पंजाब उपचुनाव 2024 परिणाम: जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट का नतीजा आज घोषित

पंजाब उपचुनाव 2024 परिणाम: जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट का नतीजा आज घोषित
मान्या झा जुल॰ 13 0 टिप्पणि

पंजाब उपचुनाव 2024: जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट का परिणाम

पंजाब के जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के उपचुनाव का परिणाम 13 जुलाई 2024 को घोषित किया गया। इस उपचुनाव में मतगणना का कार्य सुबह 8 बजे लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वीमेन में शुरू हुआ। इस महत्वपूर्ण चुनाव में कुल 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं की नजरें इस परिणाम पर टिकी थीं, क्योंकि यह चुनाव राज्य की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

मतगणना का विवरण और प्रमुख उम्मीदवार

इस उपचुनाव में नेताओं की भागीदारी बेहद खास रही। आम आदमी पार्टी (AAP) से मोहितर भगत, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सुरिंदर कौर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) से शीतल अंगुराल, और शिरोमणि अकाली दल से सुरजीत कौर प्रमुख उम्मीदवार थे। अगले आठ राउंड की मतगणना के बाद, मोहितर भगत ने 15,000 से अधिक वोटों के अंतर से बढ़त बना ली थी।

मोहिटर भगत की बढ़त

मोहिटर भगत की बढ़त

मोहिटर भगत की इस महत्वपूर्ण जीत ने AAP के समर्थकों में खुशी की लहर ला दी। परिणाम के बाद, भगत ने जनता का धन्यवाद किया और कहा कि वे क्षेत्र की बुनियादी समस्याओं को हल करने और नशाखोरी को समाप्त करने के अपने वादे पर काम करेंगे। उनके इस बयान ने जनता की उम्मीदों को बढ़ा दिया है। आम आदमी पार्टी की इस सफलता का श्रेय भगत की ईमानदारी और समर्पण भावना को गया।

उपचुनाव का कारण और मतदाता प्रतिक्रिया

यह उपचुनाव शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद आयोजित किया गया था, जिन्होंने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में AAP के उम्मीदवार के रूप में यह सीट जीती थी। 10 जुलाई 2024 को हुए मतदान में 54.90% की वोटर टर्नआउट रही, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 67.71% से कम थी।

राजनीतिक दृष्टिकोण और महत्व

राजनीतिक दृष्टिकोण और महत्व

इस उपचुनाव के परिणाम ने सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को विचार मंथन पर मजबूर कर दिया है। खासकर, हाल ही में जालंधर लोकसभा सीट पर चरणजीत सिंह चन्नी की सफलताओं के बाद यह चुनाव और भी महत्वपूर्ण हो गया था। राज्य की चुनावी रणनीति और भविष्य की राजनीति पर इस परिणाम का असर दिखना निश्चित है।

इस प्रकार, जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के उपचुनाव का परिणाम न केवल स्थानीय राजनीति में एक महत्वूर्ण घटनाक्रम साबित हुआ है, बल्कि पूरे पंजाब की राजनीति के लिए एक दिशा निर्धारण करता कदम भी है।

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