हृदयगति रुकना — तुरंत पहचान और क्या करें
अचानक किसी का बेहोश होना या न सुन्नाही आवाज में नाड़ी न मिलना डराने वाला होता है। हृदयगति रुकना (cardiac arrest) में दिल अचानक काम करना बंद कर देता है और 4–6 मिनट में मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है। इसलिए हर सेकंड कीमती है। नीचे मैं सीधे, सरल भाषा में बताऊँगा कि तुरंत क्या करना चाहिए और कैसे बचाव संभव है।
हृदयगति रुकने के तुरंत कदम
सबसे पहले खुद को शांत रखें और जल्दी से स्थिति पर काबू पाएं। तीन चीजें तुरंत करें: 1) व्यक्ति को हड़काएँ और जवाब दें; 2) उसकी साँस और नाड़ी चेक करें; 3) तुरंत इमरजेंसी नंबर (112/108) पर कॉल कर मदद बुलाएँ।
अगर व्यक्ति बेहोश है और सांस नहीं ले रहा या असामान्य गले की आवाजें आ रही हैं, तो तुरंत CPR देना शुरू करें। हाथों से सीने के बीचोबीच तेज और गहरी दबाव (compressions) दें — दर 100–120 दबाव प्रति मिनट। केवल हाथ से CPR भी असरदार है जब तक पेशेवर मदद ना आ जाए।
AED (ऑटोमैटेड एक्स्टर्नल डिफिब्रिलेटर) अगर पास में है तो उसे तुरंत इस्तेमाल करें। मशीन गाइड करती है कब शॉक देना है। AED जितनी जल्दी उपयोग में आएगा, जीवित रहने की संभावना उतनी ही बढ़ेगी।
CPR करने का सरल तरीका
हाथ एक दूसरे पर रखें, कंधों के ऊपर से सीधे नीचे झुकें और छाती को 5–6 सेंटीमीटर तक दबाएँ। दबाव छोड़ते समय छाती पूरी तरह ऊपर आने दें। 30 दबावों के बाद अगर साँस दे पाने वाला है तो 2 बचाव साँसें दें; पर अगर आप बचाव साँस से असहज हैं तो सिर्फ निरंतर दबाव दें। हर 2 मिनट में सहायता या AED चैक करें।
यदि आप अकेले हैं और फोन कर रहे हैं, तो कॉल रखते हुए CPR शुरू कर दें। मोबाइल पर ऑपरेटर भी मार्गदर्शन कर सकता है। कोशिश कीजिए कि पेशेवर बचाव टीम आने तक रुके नहीं।
हृदयगति रुकना और दिल का दौरा (heart attack) अलग हैं — दिल का दौरा धीरे शुरू हो सकता है और छाती में दर्द, पसीना, उल्टी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। पर जब दिल रुकता है तो व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है और साँस बंद हो जाती है। पहचानकर तुरंत CPR ही जीवन बचाती है।
रोगी को स्थानांतरित करते समय गर्दन और रीढ़ का ध्यान रखें। जब पेशेवर पहुंचें तब तक उनकी हिदायत मानें और जितनी जानकारी हो दे दें — लक्षण कब शुरू हुए, पिछले रोग, दवाइयाँ।
रोकथाम पर ध्यान दें: उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, धूम्रपान, मोटापा और अनियमित जीवनशैली अच्छे कारण हैं। नियमित चेकअप, संतुलित आहार, रोज 30 मिनट चलना और डॉक्टर की सलाह से दवा लेने से जोखिम कम होता है।
अगर आपके परिवार या काम की जगह पर लोग CPR और AED की ट्रेनिंग लें तो आपातकाल में जान बचाने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। सरल ट्रेनिंग किसी भी लोकल स्वास्थ्य केंद्र या एनजीओ से मिल सकती है।
हृदयगति रुकना भयावह है, पर सही पहचान और तुरंत कदम बहुत बड़ा फर्क डालते हैं। याद रखें: देर न करें — कॉल करें, CPR शुरू करें, और AED का प्रयोग जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी करें।

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