कुवैत में आग की त्रासदी: भारतीयों पर कहर
कुवैत के ओल मंगाफ इलाके में स्थित एक श्रमिक आवासीय सुविधा में लगी आग ने भयानक रूप से धन्यादानिक इलाके को उजाड़ दिया, जिससे 49 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में से 42 भारतीय बताये जा रहे हैं। यह भयानक घटना उस समय घटी जब आवासीय सुविधा की एक रसोई में आग लग गई, जिससे अधिकांश लोगों की मौत धुएं के कारण दम घुटने से हुई। इस घटना में अन्य देशों के नागरिक भी मारे गये हैं, जिनमें पाकिस्तान, फिलीपींस, मिस्र और नेपाल के नागरिक शामिल हैं।
भारतीय नागरिकों की स्थिति
भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस हादसे में लगभग 40 भारतीयों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना को 'बहुत ही दुखद' बताया और मृतकों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने सरकार को सभी संभव मदद प्रदान करने का निर्देश दिया है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कुवैत का दौरा किया और घायल भारतीयों की देखभाल सुनिश्चित करने के अलावा जल्दी से जल्दी शवों को वापस लाने की कार्रवाई को देखा।
शवों की वापसी के लिए प्रयास
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्लाह अली अल-याह्या से बात की और शवों की शीघ्र वापसी के लिए आह्वान किया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि घायल लोगों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा मिल रही है। कुवैती अधिकारी शवों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण कर रहे हैं और भारतीय वायुसेना का एक विमान भारतीय नागरिकों के शव लाने के लिए तैयार है।
बचाव और जांच
कुवैत के आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबा ने इस भयानक आग की घटना की जांच के आदेश दिए हैं और भवन के मालिक और चौकीदार को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। अधिकांश भारतीय पीड़ित केरल से हैं। इस घटना ने ना सिर्फ कुवैत बल्कि भारत में भी एक गहरा धक्का पहुंचाया है। परिवारों में शोक की लहर के बीच, भारतीय सरकार और कुवैत के अधिकारी मिलकर इस दुखद घटना के सभी पहलुओं की जांच करने और ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए तत्पर है।
शोक और सहायता
पीड़ित परिवारों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दुख की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है और आवश्यक सभी संभव साहायता प्रदान की जाएगी। इस बीच, भारतीय दूतावास ने कुवैत में भारतीय समुदाय से संपर्क साधा है और हर संभव मदद की पेशकश की है। इस हादसे ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि दुनिया के किसी भी कोने में दुखद घटनाएं किसी एक देश या समुदाय के लिए नहीं होती, बल्कि वे मानवता के पूरे ताने-बाने को प्रभावित करती हैं।
इस दर्दनाक घटना ने कई परिवारों को उनकी अनमोल जिंदगियों से वंचित कर दिया है। हमारी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने इस त्रासदी में अपने प्रियजनों को खो दिया है। यह समय एकजुट होकर उनकी मदद करने का है।
मान्या झा द्वारा आलेख
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