RBI का PPBL पर प्रतिबंध: बड़ी चुनौती नहीं थी, विजय शेखर शर्मा ने बताया असली संघर्ष

RBI का PPBL पर प्रतिबंध: बड़ी चुनौती नहीं थी, विजय शेखर शर्मा ने बताया असली संघर्ष
मान्या झा जुल॰ 8 0 टिप्पणि

आरबीआई के प्रतिबंध पर विजय शेखर शर्मा का बयान

Paytm के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा Paytm Payments Bank Ltd (PPBL) पर लिए गए विनियामक एक्शन को उन्होंने कंपनी के लिए सबसे बड़ा झटका नहीं माना। शर्मा ने बताया कि असल में कंपनी के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय वह था जब 2013-14 में समझौतों को अंतिम रूप देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था और कई निवेशक आखिरी समय पर पीछे हट गए थे।

RBI के एक्शन का असर

आरबीआई ने PPBL पर कई गंभीर निगरानी चिंताओं और लगातार अनुपालन में असफलता के कारण यह प्रतिबंध लगाया था। इस प्रतिबंध के तहत PPBL को जमा राशि लेने, क्रेडिट देने या टॉप-अप ट्रांजेक्शन प्रोसेस करने से रोक दिया गया था। इसका प्रभाव यह हुआ कि Paytm के शेयरों में भारी गिरावट आई। लेकिन विजय शेखर शर्मा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि यह उनकी कंपनी के लिए सबसे बड़ी चुनौती नहीं थी।

पुराने संघर्षों की यादें

शर्मा ने कहा कि 2013-14 के दौरान Paytm को कई बड़े संघर्षों का सामना करना पड़ा था। उस समय कई निवेशक आखिरी समय पर अपने से कदम खींच लेते थे जिससे कंपनी को वित्तीय रूप से बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा, कई महत्वपूर्ण समझौतों को अंतिम रूप देने में देरी हो रही थी जो कंपनी की विकास योजना को प्रभावित कर रही थी। यह वक्त कंपनी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और कठिनाइयों से भरा था।

कंपनी का विजन

शर्मा ने बताया कि कंपनी ने आरबीआई के इस एक्शन से सबक लिया है और इसे सुधार की दिशा में एक अवसर के रूप में देखा है। Paytm का विजन है कि वह $100 बिलियन की कंपनी बने। शर्मा ने छोटे व्यवसायों को क्रेडिट उपलब्ध कराने की महत्वता पर जोर दिया और कहा कि भारत को $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए यह बेहद जरूरी है। फिनटेक कंपनियां छोटे व्यवसायों को ₹1000 तक के छोटे-छोटे लोन देकर इसमें योगदान दे सकती हैं और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकती हैं।

Paytm की भविष्य की योजना

Paytm अभी भी अपने मिशन पर दृढ़ है और कंपनी अब इस घटना से सबक ले कर आगे बढ़ने को तैयार है। शर्मा का मानना है कि छोटे व्यवसायों और छोटे निवेशों को सुविधा देकर बड़ी आर्थिक विकास प्राप्त की जा सकती है। उनका यह भी कहना है कि डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में Paytm ने एक मजबूत आधार बनाया है और कंपनी की योजना है कि वह इस क्षेत्र में और अधिक नवाचार लाकर छोटे व्यापारियों और ग्राहकों के लिए अधिक सुविधाजनक सेवाएं प्रस्तुत करे।

आने वाले समय में चुनौतियां

भारत में डिजिटल लेन-देन और फिनटेक के क्षेत्र में अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं। विशेषकर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं का पहुंच अभी भी एक बड़ा मुद्दा है। Paytm का उद्देश्य है कि वह अपनी सेवाओं को इन क्षेत्रों में भी पहुंचाए और अधिक से अधिक लोगों को डिजिटल भुगतान के साथ जोड़ सके। शर्मा का मानना है कि यह केवल टेक्नोलॉजी के माध्यम से ही संभव हो सकता है और इसके लिए निरंतर नवाचार की आवश्यकता है।

आरबीआई और फिनटेक कंपनियों के बीच तालमेल

आरबीआई के साथ बेहतर तालमेल और अनुपालन का महत्व अब Paytm स्पष्ट रूप से समझ चुकी है। शर्मा ने कहा कि फिनटेक कंपनियों को आरबीआई के मानकों और नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है ताकि वित्तीय प्रणाली की स्थिरता बनी रहे। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगात्मक गलतियों से सीखने का समय है और कंपनी अब इसके समाधान की दिशा में सक्रिय है।

Paytm की विकास संभावनाएं

शर्मा ने कहा कि Paytm की विकास संभावनाएं असीमित हैं। आरबीआई का यह एक्शन उनके लिए एक सबक के तौर पर आया है जिससे उन्होंने और भी सावधानी से आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। Paytm अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए नए-नए अवसरों को तलाशने का प्रयास जारी रखेगी और भारत की अर्थव्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।

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