
सुपर फोर में पाकिस्तान‑बांग्लादेश का मुकाबला
दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के तेज़ अनुभूति वाले पिच पर 2025 एशिया कप के सुपर फोर चरण में एक रोचक टक्कर देखा गया। पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 124/9 पर रोक ढाला, जबकि टारगेट 136 रन का था। इस जीत का मुख्य कारण Haris Rauf की बेमिसाल बॉलिंग रहा, जिसने केवल 4 ओवर में 33 रनों में 3 विकेट लिए।
Rauf का यह प्रदर्शन केवल आँकड़ों तक सीमित नहीं रहा; उसकी रेल‑जैसी गति और लपेटी हुई गेंदों ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों को लगातार लकीर पर रखा। पहले ओवर में ही वह शीतल बॉलिंग के साथ दो विकेट ले आया, जिससे बांग्लादेश का प्रारम्भिक आक्रमण बिलकुल तबाह हो गया। उसके बाद के दो ओवरों में भी वह सटीक लाइन‑और‑लेंथा पर अडिग रहा, जिससे विरोधी टीम का स्कोर कंट्रोल में रहा।
राउलपिंदी की इस तेज़ बॉलर का टुर्नामेंट में अब तक का आंकड़ा देखने लायक है। नीचे एक सूची में उसकी प्रमुख टुर्नामेंट आँकड़े दिया गया है:
- कुल ओवर bowled: 28
- विकेट: 12
- औसत रन प्रति ओवर: 6.5
- सबसे अच्छा इन्गेजमेंट: 5/18 (अगस्त 2023, अफ़ग़ानिस्तान बनाम)
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि वह केवल विकेट लेने में ही नहीं, बल्कि विरोधी टीम पर निरंतर दबाव बनाने में भी माहिर है। सुपर फोर में भारत के खिलाफ 2/26 की विनाइल के साथ भी उसकी प्रभावशीलता साबित हुई थी।

भविष्य की राह: फाइनल में भारत के खिलाफ टक्कर
पाकिस्तान की इस जीत से वह सीधा फाइनल में पहुँचा, जहाँ उन्हें भारत के खिलाफ मुकाबला करना है। फाइनल रविवार को तय है और दोनों टीमों के बीच का मुकाबला एशिया कप का सबसे बड़ा हाइलाइट माना जा रहा है।
भारत की बैटिंग लाइन‑अप में तेज़ स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी कई बार पोर्च तक रनों को ले जाते हैं, इसलिए पाकिस्तान को शुरुआती ओवर में रफ़्तार विकेटों की जरूरत होगी। इस हिसाब से Rauf की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण बनती है। जब वह अपनी तेज़ बॉल और स्विंग के साथ पहली पाच ओवर में दो‑तीन विकेट ले लेता है, तो भारत के टॉप ऑर्डर को सेट करने में कठिनाई होगी।
राउलपिंदी की वर्तमान फॉर्म, उसकी बॉलिंग वैरिएशन और दुबई पिच की बाउंस दोनों ही भारत के बैटरों के लिए चैलेंज बनाते हैं। अगर वह अपना तेज़ रफ़्तार, स्लाइस और कॉम्बिनेशन उसी स्तर पर रख पाता है, तो पाकिस्तान को फाइनल में एक बड़ा कदमे आगे रहने का भरोसा मिलेगा।
ट्रेनिंग कैंप में कोचों द्वारा राउलपिंदी को विशेष रूप से बाउंड्री‑लाइनिंग और बॉल की साइड‑स्पिन पर काम करने के लिए कहा गया है। उनका लक्ष्य यही है कि वह बॉल को विभिन्न कोणों से बांग्लादेश के खिलाफ इस्तेमाल किए गए टैक्टिक्स को दोहराते हुए, भारत के बैटरों को भी पछाड़ सके।
पाकिस्तान की टीम मैनेजमेंट ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि फाइनल में एक ही खिलाड़ी पर निर्भर रहना नहीं चाहिए, बल्कि सभी बॉलर्स को मिलकर दबाव बनाना चाहिए। फिर भी, जब बात बड़े मंच पर परफॉर्मेंस की आती है, तो Haris Rauf जैसे स्ट्राइक बॉलर की भूमिका को कम नहीं आँका जा सकता।
आगामी फाइनल के लिए फुटबॉल और क्रिकेट दोनों ही प्रशंसक उत्साहित हैं। अगर पाकिस्तान Rauf की बॉलिंग को पूरी तरह से इस्तेमाल कर लेता है, तो एशिया कप 2025 का ट्रॉफी उनके पास ही रह सकता है।
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