यौन उत्पीड़न: पहचानें और तुरंत सुरक्षित कदम उठाएं

यौन उत्पीड़न सिर्फ़ आपत्ति-जनक शब्द नहीं है—यह आपकी रोज़मर्रा की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा मामला है। अक्सर यह काम पर, सार्वजनिक जगहों पर या रिश्तों में होता है, और पीड़ित धीरे-धीरे दबते चले जाते हैं। अगर आपको या किसी परिचित को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, तो चुप न रहें। सही जानकारी और तुरंत कदम आपके लिए बड़ी मदद बन सकती है।

तुरंत क्या करें—बार-बार काम आने वाले व्यावहारिक कदम

पहली प्राथमिकता आपकी सुरक्षा है। अगर खतरा हो तो तुरंत सुरक्षित जगह पर जाएँ और किसी पर भरोसा कर के साथ रखें। घटना के तुरंत बाद संभावित सबूत बचाएं: मैसेज, ईमेल, कॉल लॉग, फोटो या स्क्रीनशॉट्स। घबराएँ नहीं—अपने मोबाइल पर नोट्स बनाएं कि क्या हुआ, कब और किसके सामने। यदि संभव हो तो किसी गवाह का नाम और संपर्क लिख लें।

डिजिटल सुरक्षा बढ़ाएँ—अपराधी को ब्लॉक करें, स्क्रीनशॉट लें और बैकअप रखें। पासवर्ड बदल दें और सोशल मीडिया प्राइवेसी सेटिंग्स जांचें। अगर काम की जगह पर हुआ है तो अपनी कंपनी के HR या Internal Complaints Committee (ICC) से शिकायत दर्ज कराएँ। ICC का काम मामला सुनना और न्यूट्रल जांच कर के समाधान देना है।

कानूनी रास्ते और सबूत कैसे मजबूत रखें

कानूनी मदद लेना मतलब पीड़ा को सही दिशा देना है। वर्कप्लेस में POSH Act (Sexual Harassment of Women at Workplace Act, 2013) के तहत शिकायत की जा सकती है। नाबालिगों के मामले में POCSO जैसी धाराओं के तहत पुलिस कार्रवाई होती है। आम तौर पर यौन उत्पीड़न के लिए संबंधित धाराओं में FIR दर्ज कराई जा सकती है—इसके लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन जाएँ या ऑनलाइन FIR विकल्प देखें।

मेडिकल चेकअप जरूरी होता है, खासकर जब शारीरिक हमला हुआ हो; यह सबूत के रूप में काम आता है। मेडिकल रिपोर्ट, फोटो और चिकित्सीय दस्तावेज़ रखें। गवाहों के बयान, सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल सबूत अदालती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होते हैं। अगर एफआईआर दर्ज करने में दिक्कत हो तो अधिकारिक संस्था जैसे National Commission for Women (NCW) या राज्य महिला आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

कानूनी सलाह लेना बेहतर रहता है—किसी भरोसेमंद वकील या कानूनी सहायता संस्था से बात करें। अगर आर्थिक दिक्कत है तो मुफ्त कानूनी सहायता विकल्प और महिला संगठन मदद कर सकते हैं। साथ ही, मनोवैज्ञानिक समर्थन लेना मत भूलें—काउंसलिंग आपकी भावनात्मक ठीक होने में जल्दी मदद करती है।

याद रखें, मदद मिलती है और आप अकेले नहीं हैं। छोटे-छोटे कदम—सबूत बचाना, सुरक्षित रहना, शिकायत दर्ज कराना और सलाह लेना—आपकी ताकत बन सकते हैं। अगर अभी सवाल हैं या किस तरह अगला कदम उठाएँ, तो स्थानीय महिला सहायता केंद्र या विश्वसनीय NGO से संपर्क करें। आपकी सुरक्षा और सम्मान पहले है।

सिद्धिक ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद AMMA महासचिव पद से दिया इस्तीफा

सिद्धिक ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद AMMA महासचिव पद से दिया इस्तीफा

Anindita Verma अग॰ 25 0 टिप्पणि

मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (AMMA) के महासचिव पद से अभिनेता सिद्धिक ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया है। अभिनेत्री रेवती सम्पथ ने उन पर 2016 में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इस घटना के बाद उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है। सिद्धिक ने इस्तीफे के बाद कानूनी सलाह लेकर विस्तृत प्रतिक्रिया देने का संकेत दिया है।

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