का आदान‑प्रदान एक अनोखा सामाजिक नेटवर्क बनाता है। परम्परागत रूप से महिलाएँ सुबह से पहले ताड़ी के साथ जल‑शुद्धि करती हैं, फिर परिवार के साथ मिलकर कथा‑सत्र, गीत‑संगीत और डांस का आनंद लेती हैं। शाम के समय, खास कर लॉटरीरी या घड़ी‑बाज़ी वाले बाजारों में चाँद देखना एक उत्सव‑जैसा माहौल पैदा करता है। आजकल तकनीक का असर भी दिख रहा है। कई महिलाएँ ऑनलाइन रेसिपी, फ़ैशन टिप्स और थ्रेड‑बोर्ड पर अपने अनुभव साझा करती हैं। मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से ताड़ी के समय, चाँद देखना का सही समय और पूजा विधि का अलर्ट भी मिल जाता है, जिससे उपवास का पालन आसान हो गया है। साथ ही, कार्पोरेट कंपनियां महिलाओं के लिए करवा चौथ विशेष लंच या प्रोटीन‑फ़्री स्नैक्स की व्यवस्था कर रही हैं, जिससे कार्यस्थल पर भी इस परंपरा की मान्यता बढ़ रही है। विवरण में देखे तो करवा चौथ सिर्फ़ एक उपवास नहीं, बल्कि एक जीवंत सामाजिक घटना है। यह हर साल शहर‑देहात में अलग‑अलग रंग लाता है — कुछ जगहों पर फव्वारे, कुछ जगहों पर जनसमूह के साथ तालाब में चाँद देखना, और कुछ जगहों पर शुद्धि‑सत्र के साथ धार्मिक प्रवचन। इस विविधता को समझते हुए, रिवाजों की लचीलापन भी अब अधिक खुले दिल से अपनाया जा रहा है, जिससे नई पीढ़ी भी इस वैराडिक परम्परा को अपनाने में सहज महसूस करती है। अब आप नीचे के लेखों में विभिन्न क्षेत्रों के करवा चौथ से जुड़ी खबरों, रिवाजों और स्टाइलिंग टिप्स की विस्तृत जानकारी पाएँगे — चाहे वह रिवाज की वैज्ञानिक व्याख्या हो, या बाजार में मिलने वाले स्पेशल गोल्डन साड़ी की रिव्यू। इन लेखों में हम न केवल परंपरा बल्कि उसके आधुनिक रूपांतरण को भी उजागर करेंगे, जिससे आपका यह त्यौहार और भी सार्थक बन सके।

करवा चौथ 2025: कब, कहाँ और कैसे मनाएँ‑पूरा गाइड

करवा चौथ 2025: कब, कहाँ और कैसे मनाएँ‑पूरा गाइड

Anindita Verma अक्तू॰ 11 1 टिप्पणि

करवा चौथ 2025 10 अक्टूबर को धूम धड़ाम से मनाया जाएगा; महिलाएँ सूर्योदय से चाँद तक निरजल व्रत रखती हैं, प्रमुख पूजा मुहूर्त 5:57‑7:11 पी.एम. है।

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