
जब प्रथमेश मल्ली, डिवीपी‑रिसर्च एंजेल वन ने कहा कि सोना और चांदी के दाम इस सोमवार, 29 सितंबर 2025 को ऐतिहासिक ऊँचाइयों पर पहुँच गए हैं, तब यह कहानी शुरू होती है। इस दिन भारत के दिल्ली में 24‑कैरट सोना 11,640 रु/ग्राम पर बंद हुआ, जबकि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अक्टूबर डिलिवरी फ्यूचर 1,14,992 रु/10 ग्राम तक पहुँचा। अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के दर‑कट की उम्मीदों, रूसी‑युक्रेन युद्ध और यू‑चीन व्यापार तनावों का मिश्रण इस बुलबुले को भड़काता दिखा, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए टैरिफ़ ने बाजार में अनिश्चितता को और गहरा किया।
पृष्ठभूमि: वैश्विक आर्थिक माहौल और भारत की त्यौहार‑सीज़र
दशकों से सोना और चांदी सुरक्षित‑शरण की भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन इस बार उनका रैंप अप कई कारकों का मिलाजुला नतीजा है। पहले से ही अक्टूबर‑डिसंबर‑सत्र में यूएस‑फ़ेड ने धीरे-धीरे दर‑कट का संकेत देना शुरू कर दिया था, जिससे डॉलर कमजोर हुआ और धातुओं की कीमतें चढ़ी। साथ ही, रूस‑युक्रेन संघर्ष ने ऊर्जा कीमतों को बढ़ा दिया, जिससे निवेशकों ने जोखिम‑भरे एसेट्स से हट कर सोने की ओर रुख किया।
भारत में इस समय दिवाली‑अनंतिम उत्सव का मौसम है, जब लोग सोने के सिक्के, गहने और बार खरीदते हैं। इसलिए घरेलू मांग ने भी इस तेज़ी में इज़ाफ़ा किया। इस तरह के दोहरे ड्राइवर — अंतर्राष्ट्रीय अनिश्चितता और घरेलू त्यौहार‑उत्सव — ने कीमतों को एक साथ धक्का दिया।
कीमतों का रिकॉर्ड: आंकड़े, ग्राफ़ और दैनिक उतार‑चढ़ाव
इस सोमवार की मार्केट क्लोज़िंग के आंकड़े कुछ इस प्रकार थे:
- 24‑कैरट सोना: 11,640 रु/ग्राम (पिछले दिन से +92 रु)
- 22‑कैरट सोना: 10,670 रु/ग्राम
- 18‑कैरट सोना: 8,730 रु/ग्राम
- दिल्ली में 24‑कैरट: 11,655 रु/ग्राम
- MCX अक्टूबर सोना फ्यूचर: 1,14,992 रु/10 ग्राम (+1.06 %)
- MCX दिसंबर सोना फ्यूचर: 1,15,925 रु/10 ग्राम (+0.9 %)
- चांदी (स्पॉट): रिकॉर्ड उच्चता, विशेष संख्या MCX के आधिकारिक इस्पोर्ट में जारी
गुज़रते हफ्ते में सोना लगभग 3.77 % (4,188 रु) बढ़ा था, और यह रुझान इस रिपोर्टिंग के दिन भी जारी रहा।
बाज़ार की चाल: विशेषज्ञों का विश्लेषण
एंजेल वन के प्रथमेश मल्ली ने कहा, “सोना अब तक का सबसे आशावादी दौर देख रहा है, और हम उम्मीद नहीं कर रहे कि यह जल्द‑बाज़ी में गिरेगा।” उन्होंने यह भी नोट किया कि टैरिफ़, जियो‑पॉलिटिकल तनाव, और वैश्विक मौद्रिक नीति की अनिश्चितता निवेशकों को सोने की ओर धकेल रही है।
एक अन्य विशेषज्ञ, सुरेश पंत (मुख्य रणनीतिकार, ब्रोकेजेस इंडिया) ने जोड़ते हुए कहा, “डॉलर की गिरावट और यूएस‑ट्रेड टैरिफ़ का असर सोने को दोहरी सुरक्षा प्रदान कर रहा है, परन्तु जब कीमतें इतने स्तर तक पहुँच जायें तो मौद्रिक नीति में अचानक बदलाव जोखिम को त्वरित कर सकता है।”

भविष्य की दृष्टि: क्या कीमतें और बढ़ेंगी?
आगामी हफ्तों में दो मुख्य कारक मूल्य‑रेंज तय करेंगे: फेड के दर‑कट का वास्तविक कार्यान्वयन और यू‑चीन व्यापार‑संघर्ष का विकास। यदि फेड दर‑कट को लागू करता है, तो डॉलर का आगे और पतन सोने को और मदद करेगा। दूसरी ओर, अगर टैरिफ़ का असर आर्थिक गति को मंद करता है, तो निवेशकों के पास जोखिम‑भरे एसेट्स का विकल्प घटेगा, जिससे सोने की मांग में तेज़ी आ सकती है।
हालांकि, तकनीकी विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि लगातार रिकॉर्ड‑हाई पर रहने से छोटे‑समय में मुनाफ़ा लेने वाले ट्रेडर्स संभावित पुनरावर्तित प्रवृत्तियों से बचने के लिए स्टॉप‑लॉस सेट कर सकते हैं। इसके अलावा, चांदी का बेंचमार्क भी समान दिशा में जा रहा है, इसलिए दोनो धातुओं में समान दर से उलट‑फेर की संभावना है।
निष्कर्ष: निवेशकों के लिए प्रमुख सिफ़ारिशें
सारांश में, सोना और चांदी की कीमतें कई वैश्विक और घरेलू कारणों से समर्थन पा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर पर प्रवेश करने वाले निवेशकों को दीर्घकालिक सुरक्षित‑शरण की दृष्टि से देखना चाहिए, जबकि अल्पकालिक ट्रेडर्स को लाभ‑संकलन के साथ‑साथ जोखिम‑प्रबंधन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
Frequently Asked Questions
सोना और चांदी की नई ऊँचाई का कारण क्या है?
मुख्य कारण हैं यूएस‑फ़ेडरल रिज़र्व द्वारा दर‑कट की उम्मीद, डॉलर का कमजोर होना, रूस‑युक्रेन युद्ध और यू‑चीन व्यापार‑तनाव। साथ ही, भारत में दिवाली‑सीजन की मांग ने भी कीमतें बढ़ायीं।
क्या निवेशकों को सोने को अभी खरीदना चाहिए?
दीर्घकालिक निवेशकों को सुरक्षा की दृष्टि से सोना आकर्षक लग सकता है, परन्तु अल्पकालिक ट्रेडर्स को स्टॉप‑लॉस सेट करके संभावित गिरावट से बचना चाहिए। बाजार की स्थिति पर नज़र रखना ज़रूरी है।
फेडरल रिज़र्व की दर‑कट नीति कब लागू होगी?
फेड ने आने वाले दो‑तीन महीनों में दर‑कट की संभावना जताई है, लेकिन सटीक तारीख अभी अनिश्चित है और यह आर्थिक रिपोर्टों पर निर्भर करेगा।
डोनाल्ड ट्रम्प के नए टैरिफ़ का सोने पर क्या असर रहेगा?
टैरिफ़ के कारण वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ेगी, जिससे निवेशक सुरक्षित‑शरण के रूप में सोने की ओर अधिक रुख करेंगे, इसलिए यह आगे कीमतों में निरंतर बढ़ोतरी का समर्थन कर सकता है।
MCX पर सोने के फ्यूचर की कीमतों का भविष्य क्या है?
अगर मौद्रिक नीति और भू‑राजनीतिक तनाव जारी रहें तो फ्यूचर कीमतें उच्च स्तर पर टिक सकती हैं; अन्यथा, यदि दर‑कट तेज़ी से लागू हो जाए तो कीमतों में कुछ फिसलन देखी जा सकती है।
सोने की कीमतें सच में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।