रूस के जनसंख्या संकट का समाधान: 'सेक्स मंत्रालय'
रूस, जिसने तेजी से घटती जन्म दर और बढ़ती मृत्यु दर के द्वन्द का सामना किया है, अब इस समस्या के समाधान के रूप में एक विचित्र प्रस्ताव की ओर अग्रसर है। देश के राजनीतिक दृश्य में एक नया विचार गूंज रहा है - एक 'सेक्स मंत्रालय' की स्थापना। यह प्रस्ताव सरकार ने इसलिए लाया है ताकि परिवारों को प्रोत्साहन दिया जा सके और जनसंख्या वृद्धि की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।
2024 के पहले छह महीनों में, रूस में मात्र 599,600 बच्चों का जन्म हुआ, जोकि इसके पहले वर्ष की तुलना में 16,000 कम है। यह दर 1999 के बाद सबसे कम मानी जा रही है। इसका बड़ा कारण यूक्रेन में चल रहा युद्ध है, जिसने हजारों सैनिकों की जान ली और युवा पुरुषों को देश से बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया।
विशेष जनसांख्यिकीय अभियान
रूसी संसद की परिवार संरक्षण समिति की प्रमुख, नीना ओस्तानीना, ने इस संकट का समाधान करने के लिए एक विशेष जनसांख्यिकीय अभियान की वकालत की है। वह इस प्रयास की तुलना विशेष सैन्य अभियान से करती हैं, जिसमें सामूहिक सहयोग और समर्थन अनिवार्य है।
सरकार की आधिकारिक रणनीति में माताओं के लिए वित्तीय प्रोत्साहन शामिल हैं, जोड़ों को समय बिताने के लिए प्रेरित करना, पहरेदार पहली डेट के लिए 5,000 रूबल तक का वित्तीय समर्थन और शादी की रात के होटलों के लिए सब्सिडी वाली दरें शामिल हैं।
महिला प्रजनन अधिकारों पर नियंत्रण
मास्को की डिप्टी मेयर, अनास्तासिया रकोवा, जो पुतिन की समर्थक हैं, रूसी महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर नियंत्रण प्राप्त करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने इस विचार को प्रस्तुत किया है कि महिलाओं की उपजाउता स्तर की जाँच के लिए विभिन्न परीक्षण किए जाएं। इस तरह की योजनाओं से महिलाओं के व्यक्तिगत जीवन का सूक्ष्म निरीक्षण भी किया जा रहा है, जिसमें उनके प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित विस्तृत प्रश्नावली शामिल है।
स्वास्थ्य मंत्री येवगेनी शेस्टोपलोव ने सुझाव दिया है कि लोगों को कॉफी और लंच ब्रेक के दौरान 'प्रजनन' के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। मॉस्को के अधिकारी महिलाओं के व्यक्तिगत जीवन की जाँच कर रहे हैं, जिसमें प्रजनन स्वास्थ्य पर आधारित विस्तृत प्रश्नावली शामिल हैं।
अर्थशास्त्रीय और राजनीतिक अस्थिरता
रूस में जन्म दर को बढ़ाने की पुरानी नीतियाँ, जैसे दो या दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों के लिए कर छूट, और 2007 में शुरू किया गया दस वर्षीय एकमुश्त मातृत्व पूँजी भुगतान कार्यक्रम, भी असफल साबित हुए हैं। यह देखा गया है कि 2017 के बाद फिर से जन्म दर गिरने लगी, जिसमें कई परिवारों ने एक भी बच्चा पैदा करने से इंकार कर दिया।
रूसी जनसंख्यिकारी अनातोली विशनेवस्की ने पुतिन के दृष्टिकोण की आलोचना की है, उनका मानना है कि वित्तीय संसाधनों के जरिये जन्म दर को सही करना सम्भव नहीं है। इसके अलावा, चल रहे राजनीतिक तनाव और रूसी लोगों के बीच हतोत्साहन जनसंख्या संकट को और अधिक गहरा बना रहा है। देश में राजनीतिक अस्थिरता ने युवाओं के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है, जिससे वे परिवार बढ़ाने के निर्णय से दूर हो रहे हैं।
रोचक उपाय, लेकिन क्या ये होंगे प्रभावी?
रूसी सरकार के नवीनतम प्रस्तावों में एक हद तक क्रियात्मकता और नयापन है, मगर इनकी सार्थकता को लेकर अनेक सवाल खड़े हो रहे हैं। समाज के हर वर्ग के लोगों की प्रतिक्रिया भी मिश्रित रही है। कुछ लोग इन प्रस्तावों को व्यक्तिगत आजादी पर हमला मानते हैं, जबकि कुछ इसे जनसंख्या समस्या के संभावित समाधान के रूप में देख रहे हैं।
आसन्न संकट के समाधान में ये विचार 'सही दिशा में जाए' इस पर निर्भर करता है कि सरकार इन पर कितना सहयोग और समर्थन देती है और लोग इन्हें कितना स्वीकारते हैं।
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