
पोप फ्रांसिस की ऐतिहासिक माफी: चर्च में बदलाव की शुरुआत?
2022 में जब पोप फ्रांसिस कनाडा पहुँचे, तो हर दिशा से निगाहें उन्हीं पर टिकी थीं। यह कोई रूटीन धार्मिक दौरा नहीं था। यह उस ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत थी, जब सबसे बड़े ईसाई धर्मगुरु ने वर्षों से चर्च के अंदर चल रहे यौन शोषण और कनाडा के रेजिडेंशियल स्कूल के पापों के लिए पूरी दुनिया के सामने माफी मांगी।
कनाडा के रेजिडेंशियल स्कूल क्या थे? 19वीं सदी से लेकर 1990 के दशक तक, ये स्कूल आदिवासी बच्चों को जबरन उनके परिवारों से अलग कर ईसाई संस्कृति में ढालने के लिए बनाए गए थे। बच्चों को सिखाया जाता था कि उनकी मां-बाप की भाषा, परंपराएं और पहचान गलत हैं। हजारों बच्चों का ना सिर्फ मानसिक, बल्कि शारीरिक और यौन शोषण भी हुआ।
पोप ने इन स्कूलों को 'निंदनीय' और 'विनाशकारी' बताते हुए कहा- "ऐसी बर्बरता दोबारा कभी नहीं होनी चाहिए।" माफी सिर्फ औपचारिक नहीं थी। उन्होंने पीड़ितों और आदिवासी नेताओं से आमने-सामने बात करते हुए चर्च द्वारा जिम्मेदारी निभाने और सुधार का भी वादा किया। उन्होंने साफ जनाया कि दशकों तक चर्च की ओर से हुई खामोशी और छुपाव अब बीते समय की बात है।

माफी के बाद अब क्या?
हालांकि कैथोलिक चर्च और खुद पोप की ये पहल स्वागत योग्य मानी गई, लेकिन पीड़ित समुदाय और कनाडा सरकार दोनों मानते हैं कि सिर्फ शब्दों से बात नहीं बनेगी। बहुत से लोगों का कहना है कि चर्च ने इतने वर्षों तक सच को छुपाया, दोषियों को सजा देने से रोकने के लिए तंत्र का दुरुपयोग किया, मामलों को दबाया – अब सिर्फ माफी नहीं, न्याय और समुचित मुआवज़ा चाहिए।
पोप फ्रांसिस का नेतृत्व पिछली सदियों की तुलना में काफी अलग दिख रहा है। पहले चर्च के भीतर यौन शोषण मामलों को दबाने की कोशिश की जाती थी। लेकिन हालिया सालों में इस विरोधाभास को तोड़ते हुए पोप ने "जीरो टॉलरेंस" नीति को लागू किया है। अब चर्च के भीतर दोषियों के खिलाफ एक्शन लिया जाने लगा है, रिपोर्टिंग की प्रक्रिया आसान की गई है और पीड़ितों की बात को सर्वोपरि माना जा रहा है।
हाल ही में Truth and Reconciliation Commission ने भी पोप से एक आधिकारिक माफी की मांग की थी। इसे पाने के लिए कई पीड़ित समुदायों ने वेटिकन तक जाकर अपनी बात रखी। एक लंबे संघर्ष के बाद जब पोप ने माफी मांगी, तो यह देखते ही देखते एक बड़ी खबर बन गई।
- 2015: कनाडा के ट्रुथ एंड रिकंसीलेशन कमीशन ने चर्च के हाई-लेवल माफी की मांग रखी।
- 2022: पोप फ्रांसिस ने कनाडा में जाकर पीड़ितों से माफी मांगी।
- अब: चर्च में नए सुधारों और शोषण पर सख्त कार्रवाई की बातें सामने आ रही हैं।
सवाल यही है—क्या चर्च अब सच में अपने बीते पापों का बोझ उतारेगा? पीड़ित समुदायों के लिए ये माफी पहली सीढ़ी जरूर है, लेकिन असली इम्तिहान तो अब शुरू हुआ है। सबकी नजरें चर्च की अगली चाल और असल सुधारों पर टिकी हैं, क्योंकि माफी के बाद बदलाव की भूख और भी बढ़ गई है।
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