साइक्लोन मोंथा: भारत के तटीय क्षेत्रों पर प्रभाव और बारिश के असर
जब साइक्लोन मोंथा, एक तीव्र घूर्णी तूफान जो बंगाल की खाड़ी में बनता है और पूर्वी भारत के तटीय इलाकों को निशाना बनाता है जमीन पर आता है, तो ये सिर्फ हवा और बारिश का मामला नहीं होता। ये एक ऐसा आपातकालीन घटनाक्रम होता है जो जीवन, बुनियादी ढांचे और अर्थव्यवस्था को एक साथ झकझोर देता है। इसके बाद आने वाली भारी बारिश ने दार्जिलिंग और मिरिक जैसे पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड का कारण बना, जिससे 20 लोगों की जान चली गई। ये बारिश का सिलसिला अक्सर लगातार 48 घंटे तक चलता है, जिससे नदियाँ उफन जाती हैं, सड़कें बंद हो जाती हैं, और लाखों लोग बिजली और इंटरनेट के बिना रह जाते हैं।
साइक्लोन मोंथा के साथ आने वाला एक और बड़ा खतरा है लैंडस्लाइड, पहाड़ी ढलानों पर मिट्टी का अचानक फिसलना, जो बारिश और जमीन की कमजोर संरचना के कारण होता है। ये घटनाएँ केवल दार्जिलिंग तक सीमित नहीं रहतीं। ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार के तटीय इलाकों में भी ऐसे लैंडस्लाइड आम हैं, जहाँ जमीन पर बने घर और रास्ते बारिश के साथ बह जाते हैं। इसके बाद बचाव और बहाली का काम दिनों तक चलता है। इसी वजह से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की ओर से राहत मिशन तुरंत शुरू हो जाते हैं। लेकिन ये मिशन सिर्फ खाना और दवाइयाँ बाँटने तक ही सीमित नहीं होते — ये लोगों के घर बनाने, सड़कें ठीक करने और बिजली वापस लाने की भी कोशिश करते हैं।
साइक्लोन मोंथा का असर सिर्फ तटीय इलाकों तक ही सीमित नहीं है। ये बारिश के बाद आने वाली बाढ़ और भूमि का नुकसान दूर के शहरों तक फैल जाता है। जब बारिश रुकती है, तो फसलें बर्बाद हो जाती हैं, और उत्पादन गिर जाता है। ये सब भारत के मौसमी चक्र का हिस्सा है, जिसे बंगाल की खाड़ी, दक्षिण एशिया का एक महत्वपूर्ण जलीय क्षेत्र जहाँ गर्मियों में उच्च आर्द्रता और तापमान से तूफान बनते हैं कहा जाता है। यहीं से आने वाले साइक्लोन भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए सालभर की सबसे बड़ी चुनौती होते हैं। इसी वजह से हर साल जब मौसम विभाग इस तूफान की भविष्यवाणी करता है, तो लोग तैयारी शुरू कर देते हैं — खाना जमा करना, पानी का इंतजाम करना, और अपने घरों को मजबूत करना।
इस पेज पर आपको ऐसे ही कई ऐसे लेख मिलेंगे जो साइक्लोन मोंथा के बाद के दिनों की कहानियाँ बताते हैं — कैसे लोग बचे, कैसे बिजली वापस आई, और कैसे जीवन फिर से शुरू हुआ। इन लेखों में आपको लैंडस्लाइड के बाद के बचाव कार्य, बारिश के असर से जुड़ी खबरें, और उन लोगों की कहानियाँ मिलेंगी जिन्होंने इस आपदा को जीता। ये सब भारत के मौसम की असली कहानी है — न सिर्फ खबरों की, बल्कि जीवन की।
बिहार में साइक्लोन मोंथा के असर से पटना सहित 9 जिलों में पीली चेतावनी, चहथ पूजा से पहले भारी बारिश का खतरा
साइक्लोन मोंथा के प्रभाव से बिहार के 9 जिलों में पीली चेतावनी, भारी बारिश का खतरा। चहथ पूजा के तैयारी के दौरान यह मौसम असामान्य चुनौती बन गया है।
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