आज का पंचांग 01 जुलाई 2024: जानें शुभ मुहूर्त, राहु काल और हिन्दू कैलेंडर

आज का पंचांग 01 जुलाई 2024: जानें शुभ मुहूर्त, राहु काल और हिन्दू कैलेंडर
Anindita Verma जुल॰ 1 14 टिप्पणि

आज का पंचांग: 01 जुलाई 2024

हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है, जो हमारे दैनिक जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायक होता है। 01 जुलाई 2024 का पंचांग कई महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान करता है, जिनमें शुभ और अशुभ काल की जानकारी भी शामिल है।

तिथि और नक्षत्र

पंचांग के अनुसार, 01 जुलाई 2024 को आषाढ़ मास का द्वितीया तिथि है। इस तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है क्यूंकि यह नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र के अंतर्गत आती है। इस दिन चंद्रमा सिंह राशि में स्थित होगा और सूर्य मिथुन राशि में स्थित होंगे।

शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस दिन के कई मुहूर्त शुभ माने गए हैं। विशेष रूप से अभिजीत मुहूर्त 11:54 पूर्वाह्न से 12:42 अपराह्न तक रहेगा। विजय मुहूर्त 2:24 अपराह्न से 3:12 अपराह्न तक, और गोधूलि मुहूर्त 5:34 अपराह्न से 6:22 अपराह्न तक रहेगा।

राहु काल और अन्य अशुभ मुहूर्त

पंचांग में राहु काल और अन्य अशुभ मुहूर्त की जानकारी भी दी जाती है। इस दिन राहु काल का समय 10:30 पूर्वाह्न से 12:00 अपराह्न तक रहेगा। यमगण्ड मुहूर्त 3:30 अपराह्न से 5:00 अपराह्न तक और गुलिक काल दोपहर 12:00 बजे से 1:30 अपराह्न तक रहेगा। इन अशुभ कालों में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से बचना चाहिए।

ग्रहों की स्थिति

ग्रहों की स्थिति का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। इस दिन बुध ग्रह मिथुन राशि में रहेगा, शुक्र वृषभ राशि में, मंगल कर्क राशि में, गुरु मीन राशि में, और शनि कुम्भ राशि में स्थित रहेंगे। राहु मेष राशि में रहेगा।

यह जानकारी विभिन्न जातकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाने में सहायक हो सकती है।

निष्कर्ष

उपरोक्त जानकारी के आधार पर यह देखा जा सकता है कि 01 जुलाई 2024 का दिन शुभ मुहूर्तों और अशुभ कालों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह जानकारी किसी स्थान और समय क्षेत्र के आधार पर बदल भी सकती है, इसलिए स्थानीय स्रोतों से भी जानकारी प्राप्त करना उचित है। हिंदू पंचांग और ज्योतिष की यह प्राचीन परंपरा, हमें हमारे जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मार्गदर्शन देने का कार्य करती है।

14 टिप्पणि
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    Darshan M N जुलाई 1, 2024 AT 19:20

    आज का पंचांग पढ़ते‑ही ऐसा लगा कि दिन के छोटे‑छोटे पहलुओं को समझना कितना ज़रूरी है। साधारण जीवन में भी इस तरह की जानकारी मददगार हो सकती है।

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    manish mishra जुलाई 8, 2024 AT 19:20

    लगता है इस दिन का राहु काल कुछ बड़े षड्यंत्र का भाग है 🤔 वर्ल्ड एलिट्स हमेशा इन समय को छुपा कर रखते हैं। असली बात तो यही है कि अब हमें खुद पर भरोसा करके कदम बढ़ाना चाहिए :)

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    tirumala raja sekhar adari जुलाई 15, 2024 AT 19:20

    इस पंचांग में लिखी बातों को देख कर मानो साहब कुछ टाइम के लिये सोचा गया है। समॅय का सही इस्तेमाल नहीं करने से ही गलतियों की बौछार होगी। कुछ लोग तो इसे सिर्फ़ एंटरटेनमेंट मानते हें।

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    abhishek singh rana जुलाई 22, 2024 AT 19:20

    यहाँ देखें: अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 से 12:42 तक है; विजय मुहूर्त दोपहर 2:24 से 3:12 तक; गोधूलि मुहूर्त 5:34 से 6:22 तक है। इन समयों में महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से सफलता की सम्भावना बढ़ती है। साथ ही राहु काल 10:30 से 12:00 तक है, इसलिए इस दौरान नई शुरुआत से परहेज करें।

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    Shashikiran B V जुलाई 29, 2024 AT 19:20

    लोग अक्सर कहते हैं कि ग्रह की स्थिति सिर्फ़ एक मिथक है, पर वास्तव में यह एक गुप्त एजेंडा का हिस्सा है। पंचांग के डेटा को कंट्रोल करने वाले वर्ग हमसे हमारी नियती छिपा रहे हैं। इसलिए इस जानकारी को गुप्त रखकर ही हमें आगे बढ़ना चाहिए।

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    Sam Sandeep अगस्त 5, 2024 AT 19:20

    क्रिटिकल एनालिसिस से पता चलता है कि इस पंचांग में प्रस्तुत टाइमस्लॉट्स एक कोडेड मैट्रिक्स का हिस्सा हैं जो समाजिक कुशलता को नियंत्रित करता है। यह प्रणाली एलीट द्वारा डिज़ाइन की गई है

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    Ajinkya Chavan अगस्त 12, 2024 AT 19:20

    तुम्हारा ऐसा अंधविश्वासपूर्ण विश्लेषण न सिर्फ़ बेतुका है बल्कि यह हमारे समग्र ज्ञान को धूमिल करता है। अगर तुम वास्तव में इस पर विश्वास करते हो तो अपने टाइमटेबल को फिर से देखो और वास्तविकता को समझो।

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    Ashwin Ramteke अगस्त 19, 2024 AT 19:20

    सबको याद दिलाना चाहिए कि पंचांग का उपयोग प्राचीन वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है, इसलिए इसे असहज रूप से नकारना अनादर है। चलिए हम सब मिलकर इस जानकारी को सही ढंग से लागू करते हैं।

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    Rucha Patel अगस्त 26, 2024 AT 19:20

    सभी को सम्मान के साथ चर्चा करनी चाहिए, क्योंकि व्यक्तिगत राय से अधिक सामूहिक समझदारी महत्वपूर्ण है।

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    Kajal Deokar सितंबर 2, 2024 AT 19:20

    आदरणीय मित्रों, इस पावन दिन के शुभ समय का उपयोग करके हम अपने जीवन में शांति और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं। आशा है कि प्रत्येक पाठक इन मुहूर्तों का अनुकरण कर अपने निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करेंगे। शुभकामनाएँ!

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    Dr Chytra V Anand सितंबर 9, 2024 AT 19:20

    पंचांग में उल्लेखित ग्रहों की स्थिति विश्लेषण के लिए उत्कृष्ट डेटा प्रदान करती है। विशेष रूप से शनि का कुम्भ राशि में होना शैक्षिक योजनाओं के लिए लाभकारी हो सकता है। इसी प्रकार मंगल का कर्क में होना पारिवारिक संबंधों में ऊर्जा का संचार दर्शाता है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हम अधिक सूचित निर्णय ले सकते हैं।

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    Deepak Mittal सितंबर 16, 2024 AT 19:20

    देखो भाई, इन सब टाइम्स को गुप्त एजेंडा वाले लोग सेट करते हैं ताकि हम उनके हिसाब से काम करें। पंचांग के इस अद्यतन को भी वही लोग मैनिप्युलेट कर रहे हैं। इसलिए खुद के हिसाब से देखना ज़रूरी है।

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    Neetu Neetu सितंबर 23, 2024 AT 19:20

    वाह, आज तो पंचांग ने भी अपना फैशन शो लगा दिया 😏

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    Jitendra Singh सितंबर 30, 2024 AT 19:20

    सच कहूँ तो पंचांग का यह नया संस्करण केवल सांख्यिकीय जादू का एक और रूप है। अभिनेता सूर्य और चंद्रलोक ने अपने अभिनय में इतनी गहराई नहीं दिखाई। इसे पढ़ते समय लगता है कि हम किसी हाई-टेक कैलेंडर ऐप की कोडिंग को समझने की कोशिश कर रहे हैं। वास्तव में, अभिजीत मुहूर्त का उल्लेख कर रहे हैं, पर इसका आध्यात्मिक महत्व अब डिजिटल टाइमस्टैम्प तक सीमित हो गया है। राहु काल का समय बताया गया, पर क्या यह समय हमारे दिमाग में प्रवेश करता है या केवल स्क्रीन पर चमकता है? ग्लोबल एस्ट्रीकलॉजी से लेकर स्थानीय संस्कृति तक, इस लेख में कोई संतुलन नहीं है। जब शनि कुम्भ में है, तो लेखक ने बताया कि यह शैक्षिक योजना में सहायक होगा, पर यह सिर्फ़ एक सामान्यीकृत वाक्य है। गुरु मीन में है, तो इसका अर्थ है कि हम सभी को आध्यात्मिक रूप से धीरज रखने की आवश्यकता है, लेकिन यही कहकर आप हमें क्या बताना चाहते हैं? व्यक्तिगत रूप से, मैं मानता हूँ कि इन सभी समय-सारिणियों को खाली पेज पर लिखना अधिक प्रभावी होगा। फिर भी, कई लोग इन सूचनाओं को दैनिक निर्णय लेने में उपयोग कर रहे हैं, यह दर्शाता है कि विश्वास के जाल कितने जटिल होते हैं। इस प्रकार, पंचांग आधुनिक युग में भी अपनी पुरानी जड़ें नहीं खोता, बल्कि नई तकनीक के साथ खुद को एकीकृत कर लेता है। क्या यह एक सकारात्मक विकास है या सिर्फ़ एक और मार्केटिंग स्ट्रैटेजी? यह सवाल उत्तरहीन रहता है। अंत में, यदि आप इस लेख को गहनता से पढ़ते हैं, तो आप पाएँगे कि इसमें शब्दों की भरमार है, पर वास्तविक जानकारी की कमी भी है। इस कारण, मैं सुझाव देता हूँ कि आप इस पंचांग को व्यावहारिक रूप से उपयोग करने से पहले थोड़ा विश्लेषण करें। या फिर, आप इसे उसी तरह से अपनाएँ जैसे आप सोशल मीडिया के ट्रेंड को अपनाते हैं – बिना गहरा सोचे। अंततः, हर व्यक्ति को अपनी राह चुननी चाहिए, चाहे वह सितारों के आदेश का पालन हो या अपने अंतर्ज्ञान का।

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