मरीजों की सुरक्षा: सरल और तुरंत अपनाने वाले कदम

क्या आप या आपका परिवार कभी अस्पताल गए हैं और अनिश्चित महसूस किया? मरीजों की सुरक्षा छोटी-छोटी बातों से बनती है। यहाँ सीधे, फायदेमंद और लागू करने योग्य टिप्स दिए जा रहे हैं ताकि आप बेहतर निर्णय ले सकें और जोखिम कम कर सकें।

कैसे खुद सुरक्षित रहें

पहला नियम: सवाल पूछें। कोई भी टेस्ट, दवा या सर्जरी होने से पहले डॉक्टर से कारण, फायदे और जोखिम साफ़ पूछें। अगर कुछ समझ में न आये तो दोबारा पूछें या अपने परिजनों से भी समझाइए।

दूसरा: अपनी दवाइयों की सूची साथ रखें। रोज़ ली जाने वाली दवाइयों, एलर्जी और पहले की बीमारियों का नोट्स बनाकर डॉक्टर को दें। इससे दवा-टकराव और गलत डोज होने से बचा जा सकता है।

तीसरा: पहचान की पुष्टि कराइए। अस्पताल में दाखिल होने या किसी प्रक्रिया से पहले अपनी पहचान की बार-बार पुष्टि कराएं — नाम, जन्म तारीख और जिस अंग पर ऑपरेशन होगा उसकी पुष्टि ज़रूरी है।

चौथा: हाथ साफ रखें और मांगें कि स्टाफ़ भी हाथ धोए। संक्रमण से बचने का सबसे आसान उपाय हाथों की सफाई है। अगर आपको लगे कि कोई दस्ते बिना साफ़ किए काम कर रहा है तो शिष्ट तरीके से कहिए कि हाथ धो लें या हैंड सैनेटाइज़र का उपयोग करें।

अस्पताल में सुरक्षित रहने के आसान कदम

बेड साइड नोट्स रखें: अस्पताल में कप, इंजेक्शन और उपकरण सही ढंग से रखे गए हैं या नहीं, इसे देखना आपका अधिकार है। अपने फोन में आपातकालीन संपर्क और एलर्जी की जानकारी दिखा कर रखें।

प्रक्रिया से पहले लिखित सहमति (consent) पढ़ें। सहमति पर हस्ताक्षर करने से पहले पेज ध्यान से पढ़ें और किसी शब्द का अर्थ न समझ आये तो पूछें। बदलती परिस्थितियों में नया मंतव्य लिखवाना ठीक है।

दवा देने के समय जाँच करें: नर्स जब दवा दे रही हो तो दवा के नाम और डोज की पुष्टि करिए। अगर गोली, इंजेक्शन या आईवी में कुछ अलग लगे, तुरंत बताइए।

परिवार का एक सदस्य हमेशा रोगी का अभिभावक बने। अस्पताल में किसी एक व्यक्ति को मरीज की हालत, दवाइयों और अपॉइंटमेंट्स का ध्यान रखने दें—यह गलतफहमियों को कम करता है।

अंत में, अगर आप कोई असुविधा, नई लक्षण या गलती महसूस करें तो तुरंत रिपोर्ट करें। अस्पतालों में शिकायत या सुरक्षा हेल्पलाइन होती है—इन्हें इस्तेमाल करना शर्म की बात नहीं।

मरीजों की सुरक्षा जटिल नहीं है। थोड़ी सजगता, सवाल करने की हिम्मत और सही जानकारी आपको बड़े खतरे से बचा सकती है। अगले अस्पताल विजिट पर ये छोटे कदम आजमाइए और अपने अनुभव को बेहतर बनाइए।

पलक्कड़ जिला अस्पताल में आग से अफरातफरी, मरीजों की तत्परता से बचाई गई जान

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Anindita Verma फ़र॰ 16 0 टिप्पणि

केरल के पलक्कड़ जिला अस्पताल में 16 फरवरी 2025 को आधी रात के समय आग लग गई। आग की शुरुआत नर्सों के चेंजिंग रूम से हुई, जिसके तुरंत बाद मरीजों की सुरक्षित निकासी कर ली गई। फायर फाइटर्स ने तेजी से प्रतिक्रिया देकर आग पर काबू पाया। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

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