ड्रग्स — पहचानें खतरे और मिलने वाले मदद के तरीके
ड्रग्स यानी नशीली दवाइयाँ सिर्फ खबरों का विषय नहीं हैं, यह घर-परिवार और समाज की ज़िन्दगी बदल देती हैं। जल्दी पहचानना और सही कदम उठाना जरूरी है। यहाँ सीधे और उपयोगी तरीके दिए गए हैं जो आपको तुरंत काम आएँगे।
ड्रग्स के प्रमुख प्रकार और असर
सरल भाषा में, ड्रग्स तीन तरह के होते हैं: ओवर-द-काउंटर दवाइयों का दुरुपयोग, अवैध नशीले पदार्थ (जैसे हेरोइन, कोकीन, स्मैक) और टाइटल वाले मनोदैहिक पदार्थ (जैसे कुछ नशीले कैनबिनोइड)। हर तरह का असर अलग होता है — कुछ शरीर कमजोर कर देते हैं, कुछ दिमागी स्थिति बदल देते हैं और कुछ तेजी से इलाज न मिलने पर जान भी ले सकते हैं।
नियमित इस्तेमाल से नींद, भूख, यादाश्त, मूड और काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। दिल और फेफड़े पर भी असर हो सकता है, और इंजेक्शन वाली ड्रग्स से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
नशे के संकेत: कैसे पहचानें
कभी-कभी संकेत साफ होते हैं: अचानक वजन घटना, दोस्तों में बदलाव, पैसे छुपाना, नौकरी या पढ़ाई से दूरी, बार-बार बीमार पड़ना। व्यवहार में चिड़चिड़ापन, झूठ बोलना, रात-दिन उलट होना भी आम लक्षण हैं। फिजिकल संकेतों में आँखों का लाल होना, नियंत्रित न रहना, इंजेक्शन निशान शामिल हैं।
अगर आप किसी के व्यवहार में तेज बदलाव देखें तो सीधे पूछें — बिना आरोप लगाए। खुला सवाल पूछना आम तौर पर बेहतर जवाब देता है: “तुम ठीक तो हो? क्या कुछ चल रहा है?”
कैसे मदद करें? पहले बात सुनें, दोष न दें और पेशेवर मदद की सलाह दें। घर से दवाइयाँ सुरक्षित रखें और बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
कानूनी जानकारी भी जानना जरूरी है। भारत में Narcotic Drugs and Psychotropic Substances (NDPS) Act लागू है। अवैध तस्करी, उत्पादन या इस्तेमाल पर सख्त सज़ा हो सकती है। अगर आपको अवैध गतिविधि की जानकारी मिले तो स्थानीय पुलिस या हेल्पलाइन से संपर्क करें।
रिहैब और ट्रीटमेंट विकल्प: कई सरकारी और निजी केंद्र इलाज और काउंसलिंग देते हैं। मेडिकेशन असिस्टेड ट्रीटमेंट, बिहेवियरल थेरेपी और सोशल सपोर्ट मिलकर काम करते हैं। आप नज़दीकी अस्पताल या स्थानीय NGO से फोन पर शुरुआत कर सकते हैं।
प्रिवेंशन के छोटे कदम असरदार होते हैं: बच्चों को साफ-सुथरी जानकारी दें, समाज में नशे के खिलाफ जागरूक चर्चा बढ़ाएँ, और अगर परिवार में कोई जोखिम में दिखे तो तुरंत पेशेवर से जोड़ें।
अगर आप रिपोर्ट या खबरें ढूँढ़ रहे हैं, तो इस टैग पर नशे से जुड़ी खबरें, केस स्टडी और स्थानीय अपडेट मिलेंगे। सवाल हो तो लिखिए — हम सरल भाषा में मदद और दिशा देंगे।

मैथ्यू पेरी की मौत और अवैध केटामाइन का खतरनाक खेल: बॉलीवुड से हॉलीवुड तक गूंज
मैथ्यू पेरी, जो 'फ्रेंड्स' सीरीज में चैनलर बिंग के रूप में मशहूर थे, ने अवैध केटामाइन पर लगभग ₹50 लाख खर्च किए, जो अंततः उनकी मौत का कारण बना। उनकी मौत की जांच से पता चला है कि पेरी ने दो डॉक्टरों, अपने निजी सहायक और 'केटामाइन क्वीन' नामक एक सड़क डीलर के माध्यम से यह ड्रग प्राप्त किया। इस मामले में पांच लोगों पर आरोप लगाए गए हैं।
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