उपराष्ट्रपति: भूमिका, अधिकार और चुनाव — सरल भाषा में

क्या आप कभी सोचते हैं कि उपराष्ट्रपति का काम असल में क्या होता है? अक्सर लोग इसे राष्ट्रपति के बाद सिर्फ नामुमकिन औपचारिक पद समझ लेते हैं। सच ये है कि उपराष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और संवैधानिक मामलों में भी उनकी अपनी पहचान है।

उपराष्ट्रपति संसद के राज्यसभा के सभापति होते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि वे केवल मेज़ पर बैठकर कार्यक्रम चलाते हैं — वे चर्चा का संचालन करते हैं, नियमों का पालन करवाते हैं और गंभीर वोटिंग स्थितियों में फैसला देने में अहम होते हैं। आपने चुनाव या बिलों की बहस में सभापति की भूमिका पर ध्यान दिया होगा — वही जरूरी हिस्सा होता है।

कौन चुनता है और कितने साल का कार्यकाल होता है?

उपराष्ट्रपति का चुनाव संयुक्त सांसदों और राज्यों के विधायकों के निर्वाचक मंडल से होता है। यह गुप्त और गोपनीय मत से होता है। कार्यकाल पाँच साल का होता है, पर वे राष्ट्रपति की तरह नियुक्ति के बाद भी तब तक बने रहते हैं जब तक नया चुनाव नहीं हो जाता। यानी अस्थिर राजनीति में continuity का काम करते हैं।

यह जानना भी जरूरी है कि उपराष्ट्रपति को किसी पार्टी का बुरा-मीठा खेल नहीं बनना चाहिए — उन्हें तटस्थ रहने की अपेक्षा की जाती है, खासकर सदन के संचालन में। पर असल जीवन में राजनीतिक दबाव और बयान आना आम हैं।

अधिकार और सीमाएँ — क्या कर सकते हैं और क्या नहीं?

उपराष्ट्रपति के पास सदन चलाने, नियम-निर्धारण और चर्चा नियंत्रित करने के अधिकार होते हैं। वे संसद की कार्यवाही को शांत और व्यवस्थित रखते हैं। लेकिन राष्ट्रपति की तरह वे अध्यादेश जारी नहीं करते और सरकार बनाने या भंग करने के फैसलों में उनकी सीधी भूमिका कम होती है।

उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनके कुछ कर्तव्यों को निभा सकते हैं, पर यह अस्थायी होता है। संवैधानिक मामलों में उनकी राय मायने रखती है, पर अंतिम निर्णय अक्सर राष्ट्रपति या न्यायपालिका से जुड़ा होता है।

क्या उपराष्ट्रपति का पद सिर्फ सम्मानजनक है? नहीं। कई बार संवैधानिक संकट, राष्ट्रपति के अभाव या विधायी गतिरोध में उपराष्ट्रपति सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उनकी तटस्थता और निर्णय क्षमता का असर देश की राजनीति पर भी पड़ता है।

अगर आप नागरिक हैं तो कैसे जुड़े रहें? उपराष्ट्रपति की नियुक्ति और कार्य को समझना लोकतंत्र का हिस्सा है। मीडिया कवरेज पढ़ें, संसद की कार्यवाही पर नजर रखें और स्थानीय प्रतिनिधियों से सवाल पूछें — यह तय करता है कि संवैधानिक पद किस तरह जनता के प्रति जवाबदेह हैं।

अंत में, उपराष्ट्रपति एक ऐसा पद है जो दिखने में शालीन लग सकता है, पर असल में लोकतांत्रिक तंत्र को स्थिर रखने में काम आता है। अगर आप राजनीति में रुचि रखते हैं तो उपराष्ट्रपति की भूमिका को समझना आपको बड़े मुद्दों की समझ देता है।

अगर आप चाहें तो इस पेज पर उपराष्ट्रपति से जुड़े ताज़ा समाचार, बयान और संसदीय घटनाक्रम पढ़ते रहें — यह आपको जल्दी और सार्थक जानकारी देगा।

मलावी के उपराष्ट्रपति सॉलस चिलिमा की विमान दुर्घटना में हुई मृत्यु: 9 अन्य यात्रियों के साथ

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Anindita Verma जून 12 0 टिप्पणि

मलावी के उपराष्ट्रपति सॉलस चिलिमा की एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई जिसमें उनके साथ नौ अन्य यात्री भी थे। विमान म्जुजु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिंग में असफल रहा और चीकांगवा जंगल में उसका मलबा पाया गया। मलावी के राष्ट्रपति लाज़ेरस चक्वेरा ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया।

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