महाराष्ट्र में सियासी हलचल
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर तब देखने को मिला, जब राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा तब आया जब राज्य की राजनीति में उत्तराधिकारी को लेकर भारी सस्पेंस बना हुआ है। शिंदे ने राज्य के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मुंबई के राज भवन में अपना इस्तीफा सौंपा। इस मुलाकात में उनके सहयोगी अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। हालांकि, शिंदे को नया मुख्यमंत्री चुने जाने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति के गठबंधन ने जबरदस्त प्रदर्शन दिखाते हुए 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बावजूद, गठबंधन के अंदर अगला मुख्यमंत्री चुनने में सहमति नहीं बनी है। भाजपा राज्य में सरकार बनाने के लिए धैर्यता से प्रयासरत है, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए अलग-अलग मतभेद सामने आ रहे हैं।
चर्चाओं के अनुसार, भाजपा का एक बड़ा धड़ा चाहता है कि देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपना पुराना पदभार संभालें। फडणवीस को समर्थन देने का एक बड़ा कारण भाजपा की राज्य में सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, यानी 132 सीटों पर जीत। वहीं, शिवसेना पार्टी का मानना है कि मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे को अपना कार्यकाल जारी रखना चाहिए। शिवसेना का तर्क यह है कि शिंदे की योजनाओं और उनके नेतृत्व में महायुति ने चुनावी सफलता पाई। खासकर उनकी माझी लाडकी बहीण योजना को चुनावी जीत का महत्वपूर्ण कारक माना जा रहा है।
फडणवीस के पक्ष में समर्थन
इसके अलावा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से भी कुछ संकेत मिले हैं कि भाजपा के निर्णय के अनुसार, वे फडणवीस का समर्थन करेंगे। एनसीपी नेता छगन भुजबळ ने फडणवीस के नाम का समर्थन करते हुए अपनी सहयोगी भावना व्यक्त की है। इस प्रकार, राजनीतिक समीकरण के विविध आयाम आने वाले दिनों में स्पष्ट होते नजर आ सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो भाजपा ने यह रणनीति बनाई है कि फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, जबकि शिंदे और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के पद दिए जाएंगे। शिंदे गठबंधन की एक समन्वय समिति का नेतृत्व करेंगे, जिससे सत्ता में संतुलन बना रहेगा। भाजपा मुंबई में पार्टी विधायकों और अपने सहयोगी नेताओं से मिलने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगी। इस मुठभेड़ के जरिए वे साझा मंत्रिमंडल के पद बंटवारे की योजना को अंतिम रूप देंगे और फिर मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी।
स्थिर सरकार की उम्मीदें
महाराष्ट्र की जनता एक स्थिर और विकासशील सरकार की उम्मीद कर रही है। चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता होगी, जिसे प्रभावी नीति-निर्धारण और प्रशासनिक कौशल के जरिये सुनिश्चित किया जा सके। अब देखने वाली बात यह होगी कि राजनीतिक दलों के विशेषज्ञ कैसे नई सरकार का स्वरूप तैयार करते हैं, और यह राज्य के लिए कितनी फायदेमंद साबित होती है।
यह जरूर है कि इस राजनीतिक घमासान के बीच राज्य की जनता को कुछ नए और परिणामदायक फैसलों की आशा है जो उनकी समस्याओं का समाधान निकाल सके और उनके जीवन स्तर को सुधार सके।
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