रूस की घटती जन्म दर के लिए व्लादिमीर पुतिन की मंत्रीयात्रा: 'सेक्स मंत्रालय' का प्रस्तावित समाधान

रूस की घटती जन्म दर के लिए व्लादिमीर पुतिन की मंत्रीयात्रा: 'सेक्स मंत्रालय' का प्रस्तावित समाधान
Anindita Verma नव॰ 13 10 टिप्पणि

रूस के जनसंख्या संकट का समाधान: 'सेक्स मंत्रालय'

रूस, जिसने तेजी से घटती जन्म दर और बढ़ती मृत्यु दर के द्वन्द का सामना किया है, अब इस समस्या के समाधान के रूप में एक विचित्र प्रस्ताव की ओर अग्रसर है। देश के राजनीतिक दृश्य में एक नया विचार गूंज रहा है - एक 'सेक्स मंत्रालय' की स्थापना। यह प्रस्ताव सरकार ने इसलिए लाया है ताकि परिवारों को प्रोत्साहन दिया जा सके और जनसंख्या वृद्धि की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।

2024 के पहले छह महीनों में, रूस में मात्र 599,600 बच्चों का जन्म हुआ, जोकि इसके पहले वर्ष की तुलना में 16,000 कम है। यह दर 1999 के बाद सबसे कम मानी जा रही है। इसका बड़ा कारण यूक्रेन में चल रहा युद्ध है, जिसने हजारों सैनिकों की जान ली और युवा पुरुषों को देश से बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया।

विशेष जनसांख्यिकीय अभियान

रूसी संसद की परिवार संरक्षण समिति की प्रमुख, नीना ओस्तानीना, ने इस संकट का समाधान करने के लिए एक विशेष जनसांख्यिकीय अभियान की वकालत की है। वह इस प्रयास की तुलना विशेष सैन्य अभियान से करती हैं, जिसमें सामूहिक सहयोग और समर्थन अनिवार्य है।

सरकार की आधिकारिक रणनीति में माताओं के लिए वित्तीय प्रोत्साहन शामिल हैं, जोड़ों को समय बिताने के लिए प्रेरित करना, पहरेदार पहली डेट के लिए 5,000 रूबल तक का वित्तीय समर्थन और शादी की रात के होटलों के लिए सब्सिडी वाली दरें शामिल हैं।

महिला प्रजनन अधिकारों पर नियंत्रण

मास्को की डिप्टी मेयर, अनास्तासिया रकोवा, जो पुतिन की समर्थक हैं, रूसी महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर नियंत्रण प्राप्त करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने इस विचार को प्रस्तुत किया है कि महिलाओं की उपजाउता स्तर की जाँच के लिए विभिन्न परीक्षण किए जाएं। इस तरह की योजनाओं से महिलाओं के व्यक्तिगत जीवन का सूक्ष्म निरीक्षण भी किया जा रहा है, जिसमें उनके प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित विस्तृत प्रश्नावली शामिल है।

स्वास्थ्य मंत्री येवगेनी शेस्टोपलोव ने सुझाव दिया है कि लोगों को कॉफी और लंच ब्रेक के दौरान 'प्रजनन' के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। मॉस्को के अधिकारी महिलाओं के व्यक्तिगत जीवन की जाँच कर रहे हैं, जिसमें प्रजनन स्वास्थ्य पर आधारित विस्तृत प्रश्नावली शामिल हैं।

अर्थशास्त्रीय और राजनीतिक अस्थिरता

रूस में जन्म दर को बढ़ाने की पुरानी नीतियाँ, जैसे दो या दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों के लिए कर छूट, और 2007 में शुरू किया गया दस वर्षीय एकमुश्त मातृत्व पूँजी भुगतान कार्यक्रम, भी असफल साबित हुए हैं। यह देखा गया है कि 2017 के बाद फिर से जन्म दर गिरने लगी, जिसमें कई परिवारों ने एक भी बच्चा पैदा करने से इंकार कर दिया।

रूसी जनसंख्यिकारी अनातोली विशनेवस्की ने पुतिन के दृष्टिकोण की आलोचना की है, उनका मानना है कि वित्तीय संसाधनों के जरिये जन्म दर को सही करना सम्भव नहीं है। इसके अलावा, चल रहे राजनीतिक तनाव और रूसी लोगों के बीच हतोत्साहन जनसंख्या संकट को और अधिक गहरा बना रहा है। देश में राजनीतिक अस्थिरता ने युवाओं के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है, जिससे वे परिवार बढ़ाने के निर्णय से दूर हो रहे हैं।

रोचक उपाय, लेकिन क्या ये होंगे प्रभावी?

रोचक उपाय, लेकिन क्या ये होंगे प्रभावी?

रूसी सरकार के नवीनतम प्रस्तावों में एक हद तक क्रियात्मकता और नयापन है, मगर इनकी सार्थकता को लेकर अनेक सवाल खड़े हो रहे हैं। समाज के हर वर्ग के लोगों की प्रतिक्रिया भी मिश्रित रही है। कुछ लोग इन प्रस्तावों को व्यक्तिगत आजादी पर हमला मानते हैं, जबकि कुछ इसे जनसंख्या समस्या के संभावित समाधान के रूप में देख रहे हैं।

आसन्न संकट के समाधान में ये विचार 'सही दिशा में जाए' इस पर निर्भर करता है कि सरकार इन पर कितना सहयोग और समर्थन देती है और लोग इन्हें कितना स्वीकारते हैं।

10 टिप्पणि
  • img
    Ramalingam Sadasivam Pillai नवंबर 13, 2024 AT 05:56

    जन्म दर घटती है, तो जीवन के संतुलन को समझना ज़रूरी है।

  • img
    Ujala Sharma नवंबर 13, 2024 AT 06:29

    सच में, यह सरकार की निरंतर असफलता का नया अध्याय है, बवाल का नया मसाला। प्रस्तावित 'सेक्स मंत्रालय' सुनने में तो हँसी का पात्र लग रहा है, लेकिन शायद यही रूसी दिमाग की गहराई को दर्शाता है। असली सवाल यह नहीं कि क्या यह काम करेगा, बल्कि यह है कि यह किन सामाजिक लक्षणों को दबाएगा।

  • img
    Vishnu Vijay नवंबर 13, 2024 AT 07:19

    बिल्कुल सही कहा, इस तरह के बड़े कदमों में सामाजिक भरोसा जरूरी है 😊
    अगर लोगों को ऐसा महसूस हो कि सरकार उनकी निजी पसंद में बिनहिचक हस्तक्षेप नहीं कर रही, तो शायद इस योजना में कुछ सफलता मिल सके।

  • img
    Aishwarya Raikar नवंबर 13, 2024 AT 08:26

    देखिए, अक्सर ये बड़े प्रस्ताव गुप्त एजेंडा के तहत आते हैं, शायद किसी विदेशी शक्ति का प्रयोगशाला बनाकर जनसंख्या को नियंत्रित करने की कोशिश हो।
    वह 'सेक्स मंत्रालय' सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि एक बड़े प्रयोग का हिस्सा हो सकता है, जहाँ व्यक्तिगत स्वतंत्रता को आँकड़ों के लिए त्यागा जाता है।

  • img
    Arun Sai नवंबर 13, 2024 AT 09:49

    वास्तव में, प्रजनन नीति में जटिल सायकेलिंग और डेमोग्राफिक मॉडलों का प्रयोग करना आवश्यक है, न कि केवल वित्तीय इन्सेंटिव्स। इस दिशा में माइक्रोइकोनॉमिक इंडेक्स, फर्टिलिटी रेशियो, और प्लेसमेंट स्ट्रेटेजीज़ को एकीकृत करना चाहिए। अन्यथा, यह अधूरा फ़्रेमवर्क केवल अस्थायी प्रभाव देगा।

  • img
    Manish kumar नवंबर 13, 2024 AT 11:29

    चलो, इस दिशा में एक कदम बढ़ाते हैं! मैक्सिमम इफ़ेक्ट के लिए जल्दी से एक्शन लेना चाहिए। जनसंख्या संकट का समाधान एक ही रात में नहीं मिलेगा।

  • img
    Divya Modi नवंबर 13, 2024 AT 13:26

    समझते हैं कि हरेक पहलू को ध्यान में रखना ज़रूरी है, खासकर सांस्कृतिक पहलू भी 😊
    रूसी परम्पराओं में बदलाव लाना आसान नहीं, पर सामुदायिक सहभागिता से ही वास्तविक बदलाव आएगा।

  • img
    ashish das नवंबर 13, 2024 AT 15:39

    संबोधित करते हुए, मैं यह मानता हूँ कि इस विषय पर एक सुस्पष्ट, बहुपक्षीय संवाद आवश्यक है, विशेषकर जब हम सामाजिक संरचनाओं की जटिलता को देखते हैं।

  • img
    vishal jaiswal नवंबर 13, 2024 AT 18:09

    निश्चित ही, बहु-आयामी विश्लेषण और डेटा-ड्रिवन निर्णय लेने की प्रक्रिया को अपनाना चाहिए, जिससे नीति का प्रभाव अधिकतम हो सके।

  • img
    Amit Bamzai नवंबर 13, 2024 AT 20:56

    विचार करने पर, यह स्पष्ट हो जाता है कि जनसंख्या नीति केवल संख्यात्मक लक्ष्य नहीं, बल्कि सामाजिक ताना-बाना को भी प्रभावित करती है; इसलिए, एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाना अनिवार्य है। प्रथम, आर्थिक प्रोत्साहन जैसे प्रत्यक्ष नकद सहायता, कर में छूट, और बाल देखभाल सुविधाएँ, ये सभी परिवारों के निर्णय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं, परंतु इन्हें दीर्घकालिक स्थिरता के साथ योजना‑बद्ध करना चाहिए। द्वितीय, सामाजिक मानदंडों का पुनर्विचार आवश्यक है, क्योंकि पारंपरिक विवाह और प्रजनन के विचारधारा में परिवर्तन, धीर‑धीरे जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहित कर सकता है। तृतीय, स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करना, खासकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ, यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक जन्म सुरक्षित और स्वस्थ हो। चतुर्थ, शिक्षा प्रणाली में जनसंख्या के महत्व को लेकर पाठ्यक्रम में समावेश करना, युवा वर्ग को जागरूक बनाता है, जिससे वे भविष्य में परिवार योजना में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। पंचम, महिला अधिकारों का सम्मान और उनके निर्णयों की स्वायत्तता को बढ़ावा देना, यह अनिवार्य है, क्योंकि जब महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक स्वतंत्रता मिलती है, तो वे स्वेच्छा से अधिक बच्चा पैदा करने की प्रवृत्ति प्रदर्शित करती हैं। षष्ठ, सरकारी नीतियों की पारदर्शिता और जवाबदेही, यह भी जनविश्वास को मजबूत करती है, जिससे कोई भी प्रस्ताव सामाजिक प्रतिरोध से मुक्त हो सकता है। साप्तम, निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करके, प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तारित करना, इसे अधिक सुलभ और किफायती बनाता है। अष्टम, प्रौद्योगिकी का उपयोग, जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से परिवार योजना के विकल्पों का प्रसार, यह युवा वर्ग के बीच जानकारी का तेज़ी से प्रसार सुनिश्चित करता है। नवम, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, जिससे अन्य देशों के सफल मॉडल को अपनाया जा सके, यह भी महत्वपूर्ण है। दशम, सांस्कृतिक विविधता को सम्मानित करते हुए, विभिन्न समुदायों की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार नीतियों को अनुकूलित करना, यह सामाजिक समरसता को बढ़ाता है। एकादश, दीर्घकालिक अध्ययन और डेटा संग्रह, जिससे नीति के प्रभाव को निरंतर मापते रहना चाहिए, यह भविष्य में सुधार की दिशा दर्शाता है। द्वादश, सामाजिक मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर खुला संवाद, जिससे जनसंख्या समस्या पर जागरूकता बढ़ती है, यह भी आवश्यक है। त्रयोदश, आर्थिक अस्थिरता को कम करने के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा नेट बनाना, जिससे लोग भविष्य की अनिश्चितताओं से डरकर बच्चा न पालने से बचें। चतुर्दश, अंततः, एक समग्र राष्ट्रीय रणनीति बनानी होगी, जिसमें सभी पहलुओं को सम्मिलित किया गया हो, तभी यह 'सेक्स मंत्रालय' जैसा एकीकृत संस्थान प्रभावी हो सकेगा।

एक टिप्पणी लिखें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

*