सऊदी अरब ने 14 देशों की वीज़ा जारी करने पर बैन, भारत‑पाकिस्तान पर बड़ा असर

सऊदी अरब ने 14 देशों की वीज़ा जारी करने पर बैन, भारत‑पाकिस्तान पर बड़ा असर
Anindita Verma सित॰ 24 5 टिप्पणि

सऊदी अरब में 14 देशों के लिए वीज़ा निलंबन

13 अप्रैल 2025 से सऊदी अरब ने 14 देशों के नागरिकों के लिये सभी छोटे‑समय वीज़ा – व्यावसायिक, पर्यटक, पारिवारिक व उंब्रा – को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इस प्रतिबंध में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इजराइल नहीं बल्कि इंडोनेशिया सहित अल्जीरिया, इजिप्ट, इथियोपिया, इराक, जॉर्डन, लीबिया, मोरक्को, नाइजीरिया, सूडान, ट्यूनीशिया, और यमेन शामिल हैं। रोक का मुख्य मकसद हज का आध्यात्मिक सफर सुरक्षित बनाना और भीड़‑भाड़ से होने वाले हादसों को रोकना है।

सऊदी वीजा निलंबन 30‑दिन की एकल‑प्रवेश वीज़ा तक सीमित रहेगा, और मल्टी‑एंट्री वीज़ा अब बिल्कुल उपलब्ध नहीं होगी। इस कदम से पहले, 1 फरवरी 2025 को वही 14 देश सिर्फ एकल‑प्रवेश वीज़ा देने की नीति लागू की गई थी, जिससे यात्रियों की अवधि 30 दिन तक सीमित हो गई।

  • अल्जीरिया
  • बांग्लादेश
  • इजिप्ट
  • इथियोपिया
  • भारत
  • इंडोनेशिया
  • इराक
  • जॉर्डन
  • लीबिया
  • मोरक्को
  • नाइजीरिया
  • पाकिस्तान
  • सूडान
  • ट्यूनीशिया
  • यमन

विदेशी नागरिकों को अब 29 अप्रैल तक सऊदी अरब छोड़ना अनिवार्य है, चाहे उनका वीज़ा अभी भी मान्य क्यों न हो। इस शर्त का उल्लंघन करने पर जुर्माना 100,000 SAR (पिछले 25,000 SAR से चार गुना अधिक) निर्धारित किया गया है। इस नयी फाइन‑नीति का उद्देश्य लोगों को निर्धारित समय सीमा का पालन करवाना है, ताकि अति‑भीड़ के कारण फिर से ऐसी त्रासदी न घटे।

व्यापार, परिवार और पर्यटन यात्रियों पर असर

व्यापार, परिवार और पर्यटन यात्रियों पर असर

हज सीजन के दौरान दीर्घकालिक बहु‑प्रवेश वीज़ा का दुरुपयोग करने वाले लोगों को रोकने की चिंता सऊदी अधिकारियों की मुख्य वजह कही गई है। 2024 में गर्मी और भीड़‑भाड़ के कारण 1,200 से अधिक तीर्थयात्री मारे गए थे, जिससे इस तरह की कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता महसूस हुई।

व्यवसायिक यात्रियों के लिये यह बदलाव बड़ा बोझ बन गया है। कई कंपनियों को अब हर यात्रा से पहले एक‑एक करके 30‑दिन की एकल‑प्रवेश वीज़ा के लिए आवेदन करना पड़ेगा, जिससे प्रशासनिक खर्च और समय दोनों बढ़ेंगे। परिवार के सदस्यों को मिलने‑जुड़ने के लिये भी अब सख्त योजना बनानी होगी, क्योंकि वे एंट्री की कई बार सुविधा नहीं ले पाएँगे।

भारत में 2025 के समझौते के अनुसार, हर साल लगभग 1,75,000 भारतीय तीर्थयात्री हज के लिए जगह पा सकते हैं। इस अवधि में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह प्रतिबंध केवल हज सीजन के लिये अस्थायी है और हज समाप्त होते ही वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी। फिर भी, यात्रा एजेंसियों को अब ग्राहकों को आगे की योजना बनाने में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

सऊदी अरब के आधिकारिक अंतरिक्ष (या यात्रा) विभाग ने बताया कि वीज़ा जारी करने की पुनः शुरूआत धुल‑हिज्ज़ा 20 के बाद होगी, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में 16‑17 जुलाई के आसपास पड़ती है। यदि मौसम या सुरक्षा स्थिति के अनुसार जरूरत पड़ी तो यह अवधि और बढ़ भी सकती है।

इस प्रतिबंध का असर केवल धार्मिक यात्रा तक सीमित नहीं है। व्यापारिक मीटिंग, रोग‑रोकथाम एवं स्वास्थ्य देखभाल में सहयोग, तथा शैक्षणिक सम्मेलनों के लिये भी कई विशेषज्ञ अभिभावक अब अपने शेड्यूल को पुनर्विचार कर रहे हैं। कई कंपनियों ने कहा है कि वे वैकल्पिक प्रक्रियाओं, जैसे वर्चुअल मीटिंग, को अपनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

समझौते के अनुसार, जिनके पास पहले से मान्य वीक्युएस हैं, वे अभी भी 13 अप्रैल तक सऊदी अरब में प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन 29 अप्रैल के बाद कोल्ड लेवल पर नहीं रह सकते। इस अवधि का उपयोग करने वाले कई यात्रियों ने पहले से ही अपने प्रवास को छोटा करने या अन्य देशों में परिवर्तन करने का विकल्प चुना है।

कुल मिलाकर, सऊदी अरब का यह कदम हज के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता देने की स्पष्ट सिग्नल देता है। सरकार ने कहा कि यह नीति फालतू जोखिम कम करने, आर्थिक उत्पादकता बनाए रखने और तीर्थयात्रियों की शांति सुनिश्चित करने के लिये है। भविष्य में इस तरह के नीतिगत बदलावों को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लगातार नवीनतम सूचना पर ध्यान देना और अपने यात्रा योजनाओं को लचीला रखना आवश्यक होगा।

5 टिप्पणि
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    Nitin Agarwal सितंबर 24, 2025 AT 19:28

    सऊदी की यह नीति हज के दौरान सुरक्षा के प्रति गंभीर कदम दिखाती है।

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    Ayan Sarkar सितंबर 24, 2025 AT 19:48

    सऊदी ने इस प्रतिबंध को ग्रिड नियमन के रूप में पेश किया है यह एक नियंत्रण उपाय है जो हज प्रवाह को स्थिर करता है। यह विश्व स्तर पर यात्रा डेटा को रीसेट करने का प्रयास भी हो सकता है

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    Amit Samant सितंबर 24, 2025 AT 20:30

    सऊदी अरब द्वारा जारी किया गया यह अस्थायी वीज़ा प्रतिबंध हज के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का एक स्पष्ट संकेत है। इस निर्णय से भारत, पाकिस्तान तथा अन्य 13 देशों के नागरिकों को अब केवल 30‑दिन की एकल‑प्रवेश वीज़ा प्राप्त होगी। बहु‑प्रवेश वीज़ा की अनुपलब्धता व्यापारिक यात्राओं में अतिरिक्त प्रशासनिक भार डालती है। कंपनियों को अब प्रत्येक यात्रा के लिये अलग‑अलग वीज़ा आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी, जिससे समय और लागत दोनों में वृद्धि होगी। परिवारिक reunions भी इसी कारण से सीमित हो जाएंगे, क्योंकि सदस्य बार‑बार प्रविष्टि नहीं कर पाएंगे। हज की भीड़‑भाड़ से जुड़े दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम लिया गया है। वे सुरक्षा प्रोटोकॉल को सुदृढ़ करने और भविष्य में बड़े पैमाने पर दुर्घटनाओं से बचने का उद्देश्य रखते हैं। विदेशी नागरिकों को 29 अप्रैल तक सऊदी छोड़ना अनिवार्य किया गया है, अन्यथा उन्हें भारी जुर्माना भुगतान करना पड़ेगा। यह जुर्माना 100,000 सऊदी रियाल निर्धारित किया गया है, जो पहले की सीमा से चार गुना अधिक है। हज समाप्त होने के बाद वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी, जिससे यात्रा योजनाओं को लचीला रखना आवश्यक होगा। यात्रा एजेंसियों को अब ग्राहकों को समय‑समय पर अद्यतन जानकारी प्रदान करनी चाहिए और वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करना चाहिए। कई कंपनियां वर्चुअल मीटिंग या डिजिटल सहयोगी प्लेटफ़ॉर्म को अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। हज के अलावा व्यापारिक मीटिंग, चिकित्सीय सहयोग और शैक्षणिक सम्मेलनों पर भी इस प्रतिबंध का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। भारत सरकार ने इस स्थिति में भारतीय तीर्थयात्रियों को उचित दिशा‑निर्देश जारी किए हैं, जिसमें शीघ्र वापसी और वैकल्पिक स्थलों का उपयोग शामिल है। समग्र रूप से, इस नीति को समझदारी से लागू करने हेतु अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को नवीनतम आधिकारिक सूचनाओं से अवगत रहना चाहिए।

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    Jubin Kizhakkayil Kumaran सितंबर 24, 2025 AT 21:20

    भारत की गरिमा को इस तरह के प्रतिबंध से कोई नहीं बाधित कर सकता यह शत्रुतापूर्ण कदम सिर्फ सऊदी के भय का प्रतिबिंब है

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    tej pratap singh सितंबर 24, 2025 AT 22:26

    ये सब सऊदी का खुद का हित है और किसी को भी इस पॉलिसी को चुनौती नहीं देनी चाहिए

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