IPL 2025: करुण नायर के छक्के के इशारे पर मचा घमासान, तीसरे अंपायर के फैसले से भड़का विवाद

IPL 2025: करुण नायर के छक्के के इशारे पर मचा घमासान, तीसरे अंपायर के फैसले से भड़का विवाद
Anindita Verma मई 25 13 टिप्पणि

पंजाब किंग्स बनाम दिल्ली कैपिटल्स: अंपायरिंग विवाद की नई कहानी

आईपीएल 2025 का सीजन तो वैसे ही हमेशा ही रोमांचक रहा है, लेकिन पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच खेले गए मैच में अंपायरिंग के विवाद ने मुकाबले का स्वाद ही बदल दिया। 15वें ओवर में पंजाब की बल्लेबाज़ी चल रही थी, बल्लेबाज़ शशांक सिंह ने दिल्ली के गेंदबाज मोहित शर्मा की गेंद पर दमदार शॉट जड़ा। बाउंड्री के पास खड़े करुण नायर ने कैच लपकने की कोशिश की और गेंद को पकड़ने के चक्कर में उनकी मददगार हरकतें कैमरे में कैद हो गईं। अजीब बात यह रही कि करुण नायर खुद ही दोनों हाथ ऊपर करके छक्का का इशारा करने लगे, लेकिन तीसरे अंपायर ने इसे केवल एक रन दिया।

मैदान में बैठे दर्शकों और टीवी पर मैच देख रहे फैंस दोनों इस फैसले पर हैरान रह गए। स्लो-मोशन में देखा जाए तो गेंद शायद बाउंड्री लाइन के पार चली गई थी। करुण नायर का इशारा भी इस ओर था। लेकिन तीसरे अंपायर ने वीडियो देख तय किया कि करुण नायर का पैर बाउंड्री को नहीं छू रहा था और गेंद सीधे लाइन के पार नहीं गई। इसी वजह से रन सिर्फ एक ही मिला और पंजाब किंग्स को अहम मौके पर 5 रन का नुकसान उठाना पड़ा। इसी दौरान टीम के टॉप-2 में पहुंचने की उम्मीदें भी कमजोर हुईं।

मालकिन प्रीति जिंटा हुईं नाराज, फैंस बोले- फैसलों में पारदर्शिता चाहिए

पंजाब किंग्स की सह-मालकिन प्रीति जिंटा ने फैसले के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ-साफ लिखा कि करुण नायर और बल्लेबाज़ दोनों ने माना कि वह शॉट पूरी तरह से छक्का था, तो तकनीकी गड़बड़ी इतना बड़ा नुकसान कैसे कर सकती है? हाई-प्रोफाइल टूर्नामेंट में ऐसी हिमाकतें किसी भी टीम को भारी पड़ सकती हैं। फैंस ने भी भरपूर गुस्सा निकाला, कोई अंपायरों की आलोचना करता दिखा, तो किसी ने तकनीक के आवरण पर सवाल उठा दिए।

मैच में वैसे तो दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी कर रहे फाफ डु प्लेसिस पर भी सबकी नजरें थीं, क्योंकि नियमित कप्तान अक्षर पटेल बीमार होकर बाहर थे। दिल्ली की टीम में करुण नायर के आलावा समीर रिज़वी जैसे युवा चेहरे भी शामिल थे जबकि पंजाब की ओर से शशांक सिंह और ऑलराउंडर मार्कस स्टोइनिस बड़े मोर्चे पर दिखे। लेकिन पूरे खेल का केंद्र वही पल रहा, जब फील्ड पर इमानदारी और तकनीक के बीच का फर्क सबके सामने आ गया।

इस पूरी घटना ने न केवल आईपीएल की अंपायरिंग प्रणाली पर सवाल खड़े किए, बल्कि टीमों की शीर्ष रैंकिंग की दौड़ में भी बड़ा उलटफेर दिखाया। सोशल मीडिया और क्रिकेट जगत दोनों जगह इस मामले ने आक्रोश और बहस का नया आगाज कर दिया है। अगले मैचों में ऐसे फैसलों पर खास नजर रहेगी—आखिर खेल में विश्वास और निष्पक्षता दोनों ही सबसे बड़ी बात है।

13 टिप्पणि
  • img
    vishal jaiswal मई 25, 2025 AT 20:26

    वर्तमान अंपायरिंग प्रोसेस में उपयोग किए जा रहे स्पीड-स्विंग एल्गोरिद्म का विश्लेषण आवश्यक है। टेलीमेट्री डेटा और हाई-डिफिनिशन फ्रेम्स के समन्वय से ही निर्णय की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकती है। इसके अलावा, थर्ड-ऑफ़िसियल की भूमिका को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे विवाद कम हों। कुल मिलाकर, यह मामला सिस्टमिक सुधार का एक अवसर है।

  • img
    Amit Bamzai जून 9, 2025 AT 23:13

    करुण नायर की छक्के के इशारे को लेकर अंपायरिंग का विवाद सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रुटि नहीं, बल्कि इसका एक व्यापक असर हो सकता है; इस से न केवल टीम की रणनीतिक योजना प्रभावित होती है, बल्कि दर्शकों का भरोसा भी हिल जाता है। इस प्रकार के निर्णयों में वीडियो रीप्ले की स्पष्टता और सीमित पुनरावलोकन समय का पालन अनिवार्य होना चाहिए, क्योंकि धीमा प्रोसेसिंग फील्ड में अनावश्यक तनाव पैदा करता है। जब थर्ड-ऑफ़िसियल ने एक रन दिया, तो यह निर्णय टेलीविजन पर लाइव दिखाए गए बाउंड्री लाइन की वास्तविक स्थिति के साथ असंगत रहा; यहाँ तकनीकी अनुशासन की कमी स्पष्ट हुई। फ्रेम-पर-फ्रेम विश्लेषण में देखा गया कि बॉल लाइन को पार कर चुकी थी, परंतु अंपायर ने यह तर्क दिया कि पैर बाउंड्री को नहीं छू रहा था, जिससे एक टाइटैनिक विरोधाभास उत्पन्न हुआ। यह विरोधाभास इंगित करता है कि मौजूदा UDRS सिस्टम की कैलिब्रेशन में त्रुटि हो सकती है, और इसे तुरंत पुन: जांचना आवश्यक है। साथ ही, टीम प्रबंधन को भी सलाह दी जानी चाहिए कि वे ऐसे तकनीकी मुद्दों पर सक्रिय संवाद स्थापित करें, जिससे भविष्य में इसी प्रकार की असंगतियों से बचा जा सके। फैंस ने सोशल मीडिया पर जो प्रतिक्रिया दी, वह भी इस बात का संकेत है कि पारदर्शिता की कमी ने जनविश्वास को क्षीण कर दिया है; यह न केवल एक खेल का मुद्दा है, बल्कि सामाजिक स्तर पर खेल के प्रति सम्मान को भी प्रभावित करता है। इस संदर्भ में, IPL की आधिकारिक संस्था को एक स्वतंत्र तकनीकी ऑडिट करवाना चाहिए और उस ऑडिट के परिणामों को सार्वजनिक रूप से साझा करना चाहिए। अंत में, यह कहा जा सकता है कि इस घटना ने तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता को उजागर किया है; ऐसी पहल न केवल खेल को निष्पक्ष बनाएगी, बल्कि भविष्य में संभावित विवादों को भी रोक सकेगी।

  • img
    ria hari जून 25, 2025 AT 02:00

    सबको पता है कि फील्ड पर इमरजेंसी और टेक्नोलॉजी के बीच संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है। टीम के प्लेयर्स को भी ऐसे निर्णयों को समझने का पूरा मौका मिलना चाहिए, ताकि उनका मनोबल बना रहे। करुण नायर की कोशिश सही थी, मगर सिस्टम को बेहतर बनाना चाहिए। आशा है आगे ऐसे मामलों में तुरंत समाधान होगा।

  • img
    Alok Kumar जुलाई 10, 2025 AT 04:46

    ये सब टांग खींचने वाले अंपायर लोग बस अपनी धूर्त खेल दिखा रहे हैं। टेक्नोलॉजी को ही तो धूर्त माना जाता है, लेकिन इनको तो खुद का दिमाग ही खराब है। बाउंड्री लाइन की कोई बात नहीं, बस अपने ही एजेन्डा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोग खेल को बर्बाद कर देते हैं।

  • img
    Nitin Agarwal जुलाई 25, 2025 AT 07:33

    टेक्नोलॉजी को सुधारना चाहिए।

  • img
    Ayan Sarkar अगस्त 9, 2025 AT 10:20

    सही है, यह सब जीत-हार से ज्यादा एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है; अंपायरिंग में गुप्त एजेंटों के साथ मिलकर इसे नियंत्रित किया जा रहा है और आम जनता को भ्रमित किया जा रहा है।

  • img
    Amit Samant अगस्त 24, 2025 AT 13:06

    इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि तकनीकी सुधार और पारदर्शिता दोनों ही आवश्यक हैं। भविष्य में ऐसे निर्णयों में सभी स्टेकहोल्डर्स को शामिल करके हम खेल के मूल मूल्यों को बनाए रख सकते हैं।

  • img
    Jubin Kizhakkayil Kumaran सितंबर 8, 2025 AT 15:53

    हमें अपनी राष्ट्रीय भावना पर गर्व होना चाहिए, लेकिन ये विदेशी तकनीकें हमें जाल में फँसा रही हैं। अंपायरों को देशभक्ति की भावना से भरना चाहिए, नहीं तो हमारी जीत का भविष्य खतरे में है।

  • img
    tej pratap singh सितंबर 23, 2025 AT 18:40

    ऐसी अनैतिक व्यवस्थाएं खेल को खराब करती हैं; हमें नैतिकता की पुकार सुननी चाहिए और ऐसे निर्णयों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।

  • img
    Chandra Deep अक्तूबर 8, 2025 AT 21:26

    यह मामला वास्तव में सोचने पर मजबूर करता है। अंपायर की भूमिका के साथ तकनीकी सहायता का संतुलन कैसे होना चाहिए, इस पर गहरा विश्लेषण आवश्यक है। हमें इस पर और चर्चा करनी चाहिए।

  • img
    Mihir Choudhary अक्तूबर 24, 2025 AT 00:13

    वाह! क्या दंग कर देने वाला निर्णय था! 🤯 आगे से ऐसी साफ़‑सफ़ाई चाहिए, नहीं तो फैंस निराश हो जाएंगे! 🙌

  • img
    Tusar Nath Mohapatra नवंबर 8, 2025 AT 03:00

    ओह, मतलब अब अंपायर भी इन्स्टाग्राम इन्फ्लुएंसर बन गए हैं? 🙄 आशा है अगले मैच में उनका 'फैसला' भी वही पुरानी विडियो रीप्ले पर निर्भर रहेगा।

  • img
    Ramalingam Sadasivam Pillai नवंबर 15, 2025 AT 20:26

    जीवन में कई बार हम बाउंड्री को पार करना चाहते हैं, पर नियम हमें एक कदम पीछे खींचते हैं; यही संघर्ष हमें विकास की राह पर ले जाता है।

एक टिप्पणी लिखें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

*