
जब ममता बनर्जी, मुख्य मंत्री पश्चिम बंगाल ने गंभीर स्थिति को देखा, तो पता चला कि डarjeeling और मिरिक पहाड़ियों में लगातार भारी बारिश ने कम से कम 20 लोगों की जान ले ली, जिसमें कई बच्चे भी शामिल हैं। यह त्रासदी 5 अक्टूबर 2025 को रात‑से‑सुबह तक जारी रहने वाले बवंडर‑बढ़ते वर्षा के कारण हुई, जिससे लगभग सौ लैंडस्लाइड हुए और मुख्य राजमार्ग NH10 व NH717 अवरुद्ध हो गए।
घटना का सारांश
डarjeeling और मिरिक की पहाड़ी क्षेत्रों में 4 अक्टूबर की शाम से लेकर अगले दिन सुबह तक दबाव‑कीमत वाली बारिश ने जल-भारी पहाड़ी ढलानों को अस्थिर कर दिया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और जिला प्रशासन के आँकड़ों के अनुसार, सर्साली, जसबीरगाँव, मिरिक बस्ती, धार गाँव, नागरकट्टा और मिरिक लेक के आसपास कई स्थानों में जानें गईं।
भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 4 अक्टूबर की दोपहर से ही "अत्यधिक" बारिश का पूर्वानुमान दिया था। विभाग ने बताया कि जलवायु विशेषज्ञों ने 5 अक्टूबर तक लाल चेतावनी जारी की, क्योंकि जलसंचयन स्तर अत्यधिक था। दर्ज की गई मात्रा: जलपुर (जालपाखरी) में 370 मिमी और डarjeeling में 270 मिमी वर्षा। इस मात्रा ने पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी की स्थिरता को तोड़ दिया, जिससे लगभग 100 लैंडस्लाइड हुए।

प्रभावित स्थल और संरचनाएँ
सबसे डरावना नुकसान Dudya आयरन ब्रिज का ध्वँस हुआ, जो सिलिगुड़ी‑डarjeeling SH12 हाईवे पर एक प्रमुख कनेक्शन था। इस पुल के गिरते ही सैकड़ों यात्रियों को रास्ते से अलग कर दिया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग NH10 और NH717 दोनों ही बँध गए, जिससे सिखिम सहित कई नगरों की सप्लाई लाइनें टूट गईं। गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रबंधन (GTA) ने सभी पर्यटन स्थलों को बंद करने का निर्देश दिया।
प्रतिक्रिया और राहत कार्य
उड़यन गूहा, उत्तर बंगाल विकास मंत्री (उड़यन गूहा), ने PTI को बताया कि "स्थिति अलार्मिंग है, मौतों की संख्या बढ़ सकती है"। उन्होंने बताया कि वे स्वयं क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। डarjeeling उप-प्रशासनिक अधिकारी (SDO) रिचर्ड लेपचा ने पुष्टि की कि सात मृतकों की रिपोर्ट मिली है और बचाव कार्य जारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (नरेंद्र मोदी) ने शोक व्यक्त किया और कहा कि केंद्रीय सरकार पूरी सहायता प्रदान करेगी। वहीं, राज्य सरकार ने नबाना राजभवन में 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया और ममता बनर्जी ने सोमवार, 6 अक्टूबर को प्रभावित जिलों का दौरा करने की घोषणा की।

आगे की चुनौतियाँ और भविष्य की तैयारी
सड़कें अभी भी ब्लॉक हैं, और कई गांव अभी भी बाहरी मदद से कटे हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायू परिवर्तन के कारण भविष्य में ऐसे दुष्कर घटनाएँ बढ़ सकती हैं। IMD ने अगले 3‑5 दिनों में हल्की‑मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है, लेकिन रेड अलर्ट अभी भी प्रभावी है।
- कुल मृत: 20 (जिनमें 5 बच्चे)
- प्रमुख प्रभावित स्थल: मिरिक (11 मौतें), डarjeeling उप‑विभाग (7 मौतें)
- बंद मुख्य राजमार्ग: NH10, NH717, SH12
- बचाव में शामिल एजेंसियां: NDRF, पुलिस, जिला प्रशासन, GTA
- प्रमुख मौसम आँकड़े: जालपाखरी 370 मिमी, डarjeeling 270 मिमी (4‑5 अक्टूबर)
Frequently Asked Questions
लैंडस्लाइड से सबसे ज्यादा प्रभावित कौन‑से गाँव हैं?
मिरिक बस्ती, सर्साली और धार गाँव को सबसे गंभीर चोटें आई हैं। इन क्षेत्रों में घर‑घर बाढ़ और ढहना दर्ज किया गया, जिससे कई परिवार बेघर हो गए।
आवाज़ी सहायता के लिए किन संस्थाओं से संपर्क करूँ?
रिपोर्ट करने के लिए आप नजदीकी पुलिस थाना, NDRF के हेल्पलाइन 1070, या डarjeeling जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
राज्य सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में जलवायू‑सुरक्षा योजना तैयार की है, जिसमें नियमित भूसंधारण, फस्ल की निगरानी और तेज‑बारिश के दौरान शुरुआती चेतावनी प्रणाली शामिल है।
पर्यटकों पर क्या असर पड़ा और कौन‑से स्थल बंद हैं?
गोरखालैंड टेरिटोरियल प्रशासन ने सभी पर्यटन आकर्षणों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। कई होटलों और रिसॉर्ट्स में रुकने वाले यात्रियों को निकासी दोहन के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा सहायता दी जा रही है।
वास्तव में, इस लैंडस्लाइड में इंट्री‑वोल्यूशन मॉड्यूल के डेटा को देख कर स्पष्ट हो जाता है कि रेनल‑डेनसिटी इंडेक्स ने रेड‑एलर्ट सीमा को पार कर दिया था, जिसके चलते टेरेन‑स्टेबिलिटी मैट्रिक्स ने फेल्योर पॉइंट को ट्रिगर किया।
सतत हाई‑इंटेंसिटी प्रीसीपिटेशन ने सैचुरेशन लेवल को 92% तक धकेल दिया, जो कि नॉरमैटिव थ्रेशोल्ड से 15% ऊपर है।
इस प्रकार, हाइड्रो‑मैकेनिकल स्ट्रेस का एग्रेगेटेड इम्पैक्ट स्पष्ट रूप से बुनियादी बुनियादी ढाँचा को बाधित कर गया।