डिज़ाइन पेटेंट — अपनी प्रोडक्ट की दिखावट की सुरक्षा करें

क्या आपकी प्रोडक्ट की अनोखी लुक किसी और द्वारा कॉपी हो सकती है? अगर हां, तो डिज़ाइन पेटेंट (या डिज़ाइन रजिस्ट्रेशन) वही तरीका है जो आपकी प्रोडक्ट की बाहरी रूप-रेखा को कानूनी सुरक्षा देता है। यह फंक्शन नहीं, बल्कि दिखावट और शेप की रक्षा करता है—यानी जो ग्राहक पहले देखते हैं।

डिज़ाइन पेटेंट क्या है और कब चाहिए?

डिज़ाइन पेटेंट किसी वस्तु की सूरत, पैटर्न, रंग संयोजन या सतह की बनावट को कवर करता है। उदाहरण के लिए, जूते की खास सिलहूट, मोबाइल केस का अनोखा पैटर्न या बॉटल की फॉर्म—ये सब डिज़ाइन से जुड़े होते हैं। अगर आपकी प्रोडक्ट की वैल्यू उसका लुक है, तो डिज़ाइन रजिस्टर कराना समझदारी है।

ध्यान रखें: अगर आपका आइडिया काम करने का तरीका बदलता है या कोई नई तकनीक है, तो उसके लिए पेटेंट ज़रूरी होगा। डिज़ाइन और पेटेंट अलग हैं—एक दिखावट बचाता है, दूसरा काम करने के तरीके को।

कैसे करें आवेदन? आसान स्टेप्स

आवेदन का बेसिक तरीका सरल है और आम तौर पर यह स्टेप्स शामिल होते हैं:

1) प्री-फाइलिंग सर्च: पहले चेक कर लें कि समान डिज़ाइन पहले से रजिस्टर्ड तो नहीं है। यह कॉपी राइट की तरह नहीं बल्कि विशेष डिज़ाइन डेटाबेस में होता है।

2) क्लियर ड्रॉइंग/फोटो: आवेदन में साफ और अलग-अलग एंगल की तस्वीरें दें—फ्रंट, बैक, साइड आदि। ये निर्णायक होते हैं।

3) ऑनलाइन फाइलिंग: भारत में CGPDTM (Controller General of Patents, Designs and Trade Marks) की वेबसाइट पर डिज़ाइन आवेदन कर सकते हैं।

4) आवश्यक दस्तावेज और फीस: पहचान, आविष्कारक/डिज़ाइनर की जानकारी और आवश्यक फीस लगती है। फीस अलग-अलग श्रेणी (individual, startup, small entity, others) के लिए बदलती है।

5) परीक्षा और पब्लिकेशन: आवेदन के बाद औपचारिक जाँच होती है। मंजूरी के बाद डिज़ाइन रजिस्टर्ड हो जाता है और एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है।

नोट: भारत में रजिस्ट्रेशन की अवधि आमतौर पर 10 साल होती है, जिसे 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

कुशल टिप्स: आवेदन जल्दी करें (प्राथमिकता महत्वपूर्ण है), NDA का इस्तेमाल करें जब किसी के साथ डिज़ाइन साझा कर रहे हों, और तस्वीरें हाई क्वालिटी की दें। अगर संभव हो तो IP विशेषज्ञ या पेटेंट एजेंट से सलाह लें—गलत फाइलिंग से आपका केस कमजोर हो सकता है।

अगर कोई आपकी डिज़ाइन कॉपी कर ले तो सबसे पहले हल्के कदम: चेतावनी नोटिस भेजें। फिर कानूनी कदम की जरूरत हो तो IP वकील से आगे की कार्रवाई पर बात करें। जल्दी और साफ रिकॉर्ड रखने से आपका केस मजबूत रहेगा।

अंत में, अगर आपकी प्रोडक्ट का लुक ही ब्रांड की पहचान है, तो डिज़ाइन पेटेंट पर समय और ध्यान देना आपको कॉपीराइट, मार्केटिंग और बिक्री में फायदा देगा। क्या आप अपनी डिज़ाइन के लिए अगले कदम उठाने के लिए तैयार हैं? छोटे कदम आज ही लें—सर्च करिए, फोटो तैयार कीजिए और आवेदन प्रक्रिया शुरू कीजिए।

दोग टॉय डिज़ाइन पेटेंट प्राप्त करने का रोमांचक सफर: रीनी क्विन की कहानी

दोग टॉय डिज़ाइन पेटेंट प्राप्त करने का रोमांचक सफर: रीनी क्विन की कहानी

Anindita Verma नव॰ 18 0 टिप्पणि

रीनी क्विन को उनका डॉग टॉय 'रोप थ्रो' के लिए डिजाइन पेटेंट मिला। उनका यह पेटेंट उन समस्याओं को हल करता है जो आमतौर पर साँप निर्मित डॉग टॉययों से होती हैं। इस अनोखे डिजाइन की कहानी उनके पालतू कुत्ते लूना से प्रेरणा लेने से शुरू हुई और पेटेंट आवेदन के सफल होने तक जारी रही।

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