SEBI: ताज़ा नियम, सर्कुलर और निवेशक सुरक्षा
SEBI यानी Securities and Exchange Board of India आपके शेयर और निवेश से जुड़े नियम बना रहा है और उल्लंघन पर कार्रवाई भी करता है। अगर आप निवेश करते हैं या मार्केट की खबरें पढ़ते हैं, तो SEBI की घोषणाएँ सीधे आपके पैसे और फैसलों पर असर डालती हैं। यहाँ हम आसान भाषा में बताकर मदद करते हैं कि कौन-सी खबर जरूरी है और आप उससे क्या करे।
कभी किसी कंपनी का IPO बंद हो गया? कभी किसी ब्रोकरेज के खिलाफ जुर्माने की खबर आई? ये सब SEBI के रूल और फैसलों की वजह से होता है। हमारी SEBI टैग वाली पोस्ट्स में आप पॉलिसी बदलाव, सर्कुलर, इनसाइडर ट्रेडिंग के मामलों और निवेशक शिकायतों के नतीजों की ताज़ा रिपोर्ट पायेंगे।
SEBI की प्रमुख जिम्मेदारियाँ — संक्षेप में
SEBI का काम सरल है: बाजार को साफ रखना, निवेशकों की रक्षा करना और प्रतिभूतियों के कारोबार को सुचारु बनाना। इससे जुड़े कुछ काम ये हैं: नियम बनाना, ब्रोकर और एक्सचेंज पर निगरानी, आईपीओ नियम तय करना, इनसाइडर ट्रेडिंग रोकना और निवेशक शिकायतों का निपटारा।
जब SEBI नया नियम जारी करता है तो उसका असर सीधे IPOs, म्युचुअल फंड्स और बड़ी कंपनियों पर दिखता है। इसलिए किसी भी निवेश से पहले SEBI के हालिया सर्कुलर देखना अच्छा रहता है।
आप तुरंत क्या कर सकते हैं
1) आधिकारिक सूचना देखें: किसी भी खबर को शेयर करने से पहले SEBI की वेबसाइट या आधिकारिक प्रेस नोट चेक करें।
2) IPO/एफपीओ पढ़ें: नई पेशकश (DRHP/Red Herring) का डॉक्यूमेंट पढ़ें — जोखिम, खर्च और लॉक‑इन शर्तें वहाँ लिखी होती हैं।
3) ब्रोकरेज और सलाहकार चुने सावधानी से: पंजीकृत ब्रोकर और पंजीकृत सलाहकार का ही उपयोग करें। पंजीकरण नंबर और शिकायत इतिहास जरूर देखें।
4) SCORES सिस्टम जानें: SEBI के SCORES पोर्टल से आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और उसकी स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
5) खबरों में धोखा न खाएं: किसी कंपनी की अचानक बढ़ी कीमतें या अफवाहें देखें तो रजिस्ट्रार, कंपनी के रिटर्न और SEBI के निर्देशों की जाँच करें।
अगर आप चाहते हैं कि हम SEBI से जुड़ी नई घोषणाएँ समय पर आपके लिए संक्षेप में लाएं, तो हमारे SEBI टैग को फॉलो करें। हम सरल भाषा में बताएंगे कि नया नियम आपके निवेश पर कैसा असर डाल सकता है और कब आपको कार्रवाई करनी चाहिए।
कोई सवाल है या किसी खबर का तेज़ सार चाहिए? नीचे कमेंट में बताएं—हम उसे प्राथमिकता से कवर करेंगे और व्यावहारिक सलाह देंगे, ना कि सिर्फ तकनीकी शब्दों में जानकारी।

अडानी समूह से जुड़े ऑफशोर फंड्स में SEBI प्रमुख माधबी बुच के हिस्सेदारी के हिन्डनबर्ग के दावे
हिन्डनबर्ग रिसर्च ने SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर अडानी समूह से जुड़े ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी रखने के आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह संयुक्त खाते 2015 में सिंगापुर स्थित IPE Plus Fund 1 में खोले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने SEBI की असमर्थता को भी नोट किया है। बुच परिवार ने इन आरोपों को खारिज किया है और अपनी सम्पूर्ण वित्तीय जानकारी को पारदर्शी बताया है।
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