Mission Shakti 5.0: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये बाइक्स रैली शुरू

Mission Shakti 5.0: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये बाइक्स रैली शुरू
Anindita Verma सित॰ 21 7 टिप्पणि

Mission Shakti 5.0 का बड़ा कदम

उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नया मिशन शुरू किया – Mission Shakti 5.0। इस मिशन के तहत रविवार को राज्य के सभी जिलों में एक साथ बाइक्स रैली करवाई गई। प्रमुख उद्देश्य था महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें सुरक्षित महसूस कराना, साथ ही जनता तक सरकार की नई योजनाओं को पहुँचाना।

रैली का पहला जोशपूर्ण कदम वाराणसी से शुरू हुआ। साम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने हरे झंडे और गुब्बारों के साथ रैली को फ्लैग ऑफ किया। लगभग 6 किलोमीटर की इस रैली में जगतगंज, लोहारावीर चौहड़ा, चेतगंज, गुडोलिया, बस्पताक चौक और मैडागिन जैसे मुख्य क्षेत्रों से गुजरते हुए अंत में कोत्वाली ज़ोन कार्यालय पहुँचा।

नई पहल – महिला पावर सेंटर

नई पहल – महिला पावर सेंटर

रैली के दौरान कई प्रमुख पुलिस अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया, जिनमें DIG शिवहरि मीना, DCP काशी ज़ोन गौरव वंशवाल और ADCP शामिल थे। कमिश्नर ने घोषणा की कि अब हर घर में एक महिला पावर सेंटर होगा, जहाँ एक महिला दारोगा (पुलिस अधिकारी) की नियुक्ति की जाएगी। यह केंद्र आपातकाल में तुरंत मदद प्रदान करने, घरेलू हिंसा या किसी भी प्रकार की महिलाओं से जुड़ी समस्या को हल करने में सहायक होगा।

शरदिय नवरात्रि के दौरान इन केंद्रों को विशेष रूप से मंदिरों में भी सक्रिय रखने की योजना है। इससे त्योहार के समय महिलाओं को किसी भी अनहोनी से बचाने में अतिरिक्त सुरक्षा मिल सकेगी।

वाराणसी के बाद नोएडा में भी एक बड़ी रैली आयोजित की गई। यहाँ गीप मॉल से स्टार्ट होकर नोएडा स्टेडियम तक बाइक्स का जलसा चला, जिससे Mission Shakti Phase 5.0 का आधिकारिक लॉन्च हुआ। इसी तरह, संत कबीर नगर, बलरामपुर और कई अन्य जिलों में समान कार्यक्रमों को स्थानीय पुलिस और सामाजिक संगठनों ने मिलकर सफल बनाया।

इन रैलियों का मुख्य संदेश था – महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सिर्फ कानून नहीं, बल्कि जमीन स्तर पर सुविधाएँ और त्वरित सहायता भी जरूरी है। सरकार ने कहा कि यह पहल महिलाओं को आत्मविश्वास देगा और सामाजिक बायास को कम करने में मददगार होगी।

कुल मिलाकर, Mission Shakti 5.0 ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नई लहर शुरू कर दी है। बाइक्स रैली, महिला पावर सेंटर और त्योहारों में विशेष इंतजाम जैसी पहलों से यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और वास्तविक बदलाव लाने के लिये कदम बढ़ा रही है।

7 टिप्पणि
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    ria hari सितंबर 21, 2025 AT 22:04

    बढ़ाते हैं कदम, मिशन शक्ति 5.0 ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय खोल दिया है। यह पहल सिर्फ सरकारी घोषणा नहीं बल्कि जमीन पर महिलाओं को सुरक्षा महसूस कराने का वास्तविक प्रयास है। वाराणसी से शुरू हुई रैलियों ने विभिन्न जिलों में महिलाओं की आवाज़ को शहर की गली तक पहुंचा दिया। बाइक्स रैली के माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही हैं और आत्मविश्वास विकसित कर रही हैं। महिला पावर सेंटर की स्थापना एक बेहतरीन विचार है जिससे आपातकाल में तत्क्षण मदद मिल सकेगी। इस केंद्र में महिला दारोगा की नियुक्ति करके पुलिस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। स्थानीय स्तर पर यह एक सशक्त नेटवर्क बनाता है जिससे हिंसा के मामलों में शीघ्र कार्रवाई संभव होगी। रैली के दौरान पुलिस अधिकारियों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई, जो जनता के भरोसे को बढ़ाता है। योजना के तहत मंदिरों में विशेष इंतजाम करने से त्योहारों के दौरान सुरक्षा का कवच मिलेगा। यह कदम समाज में महिला सुरक्षा के प्रति डर को कम करेगा और उन्हें स्वतंत्र रूप से चलने का साहस देगा। सरकारी योजनाओं को पहुँचाने के लिए इस तरह के नवाचार आवश्यक हैं, जिससे जनता को सीधे लाभ मिले। बाइक्स रैली का ऊर्जा से भरा माहौल महिलाओं में सकारात्मक सोच को प्रेरित करता है। मिशन शक्ति 5.0 का यह पहल भविष्य में और भी व्यापक स्तर पर लागू हो सकता है। सभी जिलों में समान स्तर की पहल से महिलाओं को समान सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह दर्शाता है कि सरकार अब महिलाओं को प्राथमिकता दे रही है और वास्तविक बदलाव लाने के लिए कदम उठा रही है।

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    Alok Kumar अक्तूबर 2, 2025 AT 02:04

    इसी तरह के जाहिरा शोर-शराबे के पीछे असल में बजट एजेंडा छुपा है। रैली में दिखावा तो भड़िया है लेकिन जमीन पर क्या कार्रवाई होगी, इसका कोई ठोस इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं दिखा। नीति के लुफ्त उठाने वाले अक्सर ऐसे इवेंट की गिनती बनाते हैं, जबकि वह तो बस पॉलिसी लूपहोल को ढकने का माध्यम है। जार्गन में तो हर कोई बैनर लहराता है, पर वास्तविक समर्थन के लिए फंड अलोकेशन साफ नहीं है। पीडब्ल्यूसी द्वारा नियुक्त महिला अधिकारी भी तो नाम के ही हैं, वास्तविक सशक्तिकरण की बात नहीं। मेकैनिकल इवेंट्स से लेकर सॉफ़्ट स्किल्स तक, सब कुछ एक ही शब्द "सुरक्षा" में बांध दिया गया। इस तरह की टॉप‑ड्रॉप रणनीति से लोग डिस्टर्ब होते हैं, पर वास्तविक मुद्दे पर कोई ठोस समाधान नहीं मिलता।

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    Nitin Agarwal अक्तूबर 12, 2025 AT 06:04

    रैली महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने का अच्छा कदम है।

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    Ayan Sarkar अक्तूबर 22, 2025 AT 10:04

    लगता है यह सब सरकार का ही नहीं बल्कि कुछ बड़े समूहों का प्रयोग है। बाइक्स रैली के पीछे आर्थिक लाभ के संकेत मिलते हैं। इस तरह के इवेंट अक्सर ऊर्जा कंपनियों को छुपे हुए टैक्स रिटर्न के लिए मंच प्रदान करते हैं। महिला पावर सेंटर भी शायद डेटा संग्रहण का साधन बन सकता है।

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    Amit Samant नवंबर 1, 2025 AT 13:04

    यह कार्यक्रम वास्तव में सामाजिक संरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। महिला पावर सेंटर की स्थापना से आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया संभव होगी और इससे घरेलू हिंसा के मामलों में निराकरण तेज़ होगा। विभिन्न जिलों में समान रूप से इस पहल को लागू करना समानता की भावना को बढ़ाएगा। हम सभी को इस मिशन के सफलता में सहयोग देना चाहिए और जागरूकता फैलानी चाहिए ताकि महिलाओं को सुरक्षित वातावरण मिल सके।

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    Jubin Kizhakkayil Kumaran नवंबर 11, 2025 AT 17:04

    देश की सुरक्षा के नाम पर ऐसे दिखावे को हमें देखना नहीं चाहिए। यह सब राष्ट्रीय पहचान को मज़बूत करने के लिए ही किया जा रहा है, लेकिन असली काम तो बुनियादी विकास में होना चाहिए। महिलाओं की सच्ची सुरक्षा केवल इवेंट्स से नहीं, बल्कि शिक्षा और रोजगार से आती है। हमें वास्तविक बदलाव की जरूरत है न कि सिर्फ आडंबर वाली रैलियों की।

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    tej pratap singh नवंबर 21, 2025 AT 21:04

    ऐसे पहलें केवल सतही समाधान हैं, गहरी सामाजिक बुराइयों को नहीं छूतीं।

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