भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच दूसरे वनडे का रोमांचक मुकाबला
भारत की महिला क्रिकेट टीम ने अहमदाबाद के मशहूर नरेंद्र मोदी स्टेडियम में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ श्रृंखला का दूसरा वनडे खेला। भारतीय टीम इस मैच में जीत हासिल करके श्रृंखला सील करना चाहती थी लेकिन निराशा हाथ लगी और उन्हें 76 रनों की हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर हो गई।
पहले वनडे में चोट के कारण बाहर रहीं भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने इस मैच में अपनी वापसी की, लेकिन उनका योगदान टीम को जीत दिलाने में मददगार नहीं रहा। मैच के दौरान उन्होंने टीम को संभालने की भरसक कोशिश की, लेकिन न्यूज़ीलैंड की शानदार गेंदबाजी के सामने उनका प्रयास सफल नहीं हो सका।
न्यूज़ीलैंड की शुरुआत और आक्रामक बल्लेबाजी
सोफी डिवाइन की कप्तानी में न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया, जिसका फायदा भी उन्हें मिला। अनुभवी प्लेयर होने के कारण डिवाइन ने जबरदस्त खेल दिखाया। हालांकि उनकी टीम स्टार ऑलराउंडर एमेलिया केर की सेवाओं के बिना खेल रही थी, जो पहले वनडे में चोटिल हो गई थीं। उनकी जगह शुरूआत करने वाली फ्रैन जोनास ने टीम में नया जोश भरा।
भारतीय टीम की गेंदबाजी को काफी संघर्ष करते देखा गया। टीम की नई उभरती लेग-स्पिनर प्रिया मिश्रा का यह अंतरराष्ट्रीय डेब्यू था और उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। अपने पहले ही मैच में उन्होंने गेंद को सपिन करने की क्षमता दिखाई, लेकिन न्यूज़ीलैंड की रणनीति और धैर्य ने भारतीय गेंदबाजों को शांत रखा।
भारतीय बल्लेबाजी की कमजोर कड़ी
निकली हुई भारतीय बल्लेबाजी के विपरीत, न्यूज़ीलैंड की ओर से आवाजाही कोई कसर नहीं छोड़ी गई। मैच के दौरान भारतीय टीम के रन चेज़ में योजनाओं की कमी झलकी। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम को शुरुआती झटके लगे और एक के बाद एक बल्लेबाज पवेलियन लौटने लगे।
टीम के मौजूदा बल्लेबाजों ने खुद को परिस्थिति में ढालने का प्रयास किया लेकिन सटीक गेंदबाजी के सामने पस्त होते दिखे। भारतीय टॉप आर्डर की कमी का प्रदर्शन अगली बार सुधार की संभावना देती है। गेंदबाजी में विक्टोरिया जैसे खिलाड़ियों ने बल्लेबाजी में भूमिका निभाते हुए आश्वस्त कर लिया कि भारतीय बल्लेबाज चिंतन के लिए बैठें।
खेल में सीख और अगले मैच की रणनीति
संभावना है कि हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम ने इस मैच से कई महत्वपूर्ण सबक सीखे होंगे। अपने चोट से लौटने के बाद टीम को फिर से संतुलन में लाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण रहा। आगे आने वाले मैच में भारतीय टीम को स्ट्रटेजी में महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे।
बल्लेबाजों को अधिक फोकस और योजना बनाकर फील्ड पर उतरना होगा। गेंदबाजों को भी सही लाइन और लेंथ पर ध्यान देना होगा ताकि विपक्षी टीम के बड़े स्कोर को रोका जा सके। इस हार ने भारतीय टीम को विचार-विमर्श के लिए मजबूर किया है ताकि वे अगली बार और भी शक्ति और सटीकता के साथ मैदान में उतर सकें।
इस रोमांचक श्रृंखला का पहला मैच ही दर्शकों को बांधने में सफल हुआ और इसके बाद के मैचों में भी वैसा ही रोमांच बनाए रखने की उम्मीद है। आने वाले अंतिम मैच में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम श्रृंखला की ट्रॉफी उठाएगी। खेलप्रेमी उम्मीद कर सकते हैं कि भारतीय टीम अपनी ताकत से वापसी करेगी और इस खेल युद्ध को विजय के शिखर तक ले जाएगी।
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