आंखों की सर्जरी — क्या जानना ज़रूरी है
क्या आप या आपका परिवार किसी ऑप्टिकल समस्या के लिए सर्जरी सोच रहे हैं? आजकल आँखों से जुड़ी कई परेशानियां सर्जरी से ठीक हो जाती हैं, लेकिन हर ऑपरेशन एक जैसा नहीं होता। यहां सीधे, काम के तरीके और सलाह दिए गए हैं ताकि आप बेहतर फैसला ले सकें।
मुख्य प्रकार और कब ज़रूरी होते हैं
सबसे पहले यह समझ लें कि कौन-कौन सी सर्जरी आम हैं और किस हालत में सलाह दी जाती है:
कैटरेक्ट (मोतियाबिंद): आम तौर पर 50+ उम्र में देखने में धुंधलापन हो तो। ऑपरेशन में बदली हुई लेंस निकालकर नया इम्प्लांट किया जाता है।
लेसिक / PRK: चश्मे या कॉन्टेक्ट से छुटकारा चाहिए और कॉर्निया की मोटाई अनुकूल हो तो। छोटे समय में सुधार दिखता है, पर सभी के लिए नहीं होता।
रेटिना सर्जरी: रेटिना डिटैचमेंट, डायबेटिक रेटिनोपैथी या मॅक्युलर इश्यू में आपातक स्थिति हो सकती है — जल्दी इलाज जरूरी है वरना स्थायी नुकसान।
ग्लॉकोमा सर्जरी: आँख के दबाव को नियंत्रित करने के लिए, जब दवा से दबाव नहीं घटता।
कॉर्नियल ट्रांसप्लांट: गंभीर चोट या संक्रमण से कॉर्निया खराब हो जाये तो बदला जाता है।
प्रोसेस, जोखिम और रिकवरी—क्या उम्मीद रखें
ऑपरेशन से पहले:
डॉक्टर चेकअप में दृश्य परीक्षण, कॉर्निया मैप और आँख की भीतर की जांच करते हैं। लेसिक से पहले कॉन्टैक्ट कुछ दिन बंद करने होते हैं।
ऑपरेशन के दौरान और बाद:
अधिकतर आँख के ऑपरेशन लोकल एनस्थीसिया में होते हैं और समय 15 मिनट से 2 घंटे के बीच हो सकता है। सर्जन आपको दवा और नेत्र-बंद पट्टी देगा।
रिकवरी टाइम लाइन (आम अनुमान):
लेसिक: ज्यादातर लोगों में 24–72 घंटों में सुधार दिखता है, पर पूरा ट्यून-अप 2–4 हफ्ते ले सकता है।
कैटरेक्ट: आंखें अगले दिन बेहतर लगे, पर दृष्टि धीरे-धीरे हफ्तों में स्थिर होती है।
रेटिना/ग्लॉकोमा: रिकवरी लंबी हो सकती है—हफ्ते से महीनों तक फॉलो-अप जरूरी।
संभावित जोखिम: संक्रमण, सूखी आंखें, रात में हॉलोस या ग्लेयर, कभी-कभी विजन की कमी। गंभीर नुकसान कम होता है पर जोखिम हमेशा रहता है।
कुछ प्रैक्टिकल टिप्स: ऑपरेशन से पहले और बाद की दवाइयां समय पर लें, धूल-धुएँ से बचें, भारी चीज़ न उठाएं, ड्राइविंग तब तक न करें जब तक डॉक्टर न कहे। अगर तेज दर्द, अचानक दृष्टि कम होना, या लालिमा बढ़े तो तुरंत संपर्क करें।
डॉक्टर चुनते समय अनुभव, सन्गठित सर्टिफिकेशन और पहले/बाद की केस फीडबैक देखें। दूसरे राय (second opinion) लेना ठीक है—खासकर अगर ऑपरेशन बड़ा हो या जोखिम अधिक दिखे।
अगर आप व्यक्तिगत सलाह चाहते हैं तो अपनी रिपोर्ट और आँखों की जांच के नतीजे लेकर नज़दीकी नेत्र विशेषज्ञ से मिलिए। उचित जानकारी और सही डॉक्टर आपके नतीजे बदल सकते हैं।

AAP नेता राघव चड्ढा का आंखों की सर्जरी के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के घर आगमन
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने इस महीने की शुरुआत में यूके में आंखों की सर्जरी करवाने के बाद शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर सार्वजनिक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। चड्ढा कई महीनों से अपनी स्वास्थ्य समस्या के कारण गायब थे, लेकिन अब वह पार्टी के लोकसभा चुनाव अभियान में फिर से शामिल होंगे।
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