नेटफ्लिक्स की 'सारे जहाँ से अच्छा' ने 2 मिलियन व्यूज रिकॉर्ड किए, प्रतीक गांधी ने RAW एजेंट की भूमिका निभाई

नेटफ्लिक्स की 'सारे जहाँ से अच्छा' ने 2 मिलियन व्यूज रिकॉर्ड किए, प्रतीक गांधी ने RAW एजेंट की भूमिका निभाई
Anindita Verma दिस॰ 11 0 टिप्पणि

नेटफ्लिक्स ने 13 अगस्त, 2025 को भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के दो दिन पहले हिंदी वेब सीरीज 'सारे जहाँ से अच्छा' रिलीज कर दी — और ये सिर्फ एक शो नहीं, एक भावनात्मक आह्वान था। प्रतीक गांधी ने RAW के एजेंट विष्णु शंकर की भूमिका निभाई, जो शीतयुद्ध के शुरुआती दशक में भारत के परमाणु हथियार कार्यक्रम के गुप्त इतिहास को उजागर करता है। ये छह एपिसोड की थ्रिलर सीरीज, जिसका निर्देशन सुमित पुरोहित ने किया और संगीत केतन सोधा ने दिया, ने पहले ही 2 मिलियन व्यूज रिकॉर्ड किए — नेटफ्लिक्स के लिए 2025 में हिंदी शोज़ में दूसरा सबसे बड़ा डेब्यू। ये आंकड़ा बताता है कि दर्शक अब सिर्फ एक्शन नहीं, बल्कि उसके पीछे की भावना भी चाहते हैं।

क्यों ये सीरीज इतनी अलग है?

अक्सर हमारी जासूसी कहानियाँ भारत को एक सुपरहीरो बनाती हैं और पाकिस्तान को एक बुरे दुश्मन का रूप देती हैं। 'सारे जहाँ से अच्छा' ने इस नियम को तोड़ दिया। सनी हिंदूजा ने ISI एजेंट मुर्तजा की भूमिका निभाई, जो अपने देश के लिए बर्बर नहीं, बल्कि एक अपने दायित्व के प्रति समर्पित इंसान है। इंडिया टीवी के समीक्षक ने कहा — "इस सीरीज में पाकिस्तान को अधिक से अधिक दिखाया गया है, बस कुछ डायलॉग या मीटिंग्स तक सीमित नहीं।" एक IMDb यूजर ने लिखा — "अंत में कुछ ऐसा आया जो हमें नहीं बताता कि सभी भारतीय अजेय हैं और पाकिस्तानी बेवकूफ शैतान हैं।" ये निष्पक्षता ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।

सच्ची घटनाओं पर आधारित, पर काल्पनिक कहानी

सीरीज का केंद्र डॉ. होमी जेहांगीर भाभा हैं — जिन्होंने 1970 के दशक में भारत को परमाणु शक्ति बनाने का सपना देखा और अचानक एक हवाई दुर्घटना में निधन हो गया। उनके बयान के अनुसार, भारत 1.5 साल में परमाणु हथियार विकसित कर सकता था। इस वास्तविकता के आधार पर, निर्माताओं ने एक काल्पनिक जासूसी साजिश बुनी, जिसमें RAW और ISI के एजेंट एक गुप्त नाभिकीय योजना के लिए लड़ते हैं। यहाँ कोई नायक नहीं, कोई शत्रु नहीं — सिर्फ लोग जो अपने देश के लिए अपनी ज़िंदगी खत्म कर देते हैं।

सुहैल नाययर का बलिदान: वास्तविक नायक

कई समीक्षकों ने बताया कि असली हीरो सुहैल नाययर हैं, जो सुखीर की भूमिका निभा रहे हैं। उनका बलिदान अंतिम एपिसोड में आता है — और वह दर्शक के दिल में बस जाता है। द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया ने लिखा — "सुखीर का बलिदान आपको अंतिम एपिसोड के बाद भी याद रहता है।" ये एक ऐसा पल है जहाँ निर्देशन, अभिनय और संगीत एक साथ मिलकर एक भावनात्मक चोट कर देते हैं। आपको लगता है कि आपने किसी अनजान आदमी की आत्मा को छू लिया।

क्या सब कुछ बेहतरीन था?

हाँ — लगभग। छवि, संगीत, सेट डिज़ाइन, कैमरा वर्क — सब कुछ बाहरी रूप से अद्भुत था। द हिंदू, नवभारत टाइम्स और इंडिया टीवी ने सभी इन बातों की सराहना की। लेकिन लिखावट में कुछ खामियाँ थीं। द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया ने कहा — "छह एपिसोड की ये थ्रिलर अपनी मिश्रित पहचान के कारण बलिदान करती है।" कुछ एपिसोड्स में गति बहुत तेज हो गई, तो कुछ में जानकारी भारी हो गई। एक दर्शक ने YouTube पर कहा — "मैं इसे 2/10 दूँगा।" लेकिन ये एक अपवाद है। ज्यादातर लोग इसे 7/10 या उससे अधिक दे रहे हैं।

क्यों ये समय पर आया?

स्वतंत्रता दिवस के दो दिन पहले रिलीज होना सिर्फ एक संयोग नहीं है। ये एक जानबूझकर चुना गया समय है। इस सीरीज को एक तरह से अनजान नायकों को समर्पित किया गया है — जो बाहर नहीं आते, नाम नहीं लेते, लेकिन देश की रक्षा के लिए हर दिन जीवन का खेल खेलते हैं। न्यूज18 हिंदी ने बताया कि यह सीरीज उस समय को दर्शाती है जब RAW की स्थापना हुई थी — एक ऐसा समय जब भारत के लिए अपनी सुरक्षा का अपना रास्ता खोजना बहुत कठिन था।

अगला कदम: क्या आएगा सीजन 2?

सीरीज का अंत खुला छोड़ा गया है। विष्णु शंकर की जिंदगी अभी भी खतरे में है। मुर्तजा के भविष्य के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया। और भारत के परमाणु कार्यक्रम की योजना अभी शुरू हुई है। इंडस्ट्री विश्लेषकों का मानना है कि अगले साल तक सीजन 2 की घोषणा हो सकती है। दर्शकों का जवाब इतना अच्छा है कि नेटफ्लिक्स के लिए इसे रोकना असंभव है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

'सारे जहाँ से अच्छा' किस वास्तविक घटना पर आधारित है?

यह कहानी डॉ. होमी जेहांगीर भाभा के बयान और उनकी अचानक मृत्यु पर आधारित है, जिन्होंने 1970 के दशक में भारत को 1.5 साल में परमाणु शक्ति बनाने का लक्ष्य रखा था। RAW की स्थापना भी इसी समय हुई थी। लेकिन जासूसी साजिश, एजेंटों के नाम और कुछ घटनाएँ काल्पनिक हैं — यह एक काल्पनिक कथा है जो सच्ची इतिहास के ढांचे पर बनाई गई है।

प्रतीक गांधी ने इस शो में किस तरह का अभिनय किया है?

प्रतीक गांधी ने RAW एजेंट विष्णु शंकर की भूमिका में एक शांत, गहरा और भावनात्मक रूप दिया है। वह बाहरी एक्शन से ज्यादा अंदरूनी टेंशन और दोहरे जीवन के दर्द को दर्शाते हैं। उनकी आँखों में छिपी चिंता और निष्ठा ने दर्शकों को जकड़ लिया। यह उनका सबसे गहरा अभिनय है, जिसमें कोई नाटकीयता नहीं, सिर्फ विश्वसनीयता है।

क्या यह शो पाकिस्तान के खिलाफ नफरत फैलाता है?

नहीं। विपरीत, यह शो पाकिस्तानी एजेंट मुर्तजा को एक व्यक्ति के रूप में दिखाता है — जो अपने देश के लिए अपनी जान दे सकता है। इंडिया टीवी और द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया ने इसे 'नॉन-जिंगोइस्टिक' और 'संतुलित' बताया। यह भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए प्रेम की भावना को सम्मान देता है।

सुहैल नाययर की भूमिका क्यों इतनी यादगार है?

सुहैल नाययर ने सुखीर के रूप में एक ऐसे एजेंट की भूमिका निभाई जो न केवल अपनी जान देता है, बल्कि अपने दोस्तों के साथ अपने भावों को भी छिपाता है। उनका बलिदान बिना किसी शोर के होता है — और इसलिए यह इतना दर्दनाक है। इस एपिसोड के बाद दर्शकों ने सोशल मीडिया पर उनके नाम पर ट्रिब्यूट डाले।

क्या इस शो का सीजन 2 आएगा?

हाँ, बहुत संभावना है। शो का अंत खुला है — विष्णु शंकर अभी भी जीवित हैं, परमाणु योजना अधूरी है, और ISI के अन्य एजेंट्स अभी भी सक्रिय हैं। नेटफ्लिक्स ने पहले ही इसे टॉप 10 में रखा है, और दर्शकों की प्रतिक्रिया अद्भुत है। अगले साल तक सीजन 2 की घोषणा हो सकती है।

इस शो के लिए संगीत कैसा है?

केतन सोधा ने एक ऐसा संगीत बनाया है जो भारतीय शास्त्रीय तालों और जासूसी थ्रिलर के आधुनिक बीट्स को जोड़ता है। विशेष रूप से, एक बांसुरी के ताने जो विष्णु के यादों को दर्शाते हैं, उन्होंने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया। बैकग्राउंड म्यूजिक किसी भी एपिसोड के बिना अधूरा है — यह सिर्फ संगीत नहीं, एक चेतावनी है।