कीटनाशक – क्या, कैसे और क्यों?

When working with कीटनाशक, ऐसे रासायनिक या जैविक पदार्थ जो फसलों को कीटों से बचाते हैं. Also known as पेस्टिसाइड, it is a core tool in कीट नियंत्रण, कीटों की आबादी को घटाने की प्रक्रिया and कृषि, अनाज, सब्जियों और फलों की खेती.

आज हम देखेंगे कि कीटनाशक को सुरक्षित रूप से कैसे इस्तेमाल करें।

कीटनाशक के मुख्य प्रकार और उनके गुण

कीटनाशक दो बड़े समूहों में बाँटा जाता है – रासायनिक और जैविक. रासायनिक कीटनाशक में ऑर्गेनॉस्लॉफ़, कार्बामेट और पायरिडीन वर्ग शामिल हैं, जो जल्दी असर देते हैं लेकिन पर्यावरणीय निशान छोड़ सकते हैं। जैविक कीटनाशक में बैक्टीरिया, फंगस या पौधों के अर्क होते हैं; ये धीरे‑धीरे काम करते हैं और गैर‑लक्षित जीवों पर कम असर रखते हैं। इन दोनों के लिए मुख्य Attribute है “कार्यशीलता” और “पर्यावरणीय स्थिरता”, जबकि Value के रूप में “तेज़ नुक्सान” या “दीर्घकालिक सुरक्षा” मिली जाती है.

कीटनाशक का उपयोग कृषि में कीट नियंत्रण का साधन है और यह सीधे खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करता है। जब रोग‑प्रवण फसलें बचे रह जाती हैं, तो उपभोक्ता को साफ़‑सुथरा उत्पाद मिलता है.

आवेदन के तरीके भी विविध हैं – स्प्रे, फुहारा, ड्रिप‑कटिंग और बीज पर कोटिंग. प्रत्येक विधि के लिए अलग‑अलग उपकरण और तकनीक चाहिए, जैसे कि एरेडियल स्प्रेयर या ड्रिप‑इरेज़र. सही विधि चुनना उत्पादन की क्षमता और लागत को संतुलित करता है.

सुरक्षित उपयोग के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) आवश्यक है – दस्ताने, मास्क, गॉगल्स और कवच. लेबल पर लिखी “हैंडलिंग निर्देश” को नज़रअंदाज़ न करें; इससे स्वास्थ्य जोखिम काफी घटते हैं. एक सही PPE नियम का पालन करने से किसान की बीमारियों से बचाव होता है.

भारत में विनियमन, कीटनाशक की अनुमति, अनुपालन और सीमा निर्धारित करने वाला ढांचा केंद्र सरकार द्वारा पर्यावरण और स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत लागू किया जाता है. इस नियमन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय प्रभाव को सीमित करना और फसल उत्पादन की गुणवत्ता बनाए रखना है.

पर्यावरणीय प्रभाव कीटनाशक के नियमन को आवश्यक बनाता है, क्योंकि बहुत अधिक या गलत प्रयोग से मिट्टी की जैविक विविधता घटती है, पानी के स्रोत प्रदूषित होते हैं और फाइलोसॉफ़ी पर असर पड़ता है. इस कारण, कई राज्य अब जैविक कीटनाशक की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दे रहे हैं.

एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) कीट नियंत्रण के आधुनिक तरीके में कीटनाशक का उपयोग कम करके प्राकृतिक शत्रु, बायो‑कंट्रोल और सांस्कृतिक उपायों को मिलाया जाता है. IPM की मदद से फसल को बिना अधिक रसायन के स्वस्थ रखा जाता है और लागत भी घटती है.

बाजार में कीटनाशक की मांग में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है, खासकर जब कृषि क्षेत्र में नई फसलों की विविधता बढ़ रही है. साथ ही, सरकार के नियामक कदमों से सुरक्षित और पर्यावरण‑मित्र उत्पादों का विकास तेज़ हो रहा है.

इन सभी बिंदुओं को समझने के बाद, आप अपने खेत में कौन सा कीटनाशक, किस तरह से और कब लगाना है, इसका सही निर्णय ले पाएँगे. नीचे दी गई सूची में विभिन्न प्रकार की खबरें, विश्लेषण और उपयोगी टिप्स शामिल हैं जो आपके लिए उपयोगी साबित होंगी.

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Anindita Verma अक्तू॰ 6 3 टिप्पणि

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