ऋद्धिमान साहा ने क्रिकेट को अलविदा कहा: उनके करियर की महत्वपूर्ण बातें

ऋद्धिमान साहा ने क्रिकेट को अलविदा कहा: उनके करियर की महत्वपूर्ण बातें
Anindita Verma फ़र॰ 2 11 टिप्पणि

ऋद्धिमान साहा का क्रिकेट करियर

भारतीय क्रिकेट की दुनिया में जब भी सबसे भरोसेमंद विकेटकीपर्स का जिक्र होगा, ऋद्धिमान साहा का नाम सम्मान के साथ लिया जाएगा। 2010 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले साहा ने भारतीय क्रिकेट की कई महत्वपूर्ण श्रृंखलाओं में योगदान दिया है। उनके खेल में एक अद्वितीय संगठितता और स्थिरता थी जिसने उन्हें अपनी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया।

साहा का क्रिकेट करियर विशेष रूप से उन खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बना जो अपने विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी कौशल को संतुलित करना चाहते हैं। उन्होंने न केवल भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए बल्कि विभिन्न आईपीएल फ्रेंचाइजियों के लिए भी शानदार प्रदर्शन किया। 40 टेस्ट और नौ वनडे खेलने के बाद, उन्होंने ऐसे कई मौके प्रदान किए जहां उन्होंने अपनी टीम को मजबूती से खड़ा किया।

आईपीएल में साहा का अद्वितीय योगदान

आईपीएल के मैदान में साहा का प्रदर्शन हमेशा यादगार रहा है। उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स, पंजाब किंग्स, और गुजरात टाइटंस जैसी टीमों के लिए मैच खेले और कई मौकों पर खेल को अपनी दिशा में मोड़ा। 2014 का आईपीएल फ़ाइनल उनके करियर का प्रमुख आकर्षण रहा, जहां उन्होंने शानदार शतक जड़कर सबका ध्यान खींचा। यह उनके बल्लेबाजी कौशल का एक अद्वितीय प्रदर्शन था जिसने उन्हें क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिए एक जगह दिलाई।

ऋद्धिमान साहा का आईपीएल योगदान न केवल उनकी टीमों के लिए बल्कि उभरते खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा रहा है। उनके कप्तान और साथी खिलाड़ियों ने हमेशा उनकी विश्वासनीयता और दृढ़ता की सराहना की है, जिससे नए खिलाड़ियों को सीखने का मौका मिला।

क्रिकेट से विदाई की घोषणा

साहा ने रणजी ट्रॉफी के दौरान क्रिकेट से अपने विदाई की घोषणा की। 40 वर्ष की आयु में उन्होंने इस खेल से संन्यास लेने का निर्णय किया। उनके विदाई के समय साथी खिलाड़ियों ने उन्हें एक गॉर्ड ऑफ ऑनर के माध्यम से सम्मानित किया, जो उनके योगदान के प्रति आदर का संकेत था। यह क्षण न केवल साहा के लिए बल्कि उन सभी के लिए भावनात्मक था जिन्होंने उनके साथ खेला और जिन्होंने उन्हें खेलते देखा।

इस मौके पर उनके पूर्व साथी खिलाड़ी मोहम्मद शमी ने साहा को भारतीय क्रिकेट का 'सच्चा लीजेंड' कहा और उनके अमिट योगदान की सराहना की। साहा ने अपनी इस विदाई को एक भावनात्मक मोड़ के रूप में देखा और कहा कि वे बंगाल के लिए आखिरी बार रणजी ट्रॉफी खेलकर गर्वित हैं।

उपलब्धियां और विरासत

उपलब्धियां और विरासत

ऋद्धिमान साहा की उपलब्धियों को मात्र संख्याओं में तौल कर नहीं देखा जा सकता। 141 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 7,169 रन बनाए हैं, जो कि एक असाधारण उपलब्धि है। उनके 48.68 के औसत से हुई यह बल्लेबाजी साबित करती है कि वे एक सक्षम बल्लेबाज थे। अपनी इनिंग्स के दौरान उन्होंने 44 अर्धशतक और 14 शतक जड़कर खेल प्रेमियों को लुभाया।

उनकी विरासत न केवल रन तक सीमित है, बल्कि यह क्रिकेट के लिए उनके भावनात्मक जुड़ाव और समर्पण को भी दर्शाती है। उनके योगदान ने कई उभरते खिलाड़ियों को एक प्रेरणा दी है। साहा का खेल कौशल, जिसका उन्होंने तमाम मैदानों में प्रदर्शन किया, आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण रहेगा।

11 टिप्पणि
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    Jubin Kizhakkayil Kumaran फ़रवरी 2, 2025 AT 20:07

    रिद्धिमान साहा ने देश के लिए जो कड़क मेहनत की वह काबिले‑तारीफ़ है। उनका विकेटकिपिंग स्टाइल भारतीय टीम का असली हथियार रहा। इस तरह की निष्ठा देख कर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए।

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    tej pratap singh फ़रवरी 9, 2025 AT 07:01

    उनकी विदाई पीछे सरकारी दबाव का बड़ा खेल है।

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    Chandra Deep फ़रवरी 15, 2025 AT 17:56

    रिद्धिमान साहा का अनुभव युवा विकेटकीपर्स को बेजोड़ दिशा देता है उनका 40 टेस्ट करियर और 48.68 औसत युवा खिलाड़ियों के लिए सीख है

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    Mihir Choudhary फ़रवरी 22, 2025 AT 04:50

    वाह क्या बात है 🙌 रिद्धिमान साहा की कड़ी मेहनत ने सभी को प्रेरित किया 🎉 उनका अभ्यस्त रवैया हमेशा याद रहेगा 😊

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    Tusar Nath Mohapatra फ़रवरी 28, 2025 AT 15:45

    अरे भाई रिद्धिमान साहा को बाय कहना आसान है लेकिन उनके बिना टीम की बैटिंग लाइन‑अप कब तक चल पाएगी, देखते‑हैं! 😏

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    Ramalingam Sadasivam Pillai मार्च 7, 2025 AT 02:39

    साहा का राज़ केवल विकेटकीपिंग नहीं था वह खेल के सत्त्व को समझते थे उनका हर कदम एक सिद्धान्त था

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    Ujala Sharma मार्च 13, 2025 AT 13:34

    लगता है रिद्धिमान साहा की विदाई पर सभी ने एक ही जश्न मनाया, क्या वही बड़ी बात थी?

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    Vishnu Vijay मार्च 20, 2025 AT 00:29

    सबको रिद्धिमान साहा की मेहनत पर बधाई 🎊 उनका योगदान हर टीम में सकारात्मक ऊर्जा लाया, इसको सभी मिलकर सराहें 🙏

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    Aishwarya Raikar मार्च 26, 2025 AT 11:23

    मैं कहूँ तो रिद्धिमान साहा का करियर कई राज़ों से बंधा है, शायद कुछ बड़े वेस्टर्न एजेंडा ने ही उन्हें जल्दी से बाहर किया, लेकिन ठीक है, फैन फेम का मज़ा यही है 😉

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    Arun Sai अप्रैल 1, 2025 AT 22:18

    साहा का प्री‑इंडेक्स्ड स्टैक‑फ़्रेम वैल्यू कोर कॉन्फ़िगरेशन असली मैकेनिकल डाइनामिक को समझना चाहिए, नहीं तो वह सिर्फ़ औसत नहीं बनता

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    Manish kumar अप्रैल 8, 2025 AT 09:12

    रिद्धिमान साहा का करियर भारतीय क्रिकेट की एक प्रेरणा कथा है। उन्होंने टेस्ट में 40 मैच और वनडेज़ में 9 मैच खेले। उनका औसत 48.68 एक स्थिरता का प्रतीक है। विकेटकीपिंग में उनका प्रतिक्रिया समय न्यूनतम था। बचपन से ही उन्होंने खुद को फिटनेस और तकनीक में संलग्न रखा। आईपीएल में उन्होंने कई टीमों के साथ जीत की लाल टेप बुनाई। 2014 के फाइनल में उनका शतक दर्शाता है कि वह केवल विकेटकीपर नहीं बल्कि एक भरोसेमंद दुरुपयोगी भी हैं। कई युवा खिलाड़ी उनके प्रशिक्षण सत्रों से सीखा है। उनका गॉर्ड ऑफ ऑनर टीम के सम्मान को दर्शाता है। रैनजी ट्रॉफी में उनका आखिरी खेल भावनात्मक था। उनके साथ खेलते समय टीम का आत्मविश्वास बढ़ता था। उन्होंने मैदान में दबाव को संभालने की कला को परिपूर्ण किया। उनकी कप्तानी शैली में शांति और कड़ाकापन दोनों देखने को मिले। वह हमेशा टीम के छोटे‑छोटे कामों को नज़रअंदाज़ नहीं करते थे। आज भी उनका नाम अंकित है डाटा एनीलेसिस में। भविष्य की पीढ़ी को उनका उदाहरण हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

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